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सरकार का बड़ा फैसला, NRC के लिए नहीं भरा फॉर्म तो नहीं मिलेगा आधार कार्ड

असम सरकार ने बांग्लादेशी घुसपैठ को रोकने के लिए आधार कार्ड प्रक्रिया में किया कड़ा बदलाव। क्या आपको भी एनआरसी में आवेदन करना होगा? इस नए फैसले के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारी जानें, और जानें कि यह नियम आपके लिए कैसे असरदार हो सकता है!

By Praveen Singh
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सरकार का बड़ा फैसला, NRC के लिए नहीं भरा फॉर्म तो नहीं मिलेगा आधार कार्ड

असम सरकार ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण घोषणा की, जिसमें यह कहा गया कि जिन लोगों ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) में अब तक आवेदन नहीं किया है, उन्हें अब आधार कार्ड जारी नहीं किया जाएगा। राज्य सरकार का यह कदम बांग्लादेश से हो रही घुसपैठ को रोकने के उद्देश्य से लिया गया है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने इस फैसले को सार्वजनिक करते हुए कहा कि यह कदम असम में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने और अवैध प्रवासियों की पहचान करने के लिए उठाया गया है।

बांग्लादेशी घुसपैठ पर चिंतित असम सरकार

मुख्यमंत्री सरमा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पिछले कुछ महीनों में असम पुलिस, त्रिपुरा पुलिस और सीमा सुरक्षा बल (एसएसबी) ने बांग्लादेशी घुसपैठियों को पकड़ने में सफलता प्राप्त की है। इस बढ़ती घुसपैठ से असम सरकार चिंतित है, और इस समस्या के समाधान के लिए एक मजबूत कदम उठाना जरूरी था। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस दिशा में एनआरसी और आधार कार्ड प्रक्रिया को कड़ा किया गया है, ताकि अवैध प्रवासियों को पहचान पत्र मिलने से रोका जा सके।

आधार कार्ड के लिए नए सत्यापन नियम

अब से आधार कार्ड आवेदन करने वालों के लिए राज्य सरकार द्वारा सत्यापन प्रक्रिया को और कड़ा कर दिया जाएगा। यूआईडीएआई द्वारा आधार आवेदन राज्य सरकार के पास भेजे जाएंगे, जहां स्थानीय सर्किल अधिकारी यह जांच करेंगे कि क्या आवेदक या उसके परिवार ने एनआरसी में आवेदन किया है या नहीं। अगर एनआरसी में आवेदन नहीं किया गया होगा, तो आधार कार्ड का आवेदन तुरंत निरस्त कर दिया जाएगा और इस बारे में केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेजी जाएगी। अगर एनआरसी में आवेदन किया गया है, तो स्थानीय अधिकारियों द्वारा क्षेत्रीय स्तर पर सत्यापन किया जाएगा।

केंद्र सरकार के कर्मचारियों पर प्रभाव नहीं

मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि यह नया आदेश केंद्र सरकार के कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा, जो असम के बाहर कार्यरत हैं और जिन्होंने एनआरसी में आवेदन नहीं किया है। यह निर्णय केवल उन नागरिकों के लिए लागू होगा, जो असम राज्य में निवास कर रहे हैं।

एनआरसी सूची के आंकड़े और स्थिति

असम में 31 अगस्त 2019 को अंतिम एनआरसी सूची जारी की गई थी, जिसमें 19,06,657 आवेदनकर्ताओं को बाहर किया गया था। कुल 3,11,21,004 नामों को शामिल किया गया, जबकि 3,30,27,661 लोगों ने एनआरसी में आवेदन किया था। यह आंकड़ा असम में बांग्लादेशी घुसपैठियों के मुद्दे पर गहरे संदेह को जन्म देता है, और सरकार इस तरह के कदमों को उठाकर सुनिश्चित करना चाहती है कि असम में केवल वैध नागरिकों को ही सरकारी लाभ और सेवाएं प्राप्त हों।

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(FAQs)

1. असम सरकार के द्वारा आधार कार्ड प्रक्रिया को कड़ा करने का मुख्य उद्देश्य क्या है?
सरकार का मुख्य उद्देश्य बांग्लादेशी घुसपैठ को रोकना है, और केवल उन लोगों को आधार कार्ड जारी करना है जो राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) में शामिल हैं।

2. अगर किसी ने एनआरसी में आवेदन नहीं किया है, तो उन्हें आधार कार्ड क्यों नहीं मिलेगा?
यह कदम अवैध प्रवासियों को पहचान पत्र प्रदान करने से रोकने के लिए उठाया गया है। अगर किसी ने एनआरसी में आवेदन नहीं किया, तो उनका आधार आवेदन अस्वीकृत कर दिया जाएगा।

3. क्या यह नियम केंद्र सरकार के कर्मचारियों पर लागू होगा?
नहीं, यह नया आदेश केंद्र सरकार के कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा, चाहे वे असम के बाहर कार्यरत हों।

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