FD vs Post Office Schemes: जब भी निवेश की बात आती है, तो आम निवेशकों के लिए सबसे प्रमुख चिंता यह होती है कि उन्हें सुरक्षित और बेहतर रिटर्न वाला विकल्प मिले। यदि आप भी ऐसे निवेशक हैं, जो अपनी पूंजी को सुरक्षित रखना चाहते हैं और अच्छा रिटर्न भी चाहते हैं, तो आपके पास दो प्रमुख विकल्प होते हैं: बैंक के फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और पोस्ट ऑफिस की स्मॉल सेविंग्स स्कीम्स। दोनों ही विकल्प काफी पॉपुलर हैं और इनकी विशेषताएँ भी अलग-अलग हैं। इस लेख में हम इन दोनों विकल्पों की तुलना करेंगे, ताकि आप जान सकें कि इन दोनों में से कौन सा आपके लिए बेहतर है।
पोस्ट ऑफिस स्मॉल सेविंग स्कीम्स की विशेषताएँ
पोस्ट ऑफिस की स्मॉल सेविंग स्कीम्स भारतीय निवेशकों के बीच अपनी सरकारी गारंटी के कारण लोकप्रिय हैं। इन योजनाओं के तहत कई प्रकार के निवेश विकल्प उपलब्ध हैं, जो अलग-अलग निवेशकों की जरूरतों को पूरा करते हैं।
पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF)
यह योजना उन निवेशकों के लिए है, जो दीर्घकालिक निवेश करना चाहते हैं। PPF की ब्याज दर 7.1% सालाना है और इसमें निवेश की न्यूनतम सीमा 500 रुपये है, जबकि अधिकतम निवेश 1.5 लाख रुपये प्रति वित्तीय वर्ष हो सकता है। इसका लॉक-इन पीरियड 15 साल का होता है और इसमें 80C के तहत टैक्स बेनिफिट भी मिलता है।
मंथली इनकम स्कीम (MIS)
यह योजना उन निवेशकों के लिए उपयुक्त है, जो नियमित आय प्राप्त करना चाहते हैं। इसकी ब्याज दर 7.4% सालाना है, और इसमें न्यूनतम निवेश 1,000 रुपये है। इसके अंतर्गत सिंगल अकाउंट के लिए 9 लाख रुपये और जॉइंट अकाउंट के लिए 15 लाख रुपये तक निवेश किया जा सकता है।
सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS)
यह योजना विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों के लिए बनाई गई है। इसमें 8.2% की ब्याज दर दी जाती है और इसकी न्यूनतम निवेश राशि 1,000 रुपये है। अधिकतम निवेश सीमा 30 लाख रुपये तक है।
किसान विकास पत्र (KVP)
यह योजना 7.5% की ब्याज दर प्रदान करती है, और निवेश की गई राशि 115 महीनों में दोगुनी हो जाती है। इसमें न्यूनतम निवेश 1,000 रुपये है।
सुकन्या समृद्धि योजना (SSY)
यह योजना खासकर लड़कियों के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए है। इसमें 8.2% की ब्याज दर है, न्यूनतम निवेश 250 रुपये है, और अधिकतम निवेश 1.5 लाख रुपये प्रति वर्ष किया जा सकता है।
बैंक एफडी बनाम पोस्ट ऑफिस स्मॉल सेविंग स्कीम्स
बैंक एफडी और पोस्ट ऑफिस स्मॉल सेविंग्स स्कीम्स दोनों ही निवेशकों के लिए सुरक्षित विकल्प हैं, लेकिन इनकी विशेषताएँ और लाभ अलग-अलग हैं।
ब्याज दर
बैंक एफडी में सामान्यत: 7% से 7.5% तक ब्याज मिलता है, जबकि पोस्ट ऑफिस की स्कीम्स में कुछ योजनाओं में 8% या उससे अधिक की ब्याज दर होती है।
टैक्स बेनिफिट्स
बैंक एफडी पर 5 साल की टैक्स-सेविंग एफडी पर धारा 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है, लेकिन मैच्योरिटी के बाद ब्याज पर टैक्स देना पड़ता है। वहीं, पोस्ट ऑफिस की योजनाओं में PPF, SSY, और NSC जैसे विकल्प 80C के तहत टैक्स छूट प्रदान करते हैं। PPF और SSY में ब्याज और मैच्योरिटी राशि भी टैक्स फ्री होती है, जबकि NSC पर ब्याज पर टैक्स लगता है।
जोखिम और सुरक्षा
बैंक एफडी के लिए डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (DICGC) के तहत 5 लाख रुपये तक की सुरक्षा प्रदान की जाती है। दूसरी ओर, पोस्ट ऑफिस की स्मॉल सेविंग स्कीम्स सरकार की गारंटी के साथ आती हैं, जिससे इन्हें अधिक सुरक्षित माना जाता है।
इनवेस्टमेंट लिमिट
बैंक एफडी में कोई अधिकतम निवेश सीमा नहीं होती, जबकि पोस्ट ऑफिस की कुछ योजनाओं, जैसे PPF, SSY, और SCSS में निवेश की सीमा तय है।
(FAQs)
Q1: क्या पोस्ट ऑफिस की योजनाएँ पूरी तरह से सुरक्षित हैं?
A1: हां, पोस्ट ऑफिस की योजनाएँ पूरी तरह से सरकारी गारंटी के तहत आती हैं, जिससे इनका जोखिम बहुत कम होता है।
Q2: बैंक एफडी पर टैक्स कैसे लगता है?
A2: बैंक एफडी पर 5 साल की टैक्स-सेविंग एफडी को छोड़कर, ब्याज पर टैक्स लगता है। यदि आपकी कुल ब्याज आय 40,000 रुपये से अधिक है, तो TDS कट सकता है।
Q3: PPF की मैच्योरिटी पर टैक्स लगता है?
A3: नहीं, PPF की मैच्योरिटी पर ब्याज और रकम दोनों पर टैक्स नहीं लगता है।