गोंडा-रामपुर माफी समेत 13 गांवों की जमीन बनी सोना, यहाँ से निकलेगा फोर लेन एक्‍सप्रेसवे

सुपरफास्ट लिंक एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा चित्रकूट! अब जमीन के दाम होंगे डबल, हाईवे-135 और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का सीधा कनेक्शन। कौन-कौन से गांव होंगे फायदे में? कितना होगा खर्च? कब तक होगा पूरा? जानिए पूरी डिटेल!

By Praveen Singh
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गोंडा-रामपुर माफी समेत 13 गांवों की जमीन बनी सोना, यहाँ से निकलेगा फोर लेन एक्‍सप्रेसवे
यहाँ से निकलेगा फोर लेन एक्‍सप्रेसवे

चित्रकूट को बुंदेलखंड एक्‍सप्रेसवे (Bundelkhand Expressway) से जोड़ने वाली 16 किलोमीटर लंबी लिंक एक्‍सप्रेसवे परियोजना ने गति पकड़ ली है। यह प्रोजेक्ट चित्रकूट जिले के 13 गांवों से होकर गुजरेगा, जिनकी जमीन की कीमतों में भारी उछाल की उम्मीद है। 350 करोड़ रुपये के बजट वाली इस परियोजना में अब तक 70% जमीन अधिग्रहण पूरा हो चुका है। शुरुआत में इसे फोर-लेन बनाया जाएगा, लेकिन भविष्य में इसे ग्रीनफील्ड एक्‍सप्रेसवे के रूप में छह लेन तक विस्तारित किया जा सकता है।

चित्रकूट लिंक एक्‍सप्रेसवे: गांवों को मिलेगा डबल बेनिफिट

लिंक एक्‍सप्रेसवे के लिए 166.55 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है। गोंडा, रामपुर माफी, भरथौल, और अहमदगंज समेत 13 गांव इसके रूट में शामिल हैं। यूपी सरकार ने जमीन मुआवजे के लिए 230 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। एक्सप्रेसवे न केवल बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को NH-135 से जोड़ेगा, बल्कि चित्रकूट एयरपोर्ट और मध्य प्रदेश के सतना जिले तक कनेक्टिविटी भी बढ़ाएगा। परियोजना पूरी होने के बाद यह क्षेत्र लॉजिस्टिक्स और रियल एस्टेट के लिए हॉटस्पॉट बन सकता है।

Renewable Energy और IPO जैसे अवसरों की संभावना

विशेषज्ञों का मानना है कि इस इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बड़ा बूस्ट मिलेगा। गांवों में जमीन की बढ़ती कीमतों के साथ-साथ Renewable Energy प्रोजेक्ट्स और SMEs के लिए निवेश के अवसर खुलेंगे। कुछ बड़े उद्योगपति इस क्षेत्र में IPO लॉन्च करने की योजना भी बना रहे हैं। सरकार का लक्ष्य है कि डेढ़ से दो साल के भीतर इस एक्सप्रेसवे को पूरा कर लिया जाए।

FAQs

1. प्रोजेक्ट की समयसीमा क्या है?
लिंक एक्सप्रेसवे को 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य है, जिसके बाद यह ट्रैफिक के लिए ओपन हो जाएगा।

2. गांव वालों को क्या फायदा होगा?
जमीन मुआवजे के अलावा, स्थानीय लोगों को टोल प्लाजा, पेट्रोल पंप और होटल जैसे व्यवसायों में रोजगार के अवसर मिलेंगे।

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3. किन गांवों की जमीन प्रभावित हो रही है?
रामपुर माफी, भारतपुर भैंसौंधा, शिवरामपुर, और चकला राजरानी समेत 13 गांव शामिल हैं।

4. पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
एनजीटी द्वारा अनुमोदित ग्रीनफील्ड डिजाइन के तहत हर किलोमीटर पर 500 पेड़ लगाए जाएंगे।

5. क्या यह एक्सप्रेसवे सतना से जुड़ेगा?
हां, भविष्य में मध्य प्रदेश के सतना जिले तक कनेक्टिविटी का प्लान है।

चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे न केवल यातायात सुविधा बल्कि आर्थिक विकास का गेम-चेंजर साबित होगा। 350 करोड़ के निवेश से जुड़ी यह परियोजना स्थानीय जमीन को “सोना” बनाने की क्षमता रखती है।

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