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कब्जा करने वाले से बिना कोर्ट जाए छुड़वा सकते हैं अपनी प्रॉपर्टी, सुप्रीम कोर्ट ने दिया समाधान

क्या आपकी जमीन या घर पर किसी ने कब्जा कर लिया है? सुप्रीम कोर्ट के नए फैसले के बाद, जानें कैसे बिना अदालत का सहारा लिए अपनी संपत्ति को वापस पाया जा सकता है। मालिकाना हक और कानूनी प्रक्रिया की पूरी जानकारी यहां पढ़ें!

By Praveen Singh
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कब्जा करने वाले से बिना कोर्ट जाए छुड़वा सकते हैं अपनी प्रॉपर्टी, सुप्रीम कोर्ट ने दिया समाधान
सुप्रीम कोर्ट ने दिया समाधान

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के हालिया फैसले ने प्रॉपर्टी विवादों को लेकर एक नया दृष्टिकोण पेश किया है। यदि आपकी संपत्ति पर किसी ने अवैध कब्जा कर लिया है, तो आप बिना अदालत का सहारा लिए इसे खाली करा सकते हैं। पूनाराम बनाम मोती राम केस में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि संपत्ति मालिक को अपनी संपत्ति पर बलपूर्वक कब्जा छुड़ाने का अधिकार है, बशर्ते संपत्ति का मालिकाना हक (Property Ownership) उनके नाम हो।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला और मालिकाना हक

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी संपत्ति पर दावा करने के लिए उसके मालिकाना हक के वैध दस्तावेज होना आवश्यक है। बिना पंजीकृत दस्तावेज के कोई भी अचल संपत्ति (Immovable Property) का ट्रांसफर मान्य नहीं होगा। रजिस्ट्रेशन एक्ट 1908 और ट्रांसफर ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट के तहत केवल रजिस्टर्ड दस्तावेज ही मालिकाना हक के लिए मान्य माने जाएंगे।

अवैध कब्जा हटाने की प्रक्रिया

यदि आपकी संपत्ति पर अवैध कब्जा हो गया है, तो आप 12 साल के भीतर बलपूर्वक कब्जा हटा सकते हैं, बशर्ते आप संपत्ति के रजिस्टर्ड मालिक हों। यदि 12 साल से अधिक का समय बीत चुका है, तो आपको अदालत में केस दायर करना होगा। ऐसे मामलों में विशिष्ट राहत अधिनियम 1963 (Specific Relief Act 1963) के तहत कार्रवाई की जाती है।

विशिष्ट राहत अधिनियम की धारा 5 के अनुसार, यदि संपत्ति का मालिकाना हक आपके पास है और किसी ने उस पर अवैध कब्जा किया है, तो आप नागरिक प्रक्रिया संहिता (CPC) के तहत कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं।

अन्य कानूनी धाराएं

  • धारा 406: विश्वास का दुरुपयोग कर संपत्ति हड़पने के मामलों में शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।
  • धारा 467: फर्जी दस्तावेज के आधार पर कब्जा करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाती है।
  • धारा 420: धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े से संबंधित प्रॉपर्टी विवादों के लिए उपयोगी है।

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रॉपर्टी ट्रांसफर (Property Transfer) केवल रजिस्टर्ड दस्तावेजों के आधार पर ही किया जा सकता है। गिफ्ट डीड, पावर ऑफ अटॉर्नी, हलफनामा जैसे दस्तावेज तब तक मान्य नहीं होते जब तक वे रजिस्टर्ड न हों।

(FAQs)

1. क्या मैं 12 साल बाद भी अपनी संपत्ति पर दावा कर सकता हूं?
जी हां, लेकिन इसके लिए अदालत में मामला दायर करना होगा।

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2. क्या बिना पंजीकरण के प्रॉपर्टी ट्रांसफर संभव है?
नहीं, सुप्रीम कोर्ट के अनुसार रजिस्टर्ड दस्तावेज ही वैध माने जाएंगे।

3. अगर कब्जा करने वाला निर्माण कर रहा है तो क्या करना चाहिए?
तुरंत स्टे ऑर्डर प्राप्त करें ताकि संपत्ति पर कोई निर्माण या बिक्री न हो सके।

4. क्या गिफ्ट डीड मान्य है?
गिफ्ट डीड तभी मान्य होगी जब यह रजिस्टर्ड हो।

सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला प्रॉपर्टी विवादों में स्पष्टता लाता है। मालिकाना हक के लिए रजिस्टर्ड दस्तावेज जरूरी हैं, और अवैध कब्जा हटाने के लिए कानूनी अधिकार दिए गए हैं। अगर आपकी संपत्ति पर कब्जा हो गया है, तो सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का पालन कर आप न्याय प्राप्त कर सकते हैं।

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