सरसों के तेल पर लगा बैन, यूज करने से पहले जानें क्या हैं कारण?

सरसों का तेल भारतीय रसोई का अभिन्न हिस्सा है, लेकिन अब इसे लेकर एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। अमेरिका में क्यों लगा इस तेल पर बैन? क्या इरुसिक एसिड से है आपका दिल खतरे में? जानें सरसों के तेल के फायदे और नुकसान के बारे में, ताकि आप सुरक्षित रह सकें।

By Praveen Singh
Published on
सरसों के तेल पर लगा बैन, यूज करने से पहले जानें क्या हैं कारण?
सरसों के तेल पर लगा बैन

भारत में सरसों के तेल (Mustard Oil) का प्रयोग रसोई में एक अनिवार्य तत्व की तरह होता है। चाहे वह सब्जी बनाने के लिए हो, नॉन-वेज पकाने के लिए या फिर विभिन्न प्रकार के व्यंजनों में छौंक लगाने के लिए, सरसों का तेल हर भारतीय घर में पाया जाता है। यह तेल अपनी खास तीखी मिट्टी की खुशबू और स्वाद के लिए प्रसिद्ध है।

हाल ही में यह तेल एक नई वजह से चर्चा में है—संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) में सरसों के तेल पर प्रतिबंध (Mustard Oil Ban) लगा दिया गया है। अगर आप भी सरसों के तेल का इस्तेमाल करते हैं तो जानना जरूरी है कि इसके पीछे का कारण क्या है।

सरसों के तेल पर बैन का कारण

संयुक्त राज्य अमेरिका में सरसों के तेल पर बैन लगाने का मुख्य कारण इसके उच्च इरुसिक एसिड (Erucic Acid) स्तर को बताया जा रहा है। यह एक प्रकार का मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड है जो सरसों के तेल में पाया जाता है। हालांकि इरुसिक एसिड की थोड़ी मात्रा को सुरक्षित माना जाता है, लेकिन यदि इसे अधिक मात्रा में लिया जाए तो यह दिल और शरीर के अन्य अंगों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

फूड सेफ्टी एक्सपर्ट्स का कहना है कि इरुसिक एसिड की अधिक मात्रा से दिल की बीमारियों के खतरे में वृद्धि हो सकती है। यह एसिड शरीर में त्वचा, फेफड़े और अन्य अंगों पर भी बुरा असर डाल सकता है। चूहों पर किए गए प्रयोगों से यह बात सामने आई थी कि जब बड़ी मात्रा में इरुसिक एसिड दिया गया, तो यह उनके दिल की सेहत के लिए हानिकारक साबित हुआ।

क्या है इरुसिक एसिड और क्यों है यह खतरे का कारण?

इरुसिक एसिड एक प्रकार का फैटी एसिड होता है, जो सरसों के तेल के साथ-साथ अन्य कुछ वनस्पति तेलों में भी पाया जाता है। यह मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड होता है, जिसका सेवन अधिक मात्रा में दिल की बीमारियों को बढ़ा सकता है।

इस एसिड के प्रभाव पर विभिन्न वैज्ञानिक अध्ययन हुए हैं, जिसमें चूहों पर किए गए प्रयोगों में इसके दिल पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव को देखा गया है। हालांकि, मानवों पर इसके प्रभाव पर अभी तक कोई निर्णायक निष्कर्ष नहीं आया है, लेकिन फिर भी यह खतरे के संकेत के रूप में लिया जा रहा है।

अमेरिका में सरसों के तेल का उपयोग

अमेरिका में सरसों के तेल का इस्तेमाल बहुत सीमित है। वहां भारतीय किराना स्टोर्स में सरसों का तेल बेचा जाता है, लेकिन इन पर यह चेतावनी जरूर होती है कि यह तेल केवल बाहरी प्रयोग के लिए है, यानी इसका उपयोग खाने में नहीं करना चाहिए। हालांकि, भारतीय समुदाय के लोग अमेरिका में भी सरसों के तेल का प्रयोग करते आ रहे हैं और इसे अपने पारंपरिक व्यंजनों में इस्तेमाल करते हैं।

क्या सरसों का तेल पूरी तरह से हानिकारक है?

