Budget 2025 को लेकर वित्तीय क्षेत्र में बड़ी उम्मीदें बंधी हुई हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ हाल ही में हुई बैठक में फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) से जुड़े कर (tax) प्रावधानों को सरल बनाने की मांग उठाई गई। बैंकों और वित्तीय क्षेत्र के प्रतिनिधियों ने प्रस्ताव रखा है कि FD से होने वाली आय को इनकम टैक्स से छूट देकर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स के दायरे में लाया जाए। यह कदम मिडिल क्लास और छोटे निवेशकों को बड़ी राहत प्रदान कर सकता है।
Budget 2025 FD पर टैक्स प्रावधानों में बदलाव क्यों आवश्यक है?
वर्तमान नियमों के तहत, FD से प्राप्त ब्याज आय को अन्य स्रोतों से प्राप्त आय की श्रेणी में रखा जाता है और उस पर टैक्स लगाया जाता है। इस वजह से कई निवेशक FD में निवेश करने से बचते हैं। अगर इस आय को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स से जोड़ा जाए, तो टैक्स का भार कम हो सकता है, जिससे निवेशकों के लिए FD अधिक आकर्षक बन सकती है।
बैंकों ने भी सुझाव दिया है कि इस बदलाव से न केवल निवेशकों को फायदा होगा बल्कि बैंकों के डिपॉजिट बेस में भी सुधार होगा। वर्तमान में बैंकों को डिपॉजिट में गिरावट का सामना करना पड़ रहा है, जिसे इस प्रस्तावित सुधार के माध्यम से संबोधित किया जा सकता है।
कैसे मिलेगा मिडिल क्लास को फायदा?
यह बदलाव मिडिल क्लास के लिए बचत का एक नया द्वार खोल सकता है। निवेशकों को अधिक प्रोत्साहन मिलेगा और FD एक सुरक्षित और लाभदायक विकल्प बन जाएगा। इसके अलावा, इस कदम से भारत की अर्थव्यवस्था में स्थिरता आएगी। FD जैसे पारंपरिक निवेश माध्यमों को बढ़ावा देकर दीर्घकालिक पूंजी निर्माण को प्रोत्साहित किया जा सकता है।
FAQs
- क्या FD पर टैक्स में कटौती का सीधा असर होगा?
हां, टैक्स में कमी से FD में निवेश बढ़ सकता है और मिडिल क्लास के लिए अधिक बचत का अवसर बनेगा। - क्या सभी FD पर यह नियम लागू होगा?
रिपोर्ट्स के अनुसार, यह बदलाव सभी FD के लिए लागू हो सकता है, लेकिन अभी अंतिम घोषणा बजट के बाद ही होगी। - क्या यह बैंकों के लिए भी लाभदायक होगा?
बिल्कुल, यह कदम बैंकों को डिपॉजिट बेस बढ़ाने में मदद करेगा।
Budget 2025 के तहत FD पर टैक्स प्रावधानों में सुधार का प्रस्ताव न केवल निवेशकों बल्कि बैंकों के लिए भी लाभकारी साबित हो सकता है। यह कदम वित्तीय स्थिरता लाने और निवेश को बढ़ावा देने में सहायक होगा।