CIBIL स्कोर 600 के नीचे? बैंक लोन या क्रेडिट कार्ड हर जगह हो रहा रिजेक्ट? 5 आसान स्टेप्स में करें 750

जानिए किन छोटी गलतियों से आपका CIBIL स्कोर गिर रहा है और कैसे सिर्फ 6 महीने में EMI, क्रेडिट कार्ड, लोन सबकुछ आसानी से अप्रूव करवा सकते हैं! स्कोर सुधारने के आसान और असरदार तरीके।

By Praveen Singh
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CIBIL स्कोर 600 के नीचे? बैंक लोन या क्रेडिट कार्ड हर जगह हो रहा रिजेक्ट? 5 आसान स्टेप्स में करें 750
CIBIL स्कोर 5 आसान स्टेप्स में करें 750

आज के दौर में लोन, क्रेडिट कार्ड या किसी भी फाइनेंशियल फैसले के लिए CIBIL स्कोर एक अहम फैक्टर बन गया है। अगर आपका स्कोर 750 से ऊपर है तो बैंक और फाइनेंशियल संस्थान आसानी से लोन देते हैं और ब्याज दर भी कम रखते हैं। लेकिन यदि आपका स्कोर 600 से नीचे है, तो लोन मिलना मुश्किल हो सकता है और क्रेडिट कार्ड के लिए भी रिजेक्शन का सामना करना पड़ता है। ऐसे में यह सवाल आम हो जाता है – 600 से 750 CIBIL स्कोर कैसे बढ़ाएं?

CIBIL स्कोर क्या है और कैसे काम करता है?

CIBIL स्कोर 300 से 900 के बीच होता है। यह आपकी क्रेडिट हिस्ट्री और फाइनेंशियल व्यवहार के आधार पर तैयार होता है। स्कोर जितना ज्यादा होगा, आपकी “क्रेडिटवर्थिनेस” यानी ऋण चुकाने की क्षमता उतनी अच्छी मानी जाती है।

CIBIL स्कोर 4 मुख्य फैक्टर से बनता है:

1. पेमेंट हिस्ट्री (35% वजन)
आपने अपने लोन की EMI या क्रेडिट कार्ड के बिल समय पर चुकाए या नहीं – इसका सबसे ज्यादा असर स्कोर पर पड़ता है। हर लेट पेमेंट स्कोर घटाता है।

2. क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो (30% वजन)
आप अपनी क्रेडिट लिमिट का कितना प्रतिशत इस्तेमाल कर रहे हैं। लिमिट का 30% से कम इस्तेमाल अच्छा माना जाता है।

3. क्रेडिट मिक्स (15% वजन)
आपके पास पर्सनल लोन, होम लोन, ऑटो लोन और क्रेडिट कार्ड जैसे विभिन्न क्रेडिट टाइप्स का संतुलन। सिर्फ एक ही प्रकार के क्रेडिट से स्कोर कमजोर होता है।

4. नए क्रेडिट इन्क्वायरी (10-20% वजन)
अगर आप बार-बार लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करते हैं, तो हर बार बैंक आपकी CIBIL रिपोर्ट चेक करता है, जिसे हार्ड इन्क्वायरी कहा जाता है। यह स्कोर घटाता है।

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CIBIL स्कोर कम क्यों होता है? जानिए 3 बड़ी गलतियाँ

कई बार लोग अनजाने में ऐसी गलतियाँ कर बैठते हैं, जिससे उनका स्कोर 650 से भी नीचे चला जाता है। आइए जानें सबसे कॉमन 3 वजहें:

क्रेडिट कार्ड का मिनिमम अमाउंट भरना:
अगर आप हर महीने सिर्फ मिनिमम पेमेंट करते हैं और बाकी राशि पर ब्याज चढ़ने देते हैं, तो क्रेडिट यूटिलाइजेशन बढ़ता है और स्कोर गिर जाता है।

बार-बार लोन या क्रेडिट कार्ड अप्लाई करना:
हर आवेदन पर CIBIL इन्क्वायरी होती है। बार-बार अप्लाई करने से स्कोर 10-20 अंकों तक गिर सकता है।

क्रेडिट लिमिट का 50% से ज्यादा इस्तेमाल:
उदाहरण के लिए, अगर आपकी लिमिट ₹1 लाख है और आप ₹70,000 तक खर्च करते हैं, तो यूटिलाइजेशन 70% हो जाता है, जो स्कोर के लिए नुकसानदायक है।

