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Edible Oil: मूंगफली के तेल की कीमत में आई गिरावट, चेक करें सरसों और सोयाबीन तेल का रेट

मूंगफली तेल 7 साल के निचले स्तर पर! सरसों और सोयाबीन तेल के रेट में क्या है बदलाव? किसानों की परेशानियां बढ़ीं, जानिए बाजार में आयातित और घरेलू तेलों की कीमतों पर ताजा अपडेट।

By Praveen Singh
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Edible Oil: मूंगफली के तेल की कीमत में आई गिरावट, चेक करें सरसों और सोयाबीन तेल का रेट
चेक करें सरसों और सोयाबीन तेल का रेट

देश के प्रमुख बाजारों में हाल ही में मूंगफली तेल (Peanut Oil), तिलहन और आयातित सोयाबीन (Soybean) व बिनौला तेल (Cottonseed Oil) की कीमतों में नरमी देखी गई है। मूंगफली तेल-तिलहन के दाम पिछले सात-आठ वर्षों के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि कपास फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से कम पर बिनौला सीड (Cottonseed) बेचे जाने से बाजार की धारणा पर नकारात्मक असर पड़ा है। दूसरी ओर, सरसों तेल-तिलहन (Mustard Oil-Oilseeds) के दामों में मामूली सुधार देखा गया है।

मूंगफली तेल और तिलहन की कीमतों में गिरावट

मूंगफली तेल की कीमतें अब पाम और पामोलीन जैसे अन्य खाद्य तेलों से भी कम हो गई हैं। मूंगफली तेल-तिलहन की गिरावट का मुख्य कारण है बिनौला तिलहन की कम कीमत पर बिक्री। इससे किसान और व्यापारी दोनों चिंतित हैं। मूंगफली तेल, जो पहले आयातित और घरेलू खाद्य तेलों में सबसे महंगा था, अब सबसे किफायती विकल्पों में से एक बन गया है। मूंगफली तिलहन के दाम वर्तमान में 5,800-6,000 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास चल रहे हैं, जो पिछले कई वर्षों के न्यूनतम स्तर पर हैं।

सरसों और सोयाबीन तेल में सुधार

सरसों तेल की कीमतों में हल्की तेजी देखी गई है। सर्दियों के मौसम में सरसों तेल की मांग बढ़ने से इसके दामों में सुधार हुआ है। सरसों तिलहन की कीमत 6,475-6,525 रुपये प्रति क्विंटल है, जबकि सरसों तेल दादरी 13,500 रुपये प्रति क्विंटल पर उपलब्ध है।

सोयाबीन तेल के मामले में स्थिति थोड़ी स्थिर है। दिल्ली और इंदौर में सोयाबीन तेल की मांग कमजोर रही, जबकि सोयाबीन डीगम (Soybean Degum) तेल की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई। हालांकि, सरकारी खरीद का इंतजार कर रहे किसानों ने अपनी फसल बाजार में लाने में देरी की, जिससे सोयाबीन तिलहन की कीमतों में सुधार हुआ है।

आयातित तेलों पर प्रभाव

सीपीओ (CPO) और पामोलीन (Palmolein) तेल की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं। दिल्ली में पामोलीन आरबीडी (Refined Bleached Deodorized) की कीमत 14,300 रुपये प्रति क्विंटल है, जबकि कांडला में यह 13,250 रुपये प्रति क्विंटल (बिना जीएसटी) के स्तर पर है। मलेशिया एक्सचेंज में मामूली गिरावट और शिकागो एक्सचेंज में सुधार के बीच, भारत में आयातित तेलों पर मिलाजुला असर देखा गया है।

मूंगफली किसानों की परेशानी

मूंगफली तेल की गिरावट का सीधा असर किसानों पर पड़ा है। बिनौला खल (Cottonseed Cake) की मांग में कमी के चलते मूंगफली खल के खरीदार भी लगभग गायब हो गए हैं। इसके चलते किसानों को अपनी फसल के लिए उचित दाम नहीं मिल पा रहे हैं। कपास की आवक 65 लाख गांठों तक पहुंच गई है, लेकिन सरकारी खरीद सिर्फ 25 लाख गांठों की हुई है। हाजिर बाजार में कपास के दाम MSP से 6-8 प्रतिशत कम हैं, जिससे किसान कमजोर दाम पर बेचने को मजबूर हैं।

तेल-तिलहन बाजार के ताजा भाव

सरसों तिलहन: 6,475-6,525 रुपये प्रति क्विंटल
मूंगफली: 5,975-6,300 रुपये प्रति क्विंटल
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात): 14,450 रुपये प्रति क्विंटल
मूंगफली रिफाइंड तेल: 2,190-2,490 रुपये प्रति टिन
सरसों तेल दादरी: 13,500 रुपये प्रति क्विंटल
सरसों पक्की घानी: 2,255-2,355 रुपये प्रति टिन
सरसों कच्ची घानी: 2,255-2,380 रुपये प्रति टिन
तिल तेल मिल डिलिवरी: 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली: 13,350 रुपये प्रति क्विंटल
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर: 13,200 रुपये प्रति क्विंटल
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला: 9,400 रुपये प्रति क्विंटल
सीपीओ एक्स-कांडला: 13,100 रुपये प्रति क्विंटल
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा): 12,100 रुपये प्रति क्विंटल
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली: 14,300 रुपये प्रति क्विंटल
पामोलिन एक्स-कांडला: 13,250 रुपये प्रति क्विंटल
सोयाबीन दाना: 4,200-4,250 रुपये प्रति क्विंटल
सोयाबीन लूज: 3,900-4,010 रुपये प्रति क्विंटल
मक्का खल (सरिस्का): 4,100 रुपये प्रति क्विंटल

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FAQs

1. मूंगफली तेल के दाम क्यों गिर रहे हैं?
बिनौला तिलहन की कम कीमत और कमजोर बाजार धारणा के कारण मूंगफली तेल के दाम गिरे हैं।

2. सरसों तेल की कीमतें क्यों बढ़ रही हैं?
सर्दियों के मौसम में बढ़ी मांग और कम आवक के कारण सरसों तेल की कीमतों में सुधार हुआ है।

3. सोयाबीन तेल की स्थिति कैसी है?
सोयाबीन तेल की कीमतें दिल्ली और इंदौर में स्थिर हैं, लेकिन डीगम तेल में गिरावट आई है।

4. किसानों पर इस गिरावट का क्या असर पड़ा है?
किसान कमजोर कीमतों के कारण अपनी फसल नहीं बेच पा रहे हैं, जिससे उनकी आय पर असर पड़ा है।

5. क्या सरकार इस समस्या का समाधान कर सकती है?
सरकार को MSP पर खरीद बढ़ाने और तेल-तिलहन की कीमतों में स्थिरता लाने के लिए कदम उठाने की जरूरत है।

सरकार को तेल-तिलहन बाजार की मौजूदा स्थिति पर ध्यान देने की आवश्यकता है। मूंगफली और कपास किसानों की समस्याएं गहराती जा रही हैं। बिनौला तिलहन की कीमतें बढ़ाने और सरकारी खरीद में सुधार से बाजार में स्थिरता आ सकती है।

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