
30 जनवरी 2025 को सोने की कीमतों (Gold Price) ने इतिहास रच दिया। पहली बार एमसीएक्स पर अप्रैल फ्यूचर्स के भाव 81,000 रुपये प्रति दस ग्राम के पार पहुंच गए। यह अचानक आई तेजी निवेशकों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है। इसके पीछे मुख्य वजह 1 फरवरी 2025 को पेश होने वाले बजट में Import Duty बढ़ने की अटकलें हैं। सरकार के फैसले से पहले बाजार में खरीदारी का दबाव बना हुआ है, क्योंकि अगर ड्यूटी बढ़ती है, तो सोना और महंगा हो सकता है।
सोने की कीमत में आया उछाल
साल 2024 के बजट में सरकार ने गोल्ड-Gold पर इंपोर्ट ड्यूटी 15% से घटाकर 6% कर दी थी। इसका मकसद ज्वेलरी एक्सपोर्ट को बढ़ावा देना था। लेकिन नतीजे उलटे आए। अगस्त 2024 में सोने का इंपोर्ट 104% बढ़कर 10.06 बिलियन डॉलर हो गया, जबकि रत्न और ज्वेलरी एक्सपोर्ट में 23% की गिरावट दर्ज की गई। इसी वजह से सरकार अब ड्यूटी बढ़ाकर इंपोर्ट कंट्रोल करने की योजना बना रही है।
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निवेशकों के लिए क्या मायने हैं?
इंपोर्ट ड्यूटी-Import Duty में बदलाव का सीधा असर घरेलू बाजार की कीमतों पर पड़ता है। अगर ड्यूटी बढ़ती है, तो सोना आयात करने वालों की लागत बढ़ेगी, जिससे देश में गोल्ड-Gold की कीमतें और ऊपर जा सकती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि बजट से पहले निवेशक “सेफ हेवन” के तौर पर सोने में पैसा लगा रहे हैं। हालांकि, ज्वेलरी व्यापारियों को डर है कि महंगा सोना उनके कारोबार पर दबाव डाल सकता है।
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FAQs
- सोने की कीमतें अचानक क्यों बढ़ रही हैं?
बजट 2025 में इंपोर्ट ड्यूटी-Import Duty बढ़ने की संभावना के कारण निवेशक तेजी से खरीदारी कर रहे हैं। - इंपोर्ट ड्यूटी क्या होती है?
यह सरकार द्वारा विदेश से आयातित सोने पर लगाया जाने वाला टैक्स है, जिसका उद्देश्य विदेशी मुद्रा बचाना और घरेलू बाजार को नियंत्रित करना है। - बजट का गोल्ड-Gold कीमतों पर क्या असर होगा?
अगर ड्यूटी बढ़ती है, तो कीमतों में और उछाल आएगा। कटौती होने पर कीमतें स्थिर हो सकती हैं।
गोल्ड-Gold का यह रिकॉर्ड तोड़ दौर निवेशकों के लिए चुनौती और अवसर दोनों लेकर आया है। बजट 2025 में सरकार का फैसला न केवल कीमतों, बल्कि ज्वेलरी इंडस्ट्री और एक्सपोर्ट को भी प्रभावित करेगा। ऐसे में, निवेशकों को बाजार की नब्ज पर ध्यान देते हुए सतर्क रणनीति बनानी चाहिए।