उत्तर प्रदेश में शीतलहर का प्रकोप अपने चरम पर है। ठंड और घने कोहरे ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है, जिससे बच्चों और अभिभावकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने स्कूल बंद (School Closed) करने का निर्णय लिया है। लखीमपुर खीरी के डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने नर्सरी से लेकर कक्षा 12वीं तक के सभी स्कूलों में 14 जनवरी तक अवकाश घोषित किया है।
बढ़ती ठंड और स्कूलों पर असर
शीतलहर के चलते उत्तर प्रदेश के कई जिलों में सूर्य देव के दर्शन दुर्लभ हो गए हैं। ठंड इतनी बढ़ गई है कि घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। इसी को ध्यान में रखते हुए लखनऊ समेत कई अन्य जिलों में आठवीं तक के School Closed करने का आदेश दिया गया है। इसके साथ ही कक्षा 9वीं से 12वीं तक के छात्रों के लिए स्कूल का समय बदलकर सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक कर दिया गया है।
इंटर तक की School Closed
लखीमपुर खीरी के डीएम ने डीआईओएस के माध्यम से सभी बोर्डों के नर्सरी से इंटर तक की कक्षाओं को 14 जनवरी तक स्थगित करने का आदेश दिया। हालांकि, प्रायोगिक और प्री-बोर्ड परीक्षाओं को लेकर लचीलापन बरता गया है, जिसमें परीक्षार्थियों को निर्धारित समय पर बुलाने की अनुमति दी गई है।
अन्य जिलों में स्थिति
फर्रुखाबाद और अंबेडकर नगर समेत प्रदेश के अन्य जिलों में भी डीएम ने 14 जनवरी तक स्कूल बंद रखने के निर्देश दिए हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने स्पष्ट किया कि यह कदम बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। प्रदेश के बेसिक स्कूलों की छुट्टियां पहले ही घोषित की जा चुकी थीं, जो 14 जनवरी तक जारी रहेंगी।
FAQs
Q1. किन जिलों में स्कूल बंद किए गए हैं?
लखीमपुर खीरी, लखनऊ, फर्रुखाबाद और अंबेडकर नगर समेत प्रदेश के अधिकांश जिलों में स्कूल बंद रखने के आदेश जारी किए गए हैं।
Q2. क्या प्री-बोर्ड और प्रायोगिक परीक्षाएं स्थगित की गई हैं?
नहीं, प्री-बोर्ड और प्रायोगिक परीक्षाएं तय समय पर होंगी, और छात्रों को निर्धारित समय पर स्कूल बुलाया जाएगा।
Q3. स्कूल कब तक बंद रहेंगे?
अधिकांश जिलों में स्कूल 14 जनवरी तक बंद रहेंगे।
Q4. 9वीं से 12वीं तक के छात्रों के लिए क्या व्यवस्था है?
इन कक्षाओं के लिए स्कूल का समय बदलकर सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक कर दिया गया है।
उत्तर प्रदेश में शीतलहर के चलते बच्चों की सुरक्षा प्राथमिकता बन गई है। लखीमपुर खीरी से लेकर लखनऊ तक, कई जिलों में School Closed रखने का निर्णय सर्दी के बढ़ते प्रकोप का प्रमाण है। प्रशासन का यह कदम छात्रों और उनके परिवारों के लिए राहत लेकर आया है।