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क्रिसमस से ठीक पहले धरती पर मचेगी तबाही! पृथ्वी के पास से गुजर रहा ये बड़ा खतरा

नासा ने किया खुलासा, क्रिसमस से ठीक पहले पृथ्वी के करीब से गुजरेगा विशाल एस्टेरॉयड, जानिए वैज्ञानिकों ने क्यों बताया इसे खास।

By Praveen Singh
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क्रिसमस से ठीक पहले धरती पर मचेगी तबाही! पृथ्वी के पास से गुजर रहा ये बड़ा खतरा

24 दिसंबर को अंतरिक्ष में एक अनोखी घटना देखने को मिलेगी। नासा (NASA) के वैज्ञानिकों ने जानकारी दी है कि 120 फीट लंबा एस्टेरॉयड 2024 XN1 पृथ्वी के बेहद पास से गुजरने वाला है। यह एस्टेरॉयड 14,743 मील प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है और पृथ्वी से लगभग 4,480,000 मील की दूरी पर गुजरने की संभावना है। यह दूरी धरती और चंद्रमा के बीच की दूरी का 16 गुना है। हालांकि, वैज्ञानिकों ने आश्वासन दिया है कि यह घटना पृथ्वी के लिए किसी भी खतरे का कारण नहीं बनेगी।

क्यों खास है यह एस्टेरॉयड?

यह घटना न केवल वैज्ञानिक दृष्टि से रोमांचक है, बल्कि 2024 XN1 जैसे एस्टेरॉयड्स के अध्ययन से प्रारंभिक सौरमंडल की उत्पत्ति और उसके विकास को समझने में मदद मिलती है। वैज्ञानिकों का मानना है कि ऐसे एस्टेरॉयड्स ब्रह्मांड में होने वाली प्रक्रियाओं की गहरी जानकारी प्रदान कर सकते हैं। नासा इस एस्टेरॉयड के मार्ग को समझने और उसकी निगरानी के लिए अत्याधुनिक ट्रैकिंग तकनीकों का उपयोग कर रहा है।

अगले पांच एस्टेरॉयड्स में सबसे बड़ा

नासा के एस्टेरॉयड वॉच डैशबोर्ड के मुताबिक, 2024 XN1 अगले पांच एस्टेरॉयड्स में सबसे बड़ा है जो पृथ्वी के पास से गुजरेंगे। इस डैशबोर्ड का उपयोग वैज्ञानिक पृथ्वी के करीब आने वाले सभी क्षुद्रग्रहों और धूमकेतुओं की निगरानी के लिए करते हैं। यह प्लेटफॉर्म एस्टेरॉयड्स की निकटतम दूरी, उनकी गति और उनके आकार की सटीक जानकारी प्रदान करता है। नासा के अनुसार, इस प्रकार के डेटा से वैज्ञानिक पृथ्वी पर अंतरिक्ष से आने वाले संभावित खतरों का पहले ही अनुमान लगा सकते हैं।

क्या होते हैं एस्टेरॉयड?

एस्टेरॉयड्स खगोलीय पिंड होते हैं, जो ब्रह्मांड में निरंतर घूमते रहते हैं। ये पिंड धातु और चट्टानों से बने होते हैं और आकार में किसी भी ग्रह से छोटे लेकिन उल्कापिंडों से बड़े होते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि किसी ग्रह या तारे के टूटने के कारण एस्टेरॉयड्स का निर्माण होता है। हमारे सौरमंडल में लगभग 20 लाख एस्टेरॉयड्स चक्कर लगा रहे हैं।

नासा की ट्रैकिंग तकनीक

नासा 2024 XN1 जैसे एस्टेरॉयड्स की ट्रैकिंग के लिए विशेष तकनीकों का उपयोग करता है। यह तकनीक न केवल इन पिंडों की गति को मापती है, बल्कि उनके पृथ्वी के पास आने के समय और दूरी की भी गणना करती है। इसके जरिए वैज्ञानिक किसी भी संभावित खतरे की पहचान पहले ही कर सकते हैं और आवश्यक कदम उठा सकते हैं।

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वैज्ञानिकों की नजर क्यों है 2024 XN1 पर?

2024 XN1 जैसे एस्टेरॉयड्स के अध्ययन से यह समझा जा सकता है कि प्रारंभिक सौरमंडल कैसे बना और उसकी संरचना कैसी थी। नासा इस घटना को लेकर उत्साहित है क्योंकि यह भविष्य के शोध और अंतरिक्ष विज्ञान की दिशा में नई संभावनाएं खोल सकता है।

क्या है खतरे की संभावना?

भले ही यह एस्टेरॉयड पृथ्वी के बेहद करीब से गुजर रहा हो, लेकिन नासा ने स्पष्ट किया है कि इससे पृथ्वी को कोई खतरा नहीं होगा। इसके बावजूद वैज्ञानिक इस घटना पर नजर बनाए हुए हैं ताकि किसी भी आकस्मिक घटना का पूर्वानुमान लगाया जा सके।

एस्टेरॉयड्स का भविष्य में क्या महत्व है?

भविष्य में ऐसे एस्टेरॉयड्स के अध्ययन से अंतरिक्ष अन्वेषण के नए दरवाजे खुल सकते हैं। वैज्ञानिक यह भी मानते हैं कि इन पिंडों में मौजूद खनिज और धातुएं अंतरिक्ष में संसाधनों की खोज के लिए उपयोगी साबित हो सकती हैं।

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