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बिना जुगाड़ के करवाएं अपना वेटिंग टिकट कंफर्म, इस कोटे का उठायें लाभ, यहाँ जानें सबसे आसान तरीका

त्योहारों और छुट्टियों में वेटिंग टिकट की झंझट खत्म! रेलवे का इमरजेंसी कोटा देगा आपको कंफर्म सीट का भरोसा। सिर्फ एक लेटर और जरूरी दस्तावेज़ से कराएं टिकट फिक्स, जानें इस खास सुविधा की पूरी डिटेल।

By Praveen Singh
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बिना जुगाड़ के करवाएं अपना वेटिंग टिकट कंफर्म, इस कोटे का उठायें लाभ, यहाँ जानें सबसे आसान तरीका
बिना जुगाड़ के करवाएं अपना वेटिंग टिकट कंफर्म

ट्रेन से सफर करना हर किसी को भाता है, लेकिन यह सफर तभी सुहाना होता है जब आपकी सीट कंफर्म हो। खासकर त्योहारों और छुट्टियों के दौरान वेटिंग टिकट या आरएसी टिकट परेशानी का कारण बन सकते हैं। ऐसी स्थिति में रेलवे का इमरजेंसी कोटा (Emergency Quota) आपकी समस्या का समाधान कर सकता है। यह कोटा विशेष रूप से जरूरतमंद यात्रियों की सहायता के लिए तय किया गया है। रेलवे द्वारा जारी गाइडलाइंस के अनुसार, कुछ श्रेणियों के यात्रियों को प्राथमिकता देकर वेटिंग टिकट कंफर्म किए जाते हैं।

इमरजेंसी कोटा से करें वेटिंग टिकट कंफर्म

रेल मंत्रालय के अनुसार, इमरजेंसी कोटा सरकारी अधिकारियों, सांसदों, न्यायाधीशों और विशेष परिस्थितियों वाले यात्रियों की यात्रा को ध्यान में रखते हुए आरक्षित किया गया है। इसमें उनकी अत्यावश्यक यात्रा जरूरतों को प्राथमिकता दी जाती है।

इस कोटा के तहत कंफर्म टिकट पाने के लिए यात्रियों को रेलवे मंत्रालय, जोन कार्यालय या डिवीजन कार्यालय में आवेदन करना होता है। वहां रखे गए एक बॉक्स में यात्री अपनी जरूरत के अनुसार लिखित अनुरोध डाल सकते हैं। इस अनुरोध पत्र के साथ टिकट की फोटो कॉपी और इमरजेंसी से संबंधित दस्तावेज संलग्न करने होते हैं। उदाहरण के तौर पर परीक्षा के एडमिट कार्ड या चिकित्सा प्रमाण पत्र।

कौन-कौन हैं प्राथमिकता सूची में?

इमरजेंसी कोटा का आवंटन एक तय वरीयता क्रम के आधार पर किया जाता है। इसमें सबसे पहले H.O.R धारकों और सांसदों की यात्राओं को प्राथमिकता दी जाती है। इसके बाद अन्य आवश्यक मांगों जैसे सरकारी ड्यूटी, पारिवारिक शोक, गंभीर बीमारी, या नौकरी साक्षात्कार जैसी परिस्थितियों को ध्यान में रखा जाता है।

कितनी सीटें आरक्षित हैं इमरजेंसी कोटा में?

हर ट्रेन में इमरजेंसी कोटा के तहत लगभग 10% सीटें आरक्षित होती हैं। यदि किसी ट्रेन में स्लीपर क्लास के 10 कोच हैं, तो प्रति कोच औसतन 18 सीटें कंफर्म हो सकती हैं। इस प्रकार, कुल मिलाकर 180 सीटें इमरजेंसी कोटा के माध्यम से कंफर्म की जा सकती हैं। यही फार्मूला एसी क्लास पर भी लागू होता है।

भारतीय रेलवे के आंकड़े

भारतीय रेलवे से हर साल करीब 800 करोड़ यात्री सफर करते हैं। यह संख्या हर दिन 2122 प्रीमियम, मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों के संचालन से पूरी होती है। इसके अलावा, 2852 पैसेंजर ट्रेनों की सुविधा भी यात्रियों को उपलब्ध है। रेलवे का मानना है कि अगले 3-4 वर्षों में यह संख्या बढ़कर 1000 करोड़ यात्री प्रतिवर्ष हो सकती है।

वेटिंग टिकट कंफर्म कराने का सबसे आसान तरीका

  • इमरजेंसी कोटा के तहत आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज़ जैसे वेटिंग टिकट की फोटो कॉपी और इमरजेंसी प्रमाण पत्र तैयार करें।
  • आवेदन पत्र में यात्रा की जरूरत स्पष्ट रूप से लिखें और अपना मोबाइल नंबर दर्ज करें।
  • यह आवेदन रेलवे के ज़ोनल कार्यालय, डिवीजन कार्यालय या मंत्रालय में जमा करें।
  • आवेदनों की जांच के बाद प्राथमिकता सूची के अनुसार सीट आवंटित की जाती है।

सरकारी अधिकारी और संसद सदस्य, गंभीर बीमारी या आपातकालीन परिस्थितियों वाले यात्री, सरकारी ड्यूटी पर यात्रा करने वाले कर्मचारी, नौकरी साक्षात्कार या परीक्षा देने वाले उम्मीदवार इस सुविधा का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

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FAQs

1. इमरजेंसी कोटा के तहत कौन-कौन आवेदन कर सकता है?
सांसद, सरकारी अधिकारी, गंभीर बीमारी या आपातकालीन स्थिति वाले यात्री, और सरकारी ड्यूटी पर यात्रा करने वाले आवेदन कर सकते हैं।

2. आवेदन के लिए क्या दस्तावेज़ जरूरी हैं?
टिकट की फोटो कॉपी, इमरजेंसी प्रमाण पत्र (जैसे चिकित्सा प्रमाण पत्र, परीक्षा एडमिट कार्ड) और मोबाइल नंबर सहित एक अनुरोध पत्र।

3. इमरजेंसी कोटा में कितनी सीटें आरक्षित होती हैं?
प्रत्येक ट्रेन में लगभग 10% सीटें इमरजेंसी कोटा के तहत आरक्षित होती हैं।

4. इमरजेंसी कोटा का आवेदन कहां जमा करना होता है?
मंत्रालय, जोनल कार्यालय या डिवीजन कार्यालय में आवेदन जमा करना होता है।

5. क्या इमरजेंसी कोटा में आवेदन करने पर टिकट कंफर्म होना निश्चित है?
यह सीटों की उपलब्धता और प्राथमिकता क्रम पर निर्भर करता है। हालांकि, वरीयता सूची के अनुसार सीटें आवंटित की जाती हैं।

इमरजेंसी कोटा भारतीय रेलवे द्वारा यात्रियों की तत्काल जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। यह सुविधा न केवल यात्रियों को राहत देती है, बल्कि उन्हें बिना किसी ‘जुगाड़’ के टिकट कंफर्म कराने का भरोसा भी देती है।

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