
2025 के बजट में टैक्सपेयर्स के लिए महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिनका प्रभाव विशेष रूप से सैलरी और कैपिटल गेन (Capital Gain) पर पड़ने वाला है। भले ही आपकी वार्षिक आय 12 लाख रुपये से कम हो, फिर भी कुछ मामलों में इनकम टैक्स का भुगतान करना अनिवार्य होगा। यह बदलाव विशेष रूप से उन व्यक्तियों के लिए महत्वपूर्ण है जो शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड, लॉटरी या अन्य विशिष्ट स्रोतों से आय अर्जित करते हैं।
12 लाख रुपये की आय पर कर छूट, लेकिन कुछ शर्तें लागू
बजट 2025 के तहत धारा 87ए (Section 87A) में संशोधन करते हुए सरकार ने न्यू टैक्स रिजीम (New Tax Regime) में रिबेट बढ़ाकर 60,000 रुपये कर दी है। इसका सीधा अर्थ यह है कि जिनकी कुल आय 12 लाख रुपये तक है, उन्हें कोई टैक्स नहीं देना होगा। हालांकि, यह छूट सिर्फ सैलरी, पेंशन, ब्याज, किराए या व्यवसाय से अर्जित आय पर लागू होगी। अगर किसी की आय में कैपिटल गेन, लॉटरी या सट्टेबाजी से हुई कमाई शामिल है, तो उन्हें अलग से कर देना होगा।
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कैपिटल गेन टैक्स: शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म गेन पर टैक्स लागू
अगर कोई व्यक्ति स्टॉक्स, म्यूचुअल फंड, प्रॉपर्टी या अन्य निवेशों से शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (Short-Term Capital Gain – STCG) अर्जित करता है, तो भले ही उसकी कुल आय 12 लाख रुपये से कम हो, उसे कर देना होगा। इस पर 20% की विशेष दर से टैक्स लागू होगा। वहीं, लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (Long-Term Capital Gain – LTCG) पर 12.5% की दर से कर लगाया जाएगा, लेकिन यहां ₹1 लाख तक की छूट दी जाएगी।
लॉटरी, गेमिंग और सट्टेबाजी पर भारी टैक्स
जो लोग लॉटरी, जुए, गेमिंग शो या सट्टेबाजी (Betting, Lottery, Gaming Shows) से कमाई करते हैं, उन्हें 30% की ऊंची दर से कर देना होगा। धारा 87ए के तहत इस तरह की आय पर किसी भी प्रकार की छूट नहीं मिलेगी।
व्यापारिक आय और फ्रीलांसिंग पर भी टैक्स
अगर कोई व्यक्ति फ्रीलांसिंग (Freelancing), व्यापार (Business) या पेशेवर सेवाओं (Professional Services) से आय अर्जित करता है, तो उसे टैक्स स्लैब के अनुसार कर देना होगा। यह उन व्यक्तियों के लिए भी लागू होगा जो पार्ट-टाइम व्यवसाय या स्वतंत्र पेशेवर के रूप में कार्य करते हैं।
कैसे होगा टैक्स का आकलन?
अगर किसी व्यक्ति की कुल आय 12 लाख रुपये है, जिसमें से 8 लाख रुपये सैलरी और 4 लाख रुपये कैपिटल गेन से आते हैं, तो उसे 87ए के तहत केवल 8 लाख रुपये पर 60 हजार रुपये की रिबेट मिलेगी। लेकिन 4 लाख रुपये के कैपिटल गेन पर टैक्स अलग से लगेगा।
- शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन: 4 लाख रुपये की कैपिटल गेन पर 20% कर लगेगा, जिससे व्यक्ति को ₹80,000 टैक्स देना होगा।
- लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन: 4 लाख रुपये में से 1 लाख की छूट के बाद 2.75 लाख रुपये पर 12.5% कर लगेगा, जिससे व्यक्ति को ₹34,375 कर के रूप में देना होगा।
डिविडेंड आय पर भी बदलाव
बजट में डिविडेंड इनकम (Dividend Income) पर TDS की सीमा बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दी गई है, जो पहले 5,000 रुपये थी। इससे म्यूचुअल फंड और स्टॉक निवेशकों को राहत मिलेगी, लेकिन बड़ी डिविडेंड इनकम वालों को अब भी कर भरना होगा।
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FAQs
1. क्या 12 लाख रुपये से कम आय वालों को आयकर भरना होगा?
अगर आय सिर्फ सैलरी, पेंशन, ब्याज, किराए या व्यवसाय से है, तो नहीं। लेकिन अगर इसमें कैपिटल गेन, लॉटरी, गेमिंग या सट्टेबाजी की इनकम शामिल है, तो आयकर देना पड़ेगा।
2. कैपिटल गेन टैक्स के लिए कौन-सा नियम लागू होगा?
शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन पर 20% टैक्स और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (₹1 लाख तक की छूट के बाद) पर 12.5% कर लागू होगा।
3. क्या फ्रीलांसर्स को कर देना होगा?
हां, फ्रीलांसिंग, व्यापार और पेशेवर सेवाओं से हुई आय पर टैक्स स्लैब के अनुसार कर लगेगा, लेकिन धारा 87ए के तहत सीमित छूट मिल सकती है।
4. क्या डिविडेंड आय पर कर लगेगा?
अगर डिविडेंड इनकम 10,000 रुपये से अधिक है, तो TDS कटेगा और यह आपकी कुल आय में जोड़ा जाएगा।
5. क्या पुरानी कर व्यवस्था का चयन किया जा सकता है?
हां, लेकिन नई कर व्यवस्था अधिक लाभकारी है क्योंकि इसमें 12 लाख रुपये तक की सैलरी इनकम पर कर छूट मिलती है।
बजट 2025 में सरकार ने आयकर रिबेट बढ़ाकर सैलरी और बिजनेस आय वालों को राहत दी है। लेकिन कैपिटल गेन, लॉटरी, गेमिंग और अन्य विशिष्ट आय पर टैक्स का प्रावधान बरकरार रखा गया है। इसलिए अगर आपकी कमाई 12 लाख रुपये से कम भी है, लेकिन उसमें कैपिटल गेन, लॉटरी या अन्य उच्च-कर योग्य आय शामिल है, तो आपको इनकम टैक्स भरना ही पड़ेगा।