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1 जनवरी से बदल जाएंगे Ration Card के नियम! चावल-गेहूं मिलेगा कम, लाखों कार्ड होंगे रद्द

सरकार के नए फैसले से राशन कार्ड धारकों को बड़ा झटका, 1 जनवरी से लागू होंगे नए नियम – जानें आपके लिए क्या बदलेगा!

By Praveen Singh
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1 जनवरी से बदल जाएंगे Ration Card के नियम! चावल-गेहूं मिलेगा कम, लाखों कार्ड होंगे रद्द

देश के गरीबों और जरुरतमंदों के लिए भारत सरकार की योजनाएं बेहद महत्वपूर्ण हैं। समाज के हर वर्ग तक मदद पहुंचाने के उद्देश्य से सरकार समय-समय पर कई कदम उठाती है। इन्हीं योजनाओं के तहत सरकार ने गरीब और निम्न आय वर्ग के लोगों को सब्सिडी वाले अनाज उपलब्ध कराने का प्रावधान किया है। हालांकि, अब सरकार ने राशन कार्ड के नियमों और अनाज की मात्रा में बड़ा बदलाव करने का निर्णय लिया है, जो 1 जनवरी 2025 से लागू होगा।

राशन कार्ड पर मिलने वाले अनाज की मात्रा में हुआ बड़ा बदलाव

नई राशन वितरण प्रणाली के तहत चावल और गेहूं की मात्रा को दोबारा निर्धारित किया गया है। पहले जहां एक व्यक्ति को तीन किलो चावल और दो किलो गेहूं मिलता था, अब इसे बदलकर 2.5 किलो चावल और 2 किलो गेहूं कर दिया गया है। इस बदलाव से चावल की मात्रा में आधे किलो की कटौती की गई है।

अंत्योदय राशन कार्ड धारकों के लिए भी राशन की मात्रा में बदलाव किया गया है। पहले उन्हें 21 किलो चावल और 14 किलो गेहूं मिलता था, लेकिन अब 18 किलो चावल और 17 किलो गेहूं दिया जाएगा। यह बदलाव सरकार ने पोषण और खाद्य सुरक्षा को संतुलित करने के उद्देश्य से किया है।

सरकार का मानना है कि चावल की खपत को नियंत्रित कर गेहूं की उपलब्धता बढ़ाई जा सकती है, जिससे जरुरतमंद लोगों को बेहतर पोषण और भोजन का संतुलन मिल सके।

ई-केवाईसी अनिवार्य: राशन कार्ड रद्द होने का खतरा

सरकार ने राशन कार्ड से जुड़े नियमों को और पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए ई-केवाईसी (e-KYC) को अनिवार्य कर दिया है। जिन लोगों ने अब तक ई-केवाईसी नहीं करवाई है, उनका राशन कार्ड 1 जनवरी 2025 से रद्द हो सकता है। ऐसे में उन व्यक्तियों को न तो मुफ्त राशन मिलेगा और न ही कम कीमत पर राशन का लाभ मिल पाएगा।

ई-केवाईसी प्रक्रिया को लागू करने का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सरकार की योजनाओं का वास्तविक लाभ जरूरतमंदों तक ही पहुंचे। इससे राशन वितरण में धांधली और फर्जी राशन कार्ड धारकों को रोका जा सकेगा।

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खाद्य सुरक्षा और पारदर्शिता पर जोर

सरकार ने इस बदलाव के पीछे दो मुख्य कारण बताए हैं। पहला, खाद्य सुरक्षा को मजबूत करना और दूसरा, राशन वितरण प्रणाली में पारदर्शिता लाना। नए नियमों के तहत, राशन वितरण में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोकने के लिए डिजिटलीकरण और ई-केवाईसी को जरूरी किया गया है।

यह कदम सुनिश्चित करेगा कि गरीब और जरुरतमंद लोग बिना किसी बाधा के राशन प्राप्त कर सकें। साथ ही, राशन की मात्रा में बदलाव से पोषण के मानकों को भी बेहतर बनाने का प्रयास किया गया है।

राशन वितरण प्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाने का प्रयास

नए नियमों के तहत, सरकार ने इस बात पर भी जोर दिया है कि राशन वितरण प्रणाली को अत्यधिक सरल और प्रभावी बनाया जाए।

  • अब राशन वितरण की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन ट्रैक की जा सकेगी, जिससे वितरण में पारदर्शिता बढ़ेगी।
  • डिजिटल कार्ड के माध्यम से लाभार्थियों की पहचान को प्रमाणित किया जाएगा, जिससे गलत लाभार्थियों को बाहर किया जा सके।

बदलाव से जुड़ी चिंताएं और उम्मीदें

हालांकि, राशन की मात्रा में कटौती से कुछ परिवारों को समस्या हो सकती है, लेकिन सरकार का कहना है कि पोषण और खाद्य सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए यह निर्णय लिया गया है। इससे गरीब वर्ग को पौष्टिक भोजन सुनिश्चित किया जाएगा और योजना का लाभ सही लोगों तक पहुंचेगा।

सरकार को उम्मीद है कि इन बदलावों से राशन वितरण प्रणाली में सुधार होगा और जरुरतमंद परिवारों को उनकी जरूरत के अनुसार भोजन मिल सकेगा।

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