हर साल 1 फरवरी को पेश होने वाला भारत का केंद्रीय बजट देश की आर्थिक दिशा का निर्धारण करता है। वर्ष 2025 के बजट की तारीख 1 फरवरी 2025 निश्चित की गई है, और इसकी तैयारी जोरों पर है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बजट के लिए दो महत्वपूर्ण बैठकें की हैं, जिनमें विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े प्रमुख हितधारकों से चर्चा की गई। 7 दिसंबर, 2023 को आयोजित एक बैठक में किसानों की समस्याओं और आवश्यकताओं पर विस्तार से विचार किया गया।
इस बैठक का उद्देश्य कृषि क्षेत्र की वित्तीय जरूरतों को समझना था, ताकि बजट के माध्यम से किसानों को और अधिक लाभ पहुंचाया जा सके। इसमें किसानों, कृषि अर्थशास्त्रियों और कृषक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस बैठक में किसानों के हितों से जुड़े मुद्दों पर गहन चर्चा की गई, ताकि उनकी समस्याओं का हल निकाला जा सके और कृषि क्षेत्र को मजबूत किया जा सके।
किसान यूनियनों और कृषक संगठनों की मांगें
किसान संगठनों ने अपनी विभिन्न समस्याओं और मांगों को वित्त मंत्री के समक्ष रखा। सबसे प्रमुख मांगों में से एक थी, पीएम-किसान सम्मान निधि की राशि को दोगुना करना। वर्तमान में किसानों को हर वर्ष 6000 रुपये की राशि मिलती है, जिसे बढ़ाकर 12,000 रुपये करने की मांग की गई। इस बात को कई बार पहले भी उठाया गया है, और इस बार भी इसे प्रमुख रूप से रखा गया।
इसके अलावा, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत छोटे किसानों को भी कवर करने की बात की गई, साथ ही यह सुनिश्चित करने की मांग की गई कि इन किसानों को जीरो प्रीमियम पर फसल बीमा सुविधा मिले। इससे छोटे किसानों को विशेष राहत मिल सकेगी।
इसके अतिरिक्त, किसानों के लिए लोन की ब्याज दरों को घटाकर एक प्रतिशत तक लाने की मांग की गई, ताकि उन्हें सस्ता वित्तीय सहयोग मिल सके। किसानों के लिए जीएसटी छूट देने की भी सिफारिश की गई, खासकर कृषि उपकरणों, मशीनरी, उर्वरक, बीजों और दवाइयों पर, ताकि इनकी कीमतों में कमी आए और किसानों की लागत में राहत मिले।
राष्ट्रीय कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए रणनीतियां
बैठक में यह प्रस्ताव भी रखा गया कि विशेष फसलों जैसे चना, सोयाबीन और सरसों पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक टारगेटेड निवेश रणनीति बनाई जाए। इसके तहत, आठ वर्षों के लिए हर साल 1000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाए, ताकि इन फसलों की उत्पादकता बढ़ाई जा सके और किसानों को बेहतर प्रोत्साहन मिल सके।
वित्त मंत्री ने इन सभी सुझावों और सिफारिशों को गंभीरता से सुना और सरकार द्वारा आगामी बजट में इन मुद्दों पर विचार किए जाने की संभावना जताई। अगर बजट में गुंजाइश हुई, तो पीएम-किसान सम्मान निधि की राशि बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है, जैसा कि किसान संगठन और कृषि विशेषज्ञों की मांग है।
FAQs
- बजट 2025 कब पेश होगा?
बजट 2025 की संभावित तारीख 1 फरवरी 2025 है, जैसा कि हर साल होता है। - किसान संगठनों ने क्या प्रमुख मांगें रखी हैं?
प्रमुख मांगों में पीएम-किसान सम्मान निधि की राशि बढ़ाना, छोटे किसानों के लिए जीरो प्रीमियम पर फसल बीमा, और कृषि उपकरणों पर जीएसटी छूट शामिल हैं। - कृषि क्षेत्र के लिए क्या नई पहल की जा सकती है?
कृषि क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ाने के लिए खास फसलों पर 1000 करोड़ रुपये का वार्षिक निवेश करने की योजना पर विचार हो सकता है।