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Bank Closed: भारत का यह फेमस बैंक हुआ बंद, पैसा डूबने से बचा हाहाकार, चेक करें अपना अकाउंट

RBI ने द सिटी कोऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। 87% ग्राहकों को पूरी रकम मिलेगी, लेकिन 5 लाख रुपये तक की लिमिट तय। जानें, क्यों हुआ ये फैसला और क्या आपकी जमा पूंजी खतरे में है?

By Praveen Singh
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Bank Closed: भारत का यह फेमस बैंक हुआ बंद, पैसा डूबने से बचा हाहाकार, चेक करें अपना अकाउंट
Bank Closed

भारत में बैंकिंग सेक्टर लगातार विस्तारित हो रहा है, लेकिन इस क्षेत्र में सख्ती भी उतनी ही जरूरी है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) समय-समय पर बैंकों की वित्तीय स्थिति की निगरानी करता है और आवश्यक कदम उठाता है। हाल ही में RBI ने महाराष्ट्र स्थित द सिटी कोऑपरेटिव बैंक (The City Cooperative Bank) का लाइसेंस रद्द कर दिया है। इस फैसले ने बैंक के जमाकर्ताओं और वित्तीय क्षेत्र में हलचल मचा दी है।

Bank Closed: भारत का यह फेमस बैंक हुआ बंद

RBI ने जब द सिटी कोऑपरेटिव बैंक की वित्तीय स्थिति का आकलन किया तो पाया कि इस बैंक के पास पर्याप्त पूंजी नहीं है और इसकी कमाई की संभावना भी बेहद कम है। ऐसी स्थिति में बैंक अपने मौजूदा ग्राहकों को भुगतान करने में असमर्थ है।

RBI के अनुसार, बैंक की वित्तीय हालत ऐसी नहीं थी कि वह लंबे समय तक संचालन जारी रख सके। इसे जनहित पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला माना गया और बैंक का लाइसेंस रद्द Bank Closed कर दिया गया। साथ ही, केंद्रीय बैंक ने सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार को बैंक की गतिविधियों पर पूर्ण रोक लगाने और एलुकेटर की नियुक्ति करने का आदेश दिया है।

Bank लाइसेंस रद्द होने के परिणाम

RBI के इस फैसले का सबसे बड़ा सवाल यह है कि ग्राहकों का पैसा क्या होगा? रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया है कि जमाकर्ताओं को उनकी जमा राशि की सुरक्षा सुनिश्चित की गई है।

  • DICGC योजना के तहत सुरक्षा: जमाकर्ताओं को जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (DICGC) के तहत 5 लाख रुपये तक की राशि वापस मिलेगी।
  • कुल जमाकर्ताओं का प्रतिशत: बैंक के लगभग 87% जमाकर्ताओं को उनकी जमा की पूरी राशि मिल जाएगी। DICGC ने पहले ही 230.99 करोड़ रुपये का भुगतान सुनिश्चित कर दिया है।

ग्राहकों पर प्रभाव और रोक के कारण

RBI ने कहा कि द सिटी कोऑपरेटिव बैंक के पास आय का कोई साधन नहीं है और ग्राहकों को उनकी जमा राशि का भुगतान करना भी मुश्किल है। यदि बैंक को संचालन जारी रखने की अनुमति दी जाती, तो इससे ग्राहकों के हितों पर गंभीर प्रभाव पड़ता।

बैंक किसी भी प्रकार का नया जमा स्वीकार नहीं कर सकता है। बैंक ग्राहकों को ऋण या उधार देने में सक्षम नहीं होगा। बैंक अपने पुराने ग्राहकों को भुगतान करने में भी असमर्थ रहेगा।

आरबीआई का निर्णय क्यों है जरूरी?

भारतीय रिजर्व बैंक देश के सभी सरकारी और निजी बैंकों की निगरानी करता है। यह सुनिश्चित करता है कि बैंकों की वित्तीय स्थिति ग्राहकों के लिए सुरक्षित हो। यदि कोई बैंक आरबीआई के बनाए नियमों का पालन नहीं करता या वित्तीय गड़बड़ी करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाती है। द सिटी कोऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द करने का निर्णय इसी नीति का हिस्सा है। यह कदम ग्राहकों की सुरक्षा के लिए आवश्यक था।

हाल ही में, RBI ने एक और सहकारी बैंक का लाइसेंस इसी प्रकार रद्द किया था। यह साफ दिखाता है कि भारतीय रिजर्व बैंक वित्तीय अनुशासन को लेकर सख्त है। यह देश में बैंकिंग क्षेत्र को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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FAQs

Q1. RBI ने द सिटी कोऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस क्यों रद्द किया?
RBI ने बैंक की वित्तीय स्थिति कमजोर पाई और यह निष्कर्ष निकाला कि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और आय का स्रोत नहीं है।

Q2. ग्राहकों का पैसा क्या सुरक्षित है?
हां, ग्राहकों को DICGC योजना के तहत 5 लाख रुपये तक की राशि वापस मिलेगी।

Q3. बैंक पर कौन-कौन सी रोक लगाई गई है?
बैंक अब नए जमा स्वीकार नहीं कर सकता, ऋण नहीं दे सकता और संचालन नहीं कर सकता।

Q4. बैंक लाइसेंस रद्द होने का असर अन्य बैंकों पर होगा?
नहीं, यह केवल संबंधित बैंक पर लागू होता है। अन्य बैंक अपने नियमों का पालन कर रहे हैं।

Q5. क्या भविष्य में इस तरह की घटनाएं रोकी जा सकती हैं?
RBI समय-समय पर बैंकों की निगरानी करता है। यदि बैंक नियमों का पालन करते हैं और वित्तीय स्थिति मजबूत रखते हैं, तो ऐसी घटनाओं से बचा जा सकता है।

द सिटी कोऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द होने से ग्राहकों को प्रारंभिक झटका जरूर लगा है, लेकिन RBI के नियम और DICGC की योजना से जमाकर्ताओं का पैसा सुरक्षित रहेगा। यह कदम यह सुनिश्चित करता है कि बैंकिंग क्षेत्र में अनुशासन और पारदर्शिता बनी रहे।

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