SIP vs Lumpsum: लंबी अवधि में बनाना है लाखों का फंड? देखें कहाँ पैसा लगाने पर मिलेगा ज्यादा फायदा

म्यूचुअल फंड में निवेश का प्लान कर रहे हैं? SIP की पावर या Lumpsum का जादू, कौन है बेहतर? एक्सपर्ट की राय के साथ जानिए कौन-सा विकल्प आपको बना सकता है वित्तीय रूप से आजाद, और कैसे बाजार के उतार-चढ़ाव से पा सकते हैं जबरदस्त फायदा। आगे पढ़ें और अपने निवेश को सही दिशा दें!

By Praveen Singh
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SIP vs Lumpsum: लंबी अवधि में बनाना है लाखों का फंड? देखें कहाँ पैसा लगाने पर मिलेगा ज्यादा फायदा
SIP vs Lumpsum

SIP (Systematic Investment Plan) और एकमुश्त निवेश (Lumpsum Investment) दोनों म्युचुअल फंड में निवेश के लोकप्रिय विकल्प हैं। यह तय करना कि SIP vs Lumpsum में से कौन-सा विकल्प बेहतर है, निवेशक की वित्तीय स्थिति, निवेश क्षमता और लक्ष्यों पर निर्भर करता है। SIP निवेशकों को बाजार के उतार-चढ़ाव का फायदा उठाने का अवसर देता है, जबकि एकमुश्त निवेश लंबे समय में कंपाउंडिंग का बड़ा फायदा प्रदान करता है।

SIP: नियमित निवेश का अनुशासित तरीका

SIP निवेशकों को छोटे-छोटे राशि में नियमित निवेश का विकल्प देता है। यह उन लोगों के लिए आदर्श है जिनके पास एकमुश्त रकम नहीं है। SIP का सबसे बड़ा लाभ रुपी कॉस्ट एवरेजिंग है, जिससे बाजार में गिरावट के समय ज्यादा यूनिट्स खरीदी जा सकती हैं। इसके साथ ही कंपाउंडिंग का प्रभाव लंबे समय में निवेश की वैल्यू को बढ़ा देता है। अगर आप हर महीने ₹10,000 का SIP करते हैं और सालाना 12% का रिटर्न मिलता है, तो 10 साल में यह निवेश ₹23,23,391 का फंड बना सकता है।

एकमुश्त निवेश: कंपाउंडिंग का पूरा लाभ

अगर निवेशक के पास बड़ी रकम है, तो एकमुश्त निवेश का विकल्प चुना जा सकता है। यह विकल्प कंपाउंडिंग के जादू का पूरा फायदा देता है। ₹12 लाख की एकमुश्त राशि को म्युचुअल फंड में निवेश करने पर, 12% वार्षिक रिटर्न के साथ, 10 साल में यह राशि ₹37,27,018 तक बढ़ सकती है। हालांकि, यह तरीका बाजार की अस्थिरता के कारण अधिक जोखिमपूर्ण हो सकता है।

SIP क्यों है लंबी अवधि के लिए बेहतर?

SIP निवेशकों के लिए अनुशासन और फ्लेक्सिबिलिटी दोनों प्रदान करता है। यह विकल्प नियमित आय वाले लोगों के लिए सुविधाजनक है। बीपीएन फिनकैप के डायरेक्टर एके निगम बताते हैं कि SIP की सबसे बड़ी खासियत है कि निवेशक को बाजार के समय पर ध्यान देने की जरूरत नहीं होती। साथ ही, हर महीने तय राशि का कटना निवेश को सहज बनाता है।

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SIP vs Lumpsum

SIP उन निवेशकों के लिए आदर्श है जो छोटे-छोटे निवेश से लंबी अवधि में बड़ा फंड बनाना चाहते हैं। वहीं, एकमुश्त निवेश उन लोगों के लिए बेहतर है जिनके पास बड़ी रकम है और जो जोखिम लेने को तैयार हैं। विशेषज्ञ इस बात पर जोर देते हैं कि निवेशकों को अपने वित्तीय लक्ष्यों और जोखिम उठाने की क्षमता के आधार पर विकल्प चुनना चाहिए।

SIP को मैनेज करने के सुझाव

SIP में निवेश करते समय अपने निवेश की नियमित समीक्षा करें। जैसे-जैसे आपकी आय बढ़े, SIP की राशि भी बढ़ाएं। इसके अलावा, अपने निवेश को डाइवर्सिफाई करना जरूरी है ताकि जोखिम कम हो। SIP को अपने व्यक्तिगत लक्ष्यों जैसे बच्चों की पढ़ाई, घर खरीदना या रिटायरमेंट प्लानिंग से जोड़ने से यह ज्यादा प्रभावी हो सकता है।

FAQs

  1. क्या SIP में जोखिम कम होता है?
    हां, SIP में निवेश को समय के साथ विभाजित करने से जोखिम कम होता है और बाजार के उतार-चढ़ाव का लाभ मिलता है।
  2. लंबी अवधि के लिए SIP बेहतर क्यों है?
    कंपाउंडिंग और रुपी कॉस्ट एवरेजिंग SIP को लंबी अवधि के लिए आकर्षक बनाते हैं।
  3. एकमुश्त निवेश कब सही होता है?
    अगर आपके पास बड़ी रकम है और आप उच्च जोखिम सहने के लिए तैयार हैं, तो यह सही विकल्प हो सकता है।
  4. SIP में कितनी फ्लेक्सिबिलिटी होती है?
    आप अपनी जरूरत और बजट के अनुसार SIP राशि को बदल सकते हैं।

SIP vs Lumpsum दोनों के अपने-अपने फायदे और जोखिम हैं। निवेशक को अपनी वित्तीय स्थिति और लक्ष्यों के आधार पर सही विकल्प चुनना चाहिए। SIP नियमित आय वालों के लिए एक आदर्श विकल्प है, जबकि एकमुश्त निवेश उन लोगों के लिए बेहतर है जो उच्च रिटर्न चाहते हैं और बाजार की अस्थिरता का सामना कर सकते हैं।

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