अमेरिका में सरसों के तेल पर प्रतिबंध लगाया गया है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यह तेल पूरी तरह से हानिकारक है। भारतीय संस्कृति में वर्षों से सरसों का तेल इस्तेमाल हो रहा है, और अधिकांश लोग इसे अपनी रसोई का अभिन्न हिस्सा मानते हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि इरुसिक एसिड की कम मात्रा में उपयोग करना कोई समस्या नहीं है, लेकिन यदि इसका सेवन अत्यधिक मात्रा में किया जाए तो यह स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। सरसों के तेल का सामान्य उपयोग दिल के स्वास्थ्य को नुकसान नहीं पहुंचाता, लेकिन यह तेल उपयुक्त मात्रा में और सही तरीके से इस्तेमाल करना चाहिए।

यह भी देखें सरकारी स्कूलों में बदलेगा छुट्टियों का शेड्यूल, अब DM साहब बताएंगे कब होंगी छुट्टियाँ

सरकारी स्कूलों में बदलेगा छुट्टियों का शेड्यूल, अब DM साहब बताएंगे कब होंगी छुट्टियाँ

भारतीय रसोई में सरसों के तेल का महत्व

भारत में सरसों का तेल न केवल स्वाद को बढ़ाने के लिए, बल्कि इसे एक हेल्दी विकल्प माना जाता है। यह तेल पारंपरिक व्यंजनों में स्वाद और सुगंध का बेहतरीन मिश्रण होता है। इस तेल में ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड की अच्छी खासी मात्रा होती है, जो दिल के लिए फायदेमंद माने जाते हैं। इसके अलावा यह तेल शरीर के रक्त संचार को बेहतर बनाने, सूजन कम करने और त्वचा के लिए भी लाभकारी हो सकता है।

एक्सपर्ट की सलाह

विशेषज्ञों का मानना है कि सरसों के तेल का सही तरीके से और सीमित मात्रा में उपयोग किया जाए तो यह पूरी तरह से सुरक्षित है। हालांकि सरसों के तेल का सेवन लगातार अधिक मात्रा में नहीं किया जाना चाहिए। खाद्य विशेषज्ञ कृष अशोक का कहना है कि कुछ वैज्ञानिक अध्ययनों पर अंध विश्वास नहीं करना चाहिए, क्योंकि हर व्यक्ति की शारीरिक स्थिति और चयापचय अलग होते हैं।

FAQs

1. क्या सरसों का तेल खाने के लिए सुरक्षित है?
यदि इसे सही मात्रा में और सही तरीके से प्रयोग किया जाए तो सरसों का तेल खाने के लिए सुरक्षित है। हालांकि, अधिक मात्रा में इसका सेवन स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।

2. इरुसिक एसिड क्या है और यह कैसे हानिकारक हो सकता है?
इरुसिक एसिड एक मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड है, जो सरसों के तेल में पाया जाता है। अधिक मात्रा में इसका सेवन दिल और शरीर के अन्य अंगों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

3. अमेरिका में सरसों के तेल पर बैन क्यों लगाया गया है?
अमेरिका में सरसों के तेल पर बैन इसलिए लगाया गया क्योंकि इसमें इरुसिक एसिड का उच्च स्तर होता है, जो दिल की बीमारियों के खतरे को बढ़ा सकता है।

4. क्या सरसों के तेल का कोई फायदा भी है?
हां, सरसों के तेल में ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड होते हैं, जो दिल के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। इसके अलावा, यह त्वचा और रक्त संचार के लिए भी लाभकारी है।

5. क्या सरसों के तेल का प्रयोग बंद कर देना चाहिए?
नहीं, अगर आप इसे सही तरीके से और सीमित मात्रा में इस्तेमाल करते हैं तो सरसों का तेल पूरी तरह से सुरक्षित है। हालांकि, इसे अत्यधिक मात्रा में इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।

भारत में सरसों के तेल का उपयोग सदियों से होता आ रहा है और इसे एक पारंपरिक और स्वादिष्ट विकल्प माना जाता है। हालांकि, अमेरिका में इसके उच्च इरुसिक एसिड स्तर के कारण बैन लगाया गया है, लेकिन यह जरूरी नहीं कि इसका मतलब यह हो कि यह तेल पूरी तरह से हानिकारक है। अगर आप सरसों के तेल का इस्तेमाल करते हैं, तो इसको सही मात्रा में और सावधानीपूर्वक प्रयोग करें, ताकि इसके लाभकारी प्रभावों का पूरा लाभ लिया जा सके।

यह भी देखें गोरा नहीं कर पाई गोरा करने की क्रीम, कोर्ट ने युवक को कंपनी से दिलवाए 15 लाख, क्या आप भी करते है इस्तेमाल

गोरा नहीं कर पाई गोरा करने की क्रीम, कोर्ट ने युवक को कंपनी से दिलवाए 15 लाख, क्या आप भी करते है इस्तेमाल

Leave a Comment