FD Income Tax Notice: एफडी में इनकम टैक्स नोटिस से बचने का सही तरीका जानें, देखें पूरी जानकारी

आपकी फिक्स्ड डिपॉजिट से जुड़े टैक्स प्रॉब्लम्स का हल यहीं है! जानें कैसे सिर्फ छोटे बदलाव करके आप टैक्स कटौती रोक सकते हैं और अपने निवेश को बना सकते हैं पूरी तरह सुरक्षित। यह गाइड आपकी हर समस्या का समाधान है

By Praveen Singh
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FD Income Tax Notice: एफडी में इनकम टैक्स नोटिस से बचने का सही तरीका जानें, देखें पूरी जानकारी
FD Income Tax Notice

फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) एक लोकप्रिय और सुरक्षित निवेश विकल्प है। यह निवेशकों को अपनी जमा राशि पर निश्चित ब्याज अर्जित करने की सुविधा प्रदान करता है। हालांकि, एफडी पर अर्जित ब्याज कर-योग्य आय के अंतर्गत आता है, और इसकी सीमा को पार करने पर आयकर विभाग (Income Tax Department) नोटिस जारी कर सकता है।

फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) क्या है?

एफडी एक ऐसा वित्तीय साधन है जिसमें निवेशक एक निश्चित अवधि के लिए बैंक में राशि जमा करता है और उस पर पूर्वनिर्धारित ब्याज दर प्राप्त करता है। यह निवेश सुरक्षित माना जाता है क्योंकि यह बाजार के उतार-चढ़ाव से प्रभावित नहीं होता। हालांकि, एफडी पर अर्जित ब्याज आपकी कुल वार्षिक आय में शामिल होता है और आयकर के दायरे में आता है।

FD पर आयकर नियम और सीमा

आयकर अधिनियम के अनुसार, यदि आपकी एफडी से अर्जित ब्याज की राशि एक वित्तीय वर्ष में ₹40,000 (सामान्य नागरिकों के लिए) और ₹50,000 (वरिष्ठ नागरिकों के लिए) से अधिक होती है, तो बैंक TDS (Tax Deducted at Source) काट सकता है। यह राशि आयकर विभाग को सूचित की जाती है, जिससे नोटिस आने की संभावना बढ़ जाती है।

आयकर नोटिस से बचने के लिए सही तरीका

FD पर अर्जित ब्याज सीमा का ध्यान रखें
एफडी खोलते समय सुनिश्चित करें कि आपके द्वारा अर्जित ब्याज ₹40,000 (या वरिष्ठ नागरिक के लिए ₹50,000) की सीमा से अधिक न हो। इससे TDS कटने और नोटिस आने की संभावना कम हो जाएगी।

FD को छोटे हिस्सों में विभाजित करें
अपनी एफडी को अलग-अलग बैंकों में विभाजित करना या एक ही बैंक में अलग-अलग खातों के माध्यम से निवेश करना एक अच्छा तरीका है। इससे अर्जित ब्याज की राशि सीमा के भीतर रह सकती है।

फॉर्म 15G/15H का उपयोग करें
यदि आपकी कुल आय कर योग्य सीमा से कम है, तो आप फॉर्म 15G (सामान्य नागरिकों के लिए) या फॉर्म 15H (वरिष्ठ नागरिकों के लिए) भरकर बैंक को सूचित कर सकते हैं। इससे TDS कटौती नहीं होगी।

निवेश योजना की नियमित समीक्षा करें
अपनी एफडी और अन्य निवेश योजनाओं की समीक्षा करना सुनिश्चित करें। इससे आप अपनी अर्जित ब्याज सीमा का सटीक अनुमान लगा सकते हैं और अनावश्यक आयकर दायित्व से बच सकते हैं।

आयकर नोटिस क्यों आता है?

एफडी पर अर्जित ब्याज यदि कर योग्य सीमा को पार कर जाता है, तो बैंक TDS काटकर आयकर विभाग को इसकी सूचना देता है। यदि आपकी कुल आय और ब्याज की जानकारी सही नहीं है, तो विभाग आपकी आय की जांच के लिए नोटिस जारी कर सकता है।

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बैंकों की ब्याज दर और सही योजना का चयन

अलग-अलग बैंक एफडी पर अलग ब्याज दर प्रदान करते हैं। निवेशकों को अपनी जरूरत के अनुसार सबसे उपयुक्त योजना का चयन करना चाहिए। साथ ही, बैंक द्वारा दी जाने वाली ब्याज दर और TDS कटौती की प्रक्रिया की पूरी जानकारी प्राप्त करें।

FAQs

1. FD पर आयकर नोटिस से बचने के लिए अधिकतम कितनी राशि निवेश करें?
यदि आपकी एफडी से अर्जित ब्याज ₹40,000 (सामान्य नागरिकों के लिए) और ₹50,000 (वरिष्ठ नागरिकों के लिए) से अधिक न हो, तो आयकर नोटिस से बचा जा सकता है।

2. क्या एफडी पर ब्याज कर मुक्त हो सकता है?
जी हां, यदि आपकी कुल आय कर योग्य सीमा से कम है और आपने फॉर्म 15G/15H भरा है, तो FD पर TDS कटौती नहीं होगी।

3. क्या FD को अलग-अलग बैंकों में विभाजित करना फायदेमंद है?
हां, ऐसा करने से आपकी ब्याज आय कर योग्य सीमा के भीतर रह सकती है, जिससे TDS कटौती और नोटिस की संभावना कम हो जाती है।

4. क्या वरिष्ठ नागरिकों को एफडी पर अधिक छूट मिलती है?
जी हां, वरिष्ठ नागरिकों के लिए FD पर ब्याज की कर योग्य सीमा ₹50,000 है, जो सामान्य नागरिकों की सीमा से अधिक है।

एफडी एक सुरक्षित और प्रभावी निवेश विकल्प है, लेकिन इसके ब्याज पर कर-योग्य सीमा का ध्यान रखना आवश्यक है। अपनी निवेश योजना को सही तरीके से प्रबंधित करके आप आयकर नोटिस से बच सकते हैं।

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