600 से 750 CIBIL स्कोर बढ़ाने के 5 सबसे आसान स्टेप्स

अब सवाल है, CIBIL स्कोर कैसे सुधारा जाए? यहां हम 5 आसान तरीके बता रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आप 6-12 महीनों में स्कोर में बड़ा सुधार कर सकते हैं।

1. सभी EMI और क्रेडिट कार्ड बिल समय पर भरें:
कभी भी EMI या बिल लेट न करें। ऑटो डेबिट सेट करें या रिमाइंडर लगाएं। समय पर पेमेंट करने से स्कोर हर महीने सुधरेगा।

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2. क्रेडिट यूटिलाइजेशन 30% से कम रखें:
अगर आपकी क्रेडिट लिमिट ₹1 लाख है, तो ₹30,000 से ज्यादा खर्च न करें। अगर खर्च बढ़ भी जाए, तो बिलिंग साइकिल से पहले ही भुगतान करें।

3. सेक्योर्ड क्रेडिट कार्ड या लोन लें:
अगर आपका स्कोर खराब है, तो FD-backed क्रेडिट कार्ड (जैसे SBI Unnati) लें। इससे बिना CIBIL चेक के क्रेडिट मिलती है और समय पर भुगतान करने पर स्कोर बढ़ता है।

4. पुराने क्रेडिट कार्ड बंद न करें:
पुराने कार्ड से आपकी क्रेडिट हिस्ट्री लंबी दिखती है, जिससे स्कोर अच्छा बनता है। अगर कार्ड पर कोई सालाना फीस नहीं है, तो उसे इनैक्टिव रखें लेकिन बंद न करें।

5. हर 3 महीने में अपनी CIBIL रिपोर्ट चेक करें:
CIBIL की वेबसाइट या फ्री ऐप्स (जैसे OneScore) से रिपोर्ट मंगवाएं। कोई गलत एंट्री दिखे तो तुरंत डिस्प्यूट करें।

लोन और CIBIL स्कोर का कनेक्शन

लोगों के मन में यह सवाल भी रहता है कि लोन लेने से स्कोर बढ़ता है या घटता है। सही तरीके से लोन लेने और समय पर EMI चुकाने से CIBIL स्कोर बेहतर होता है। उदाहरण के लिए, अगर आप ₹5 लाख का पर्सनल लोन लेकर 12 महीने तक सभी किश्तें समय पर भरते हैं, तो आपका स्कोर 650 से 710 तक जा सकता है। लेकिन EMI चूकने पर स्कोर तेजी से गिरता है और भविष्य में लोन मिलना मुश्किल हो सकता है।

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FAQs

Q1. CIBIL स्कोर सुधारने में कितना समय लगता है?
अगर आपने कोई गंभीर डिफॉल्ट नहीं किया है, तो 6-12 महीनों में 100+ अंकों का सुधार संभव है। गंभीर गलतियाँ करने पर 2-3 साल भी लग सकते हैं।

Q2. क्या पुराने लोन का भुगतान करने से CIBIL स्कोर बढ़ता है?
हां, लेकिन “सेटल्ड” लोन (समझौते में चुकाया गया) की बजाय “क्लोज्ड” लोन (पूरा चुकाया गया) ज्यादा पॉजिटिव इफेक्ट डालता है।

Q3. क्या बिना क्रेडिट कार्ड के CIBIL स्कोर बन सकता है?
हां। आप FD-backed क्रेडिट कार्ड, पर्सनल लोन या गोल्ड लोन लेकर EMI समय पर भरें तो स्कोर बनता है।

Q4. क्या बार-बार क्रेडिट कार्ड लिमिट बढ़वाना स्कोर पर असर डालता है?
लिमिट बढ़वाने से क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो बेहतर होता है, जिससे स्कोर पर पॉजिटिव असर पड़ सकता है।

Q5. CIBIL रिपोर्ट में गलती दिखे तो क्या करें?
CIBIL की वेबसाइट पर जाकर डिस्प्यूट फॉर्म भरें। बैंक से भी संपर्क कर सकते हैं ताकि गलती सुधारी जा सके।

CIBIL स्कोर को सुधारना कोई रातोंरात होने वाला काम नहीं है। लेकिन अगर आप इन आसान 5 स्टेप्स को लगातार फॉलो करते हैं, तो 6-12 महीने में 100 से 150 अंकों तक सुधार संभव है। सबसे जरूरी है, समय पर सभी भुगतान करना, क्रेडिट यूटिलाइजेशन को कंट्रोल में रखना, बिना जरूरत के नए क्रेडिट के लिए बार-बार अप्लाई न करना। फाइनेंशियल अनुशासन और नियमित रिपोर्ट चेक करना आपकी सफलता की कुंजी है।

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