
केंद्रीय कर्मचारियों को 8th Pay Commission की घोषणा का बेसब्री से इंतजार है। 7th Pay Commission के लागू होने के 10 साल पूरे होने को हैं और यह परंपरा रही है कि प्रत्येक दशक में नया वेतन आयोग गठित किया जाता है। केंद्रीय कर्मचारियों को उम्मीद है कि सरकार जल्द ही इस दिशा में कोई ठोस कदम उठाएगी।
हालांकि, अब तक इस विषय पर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। जानकारों का मानना है कि सरकार इस मुद्दे पर 2025 के यूनियन बजट के दौरान निर्णय ले सकती है।
7वें वेतन आयोग की पृष्ठभूमि
7वें वेतन आयोग का गठन 28 फरवरी 2014 को तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार में हुआ था। आयोग की अध्यक्षता जस्टिस अशोक कुमार माथुर ने की थी। इसका उद्देश्य सभी केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन और भत्तों की समीक्षा करना था।
यह आयोग 1 जनवरी 2016 से लागू हुआ, और इसके तहत किए गए सिफारिशों को 1 जुलाई 2016 से प्रभावी किया गया। 7th Pay Commission ने कर्मचारियों के वेतन ढांचे और महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) में महत्वपूर्ण बदलाव किए, जिससे लाखों सरकारी कर्मचारियों को सीधा लाभ मिला।
क्या कहती है सरकार?
हाल ही में राज्यसभा में इस मुद्दे को लेकर सरकार से सवाल पूछा गया। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने अपने लिखित जवाब में बताया कि फिलहाल 8वें वेतन आयोग के गठन पर कोई विचार नहीं किया जा रहा है। उनके बयान ने कर्मचारियों की उम्मीदों को झटका दिया है, लेकिन जानकारों का कहना है कि सरकार भविष्य में इस विषय पर कोई निर्णय ले सकती है।
यूनियन बजट 2025 से संभावनाएं जुड़ीं
कई विशेषज्ञों का मानना है कि 2025 में प्रस्तुत किए जाने वाले केंद्रीय बजट में 8वें वेतन आयोग की घोषणा हो सकती है। वेतन आयोग के गठन में सरकार के सामने कई आर्थिक और सामाजिक मुद्दों को ध्यान में रखना पड़ता है, जिसमें बजट आवंटन, वित्तीय स्थिति और महंगाई की दर जैसी चुनौतियां शामिल हैं।
कर्मचारियों की मांगें और उम्मीदें
केंद्रीय कर्मचारी लगातार 8th Pay Commission की मांग कर रहे हैं। उनका मानना है कि वर्तमान महंगाई और जीवन यापन के खर्च को देखते हुए वेतन में बढ़ोतरी आवश्यक है।
कर्मचारियों को उम्मीद है कि नए आयोग के तहत उनकी सैलरी और भत्तों में पर्याप्त इजाफा होगा। खासतौर पर महंगाई भत्ते (DA) में बढ़ोतरी उनकी प्राथमिक मांग है।
7वें वेतन आयोग से मिले लाभ
7वें वेतन आयोग ने न केवल वेतन में वृद्धि की, बल्कि नए वेतन ढांचे के साथ कर्मचारियों को अन्य कई फायदे भी दिए। इसमें ग्रेड पे (Grade Pay) और पे मैट्रिक्स (Pay Matrix) जैसे कारक शामिल थे, जो वेतन निर्धारण को अधिक पारदर्शी और संगत बनाते हैं।
इसके अतिरिक्त, रिटायरमेंट के बाद मिलने वाले लाभों में भी वृद्धि की गई, जिससे पेंशनभोगियों को राहत मिली।
क्या कहती हैं मौजूदा स्थितियां?
8वें वेतन आयोग की घोषणा को लेकर अब तक कोई ठोस संकेत नहीं मिले हैं। हालांकि, वित्त मंत्रालय ने यह भी साफ नहीं किया है कि भविष्य में इस पर विचार नहीं किया जाएगा।
सरकार की आर्थिक प्राथमिकताएं और विकास योजनाएं इस पर असर डाल सकती हैं। ऐसे में कर्मचारियों को इंतजार करना होगा कि सरकार कब और कैसे इस मुद्दे पर आगे बढ़ती है।
क्या होगी भविष्य की राह?
यदि 8th Pay Commission की घोषणा होती है, तो यह न केवल कर्मचारियों की सैलरी में वृद्धि करेगा, बल्कि सरकार और कर्मचारियों के बीच विश्वास को भी मजबूती देगा। अभी तक जो संकेत मिल रहे हैं, उनसे लगता है कि सरकार इस मुद्दे पर बहुत सोच-समझकर आगे बढ़ेगी।