
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (National Food Security Mission) के तहत अब सरकार ने फर्जी राशन कार्ड (Ration Card Fraud) के मामलों पर सख्त रुख अपनाया है। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने ‘गिवअप’ अभियान शुरू किया है, जिसका उद्देश्य अपात्र व्यक्तियों को योजना से बाहर करना है, ताकि इस योजना का लाभ सही लोगों तक पहुंचे। इस अभियान की शुरुआत के साथ ही सरकार ने फर्जी लाभार्थियों पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
जालोर जिला रसद अधिकारी, नारायण सिंह चारण ने जानकारी दी कि ‘गिवअप’ अभियान के तहत अपात्र व्यक्तियों को स्वेच्छा से योजना से अपना नाम हटाने का अवसर दिया गया है। यदि किसी सक्षम व्यक्ति ने 31 जनवरी 2025 तक अपना नाम स्वेच्छा से हटाने का कदम नहीं उठाया, तो उन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
फर्जी राशन कार्ड को कम करेगा ऑपरेशन गिवअप
गिवअप अभियान का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभ को सही और पात्र लाभार्थियों तक पहुँचाना है। इस योजना के तहत खाद्यान्न और अन्य सहायता केवल उन्हीं लोगों को मिलेगी, जो इसके पात्र हैं। ऐसे व्यक्तियों से अपील की जा रही है, जिनके पास चौपहिया वाहन है, जो आयकरदाता हैं या सरकारी कर्मचारी हैं, वे स्वेच्छा से अपना नाम योजना से हटा लें।
यदि इस प्रक्रिया के तहत फर्जी राशन कार्ड से नाम हटाने वाले सक्षम व्यक्ति बाहर होते हैं, तो योजना में पात्र लोगों को लाभ मिल सकेगा। इसका उद्देश्य भ्रष्टाचार और दुरुपयोग को कम करना भी है।
कानूनी कार्रवाई का प्रावधान
‘गिवअप’ अभियान के तहत अगर सक्षम लोग स्वेच्छा से नाम नहीं हटवाते हैं, तो उन पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसमें आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत जुर्माना और अन्य कानूनी प्रावधान लागू किए जाएंगे। इसके अलावा, अगर कोई फर्जी राशन कार्डधारक पकड़ा जाता है, तो बाजार दर पर खाद्यान्न की वसूली की जाएगी। इस तरह की कार्रवाई से सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि इस योजना का सही तरीके से लाभ हो।
नाम हटाने की सरल प्रक्रिया
गिवअप अभियान के तहत नाम हटाने की प्रक्रिया को बेहद सरल और पारदर्शी बनाया गया है। इच्छुक व्यक्ति को नजदीकी उचित मूल्य की दुकान पर जाकर निर्धारित फॉर्म भरना होगा, जिसमें अपनी जानकारी सही ढंग से भरनी होगी। आवेदन जमा करने के बाद, नाम हटने की पुष्टि प्राप्त की जा सकेगी। यह प्रक्रिया अपात्र लोगों को योजना से बाहर करने का एक आसान तरीका है।
एलपीजी आईडी मैपिंग और अंतिम तिथि
सरकार ने यह भी घोषणा की है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत 450 रुपये में एलपीजी गैस सिलेंडर प्राप्त करने के लिए एलपीजी आईडी मैपिंग अनिवार्य है। इसके लिए अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2024 है। एलपीजी आईडी को सीड करने के लिए लाभार्थियों को आधार नंबर, ई-केवाईसी और एलपीजी आईडी का इस्तेमाल करना होगा।
जो लोग इस प्रक्रिया को समय सीमा के भीतर पूरा नहीं करेंगे, उनका नाम योजना से हटा दिया जाएगा। यह कदम भी खाद्यान्न और अन्य सुविधाओं के वितरण को और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए उठाया गया है।
गिवअप अभियान से मिलने वाले फायदे
गिवअप अभियान के जरिए सरकार कई सुधार लाने का प्रयास कर रही है। इस अभियान से योजना में पात्र लाभार्थियों को प्राथमिकता दी जा सकेगी। इससे भ्रष्टाचार और दुरुपयोग को कम करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, खाद्यान्न और अन्य सुविधाएं केवल उन्हीं लोगों तक पहुंचेंगी, जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा आवश्यकता है। इस अभियान का उद्देश्य योजना को पारदर्शी और प्रभावी बनाना है, ताकि हर व्यक्ति को अपनी जरूरत के अनुसार उचित लाभ मिल सके।
सरकार ने सभी सक्षम व्यक्तियों से अपील की है कि वे स्वेच्छा से अपना नाम योजना से हटवाएं, ताकि सही लाभार्थियों को इसका फायदा मिले। इस प्रक्रिया को सरल और प्रभावी बनाने के लिए उचित मूल्य की दुकानों पर सहायता उपलब्ध कराई गई है। स्वेच्छा से नाम हटवाने वाले व्यक्तियों को किसी प्रकार की कानूनी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
(FAQs)
- क्या गिवअप अभियान से योजना से नाम हटाने की प्रक्रिया कठिन है?
नहीं, यह प्रक्रिया बेहद सरल और पारदर्शी बनाई गई है। आपको नजदीकी उचित मूल्य की दुकान पर जाकर एक फॉर्म भरना होगा और आवेदन जमा करना होगा। - क्या नाम हटवाने के बाद कोई कानूनी कार्रवाई की जाएगी?
यदि आपने स्वेच्छा से नाम हटवाया है तो कोई कानूनी कार्रवाई नहीं होगी। लेकिन यदि आप नाम नहीं हटवाते हैं, तो कानूनी कार्रवाई हो सकती है। - एलपीजी आईडी मैपिंग क्यों जरूरी है?
एलपीजी आईडी मैपिंग खाद्यान्न वितरण योजना को और अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए अनिवार्य है, ताकि पात्र लाभार्थियों को ही इसका लाभ मिले।
‘गिवअप’ अभियान का उद्देश्य खाद्य सुरक्षा योजना को पारदर्शी और प्रभावी बनाना है, ताकि यह योजना सही लोगों तक पहुंचे और भ्रष्टाचार पर नियंत्रण हो सके। यह अभियान सक्षम व्यक्तियों से अपील करता है कि वे स्वेच्छा से अपना नाम हटवाएं, ताकि जरूरतमंदों को इसका लाभ मिल सके। इस कदम से न केवल खाद्यान्न वितरण में सुधार होगा, बल्कि इस योजना की सफलता भी सुनिश्चित होगी।