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स्कूल की छुट्टियों में 8 दिनों की कटौती, शिक्षकों में आक्रोश, कर रहे छुट्टी की मांग

वर्ष 2025 की अवकाश सूची में व्यापक खामियां, शिक्षकों ने जताई नाराजगी। जानिए, कैसे स्थानीय संस्कृति और जरूरतों को नजरअंदाज कर दिया गया!

By Praveen Singh
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स्कूल की छुट्टियों में 8 दिनों की कटौती, शिक्षकों में आक्रोश, कर रहे छुट्टी की मांग

स्‍कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा जारी वर्ष 2025 की प्राथमिक, मध्य, सहायता प्राप्त और उच्च विद्यालयों की एकीकृत अवकाश तालिका विवादों में घिर गई है। शिक्षकों और संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि नई तालिका में व्यापक त्रुटियां हैं, जो स्थानीय संस्कृति और शिक्षकों की व्यावहारिक जरूरतों को अनदेखा करती हैं। इस निर्णय के खिलाफ अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने कड़ा विरोध जताया है।

ग्रीष्म अवकाश में कटौती

नई अवकाश तालिका के अनुसार, ग्रीष्म अवकाश को घटाकर 12 दिन कर दिया गया है, जो पहले 20 दिनों का होता था। संघ के मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद ने इसे शिक्षकों के साथ अन्याय करार दिया है। उनका कहना है कि शिक्षकों के अर्जित अवकाश को कम करके ग्रीष्म अवकाश प्रदान करना पहले से ही उनकी सहूलियतों में कटौती थी। अब इसे और कम करना अनुचित है, खासकर जब अन्य राज्य कर्मचारियों को 33 दिन का अर्जित अवकाश मिलता है।

संघ की मांग है कि ग्रीष्म अवकाश को यथावत रखा जाए या इसे समाप्त कर शिक्षकों के लिए अर्जित अवकाश घोषित किया जाए।

स्थानीय संस्कृति की उपेक्षा

अवकाश तालिका में स्थानीय पर्व-त्यौहारों को शामिल न करने पर भी शिक्षकों ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है। झारखंड के हर जिले में अलग-अलग सांस्कृतिक पर्व मनाए जाते हैं। उदाहरण के तौर पर, रांची जिले में मनाया जाने वाला टुसू परब एक प्रमुख पर्व है। इस दिन अवकाश न होने से शिक्षक और छात्र, दोनों की उपस्थिति नगण्य रहने की संभावना है।

संघ ने बताया कि स्थानीय पर्वों को शामिल किए बिना तैयार की गई तालिका, शैक्षणिक गतिविधियों और छात्र-शिक्षक उपस्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है।

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उर्दू स्कूलों की अवकाश तालिका में विसंगतियां

उर्दू विद्यालयों में अवकाश तालिका सामान्य विद्यालयों से कुछ अलग होती है। शुक्रवार के अवकाश को शामिल करते हुए इसे 60 दिनों में जोड़ा गया है। इसके अलावा, मुहर्रम और शब-ए-बरात जैसे महत्वपूर्ण पर्वों को नजरअंदाज किया गया है। संघ ने इसे उर्दू विद्यालयों के अधिकारों की अनदेखी बताया है।

तकनीकी और तार्किक खामियां

संघ ने अवकाश सूची में तकनीकी त्रुटियों का भी जिक्र किया है। जैसे, 20 अक्टूबर को मंगलवार और 22 अक्टूबर को बुधवार बताया गया है। इसी तरह, 16 अगस्त को जन्माष्टमी की छुट्टी घोषित की गई है, जो माह का तीसरा शनिवार भी है। इस प्रकार दोहरी छुट्टी दिखाई गई है।

संघ की सिफारिशें

शिक्षकों का कहना है कि अवकाश सूची तैयार करते समय संघ के प्रतिनिधियों और जिला शिक्षा अधिकारियों को शामिल करना चाहिए। स्थानीय जरूरतों और संस्कृति का ध्यान रखते हुए, जिलेवार तालिका बनाई जानी चाहिए।

विरोध में शामिल प्रमुख शिक्षक

संघ के पदाधिकारियों में अनूप केशरी, राममूर्ति ठाकुर, संतोष कुमार, अजय ज्ञानी, और राजेश गुप्ता जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं। इनका कहना है कि अगर शिक्षकों की व्यावहारिक समस्याओं को नजरअंदाज किया गया, तो यह निर्णय शिक्षकों और शिक्षा व्यवस्था, दोनों के लिए नुकसानदायक साबित होगा।

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