
आज के समय में पर्सनल लोन (Personal Loan) एक अहम वित्तीय साधन बन गया है, जिससे लोग अपनी जरूरतों को पूरा कर सकते हैं. हालांकि, अगर आपका क्रेडिट स्कोर (Credit Score) खराब है, तो यह प्रक्रिया मुश्किल हो सकती है. क्रेडिट स्कोर 750 या उससे अधिक होने पर लोन आसानी से मिल जाता है, जबकि 600 से कम स्कोर होने पर बैंक और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन (Financial Institution) लोन देने से हिचकिचाते हैं.
अपना Credit Score जानें और सुधार की दिशा में कदम बढ़ाएं
लोन अप्लाई करने से पहले सबसे जरूरी काम यह है कि आप अपना क्रेडिट स्कोर जरूर चेक करें. कई बार लोग बिना अपने स्कोर की जानकारी लिए ही लोन के लिए आवेदन कर देते हैं, जिससे अस्वीकृति की संभावना बढ़ जाती है. क्रेडिट स्कोर पता करने से आप यह समझ सकते हैं कि किन कारणों से आपका स्कोर कम हुआ है और किन पहलुओं में सुधार किया जा सकता है. नियमित रूप से अपने लोन और क्रेडिट कार्ड की EMI समय पर भरने से धीरे-धीरे स्कोर बेहतर हो सकता है.
ज्यादा से ज्यादा लेंडर्स से संपर्क करें
हर बैंक और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन की लोन देने की नीति अलग-अलग होती है. यदि आपका क्रेडिट स्कोर खराब है, तो आपको केवल पारंपरिक बैंकों तक सीमित नहीं रहना चाहिए.
भारत में कई एनबीएफसी (NBFC – Non-Banking Financial Company) और डिजिटल लेंडर्स ऐसे हैं, जो कम क्रेडिट स्कोर वाले लोगों को भी लोन देते हैं. हालांकि, इन संस्थानों में ब्याज दरें पारंपरिक बैंकों से अधिक हो सकती हैं. इसलिए, किसी भी फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन से लोन लेने से पहले उनकी ब्याज दरों और शर्तों की अच्छी तरह तुलना करें.
सिक्योर्ड लोन का विकल्प अपनाएं
अगर आपका क्रेडिट स्कोर कमजोर है, तो सिक्योर्ड लोन (Secured Loan) लेना एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है. इस तरह के लोन में आपको कोई न कोई संपत्ति (जैसे गाड़ी, गोल्ड, फिक्स्ड डिपॉजिट या प्रॉपर्टी) गिरवी रखनी होती है. सिक्योर्ड लोन लेने से लेंडर का जोखिम कम हो जाता है, जिससे आपकी लोन मंजूरी की संभावना भी बढ़ जाती है. हालांकि, यह ध्यान रखना जरूरी है कि अगर आप लोन का भुगतान करने में असमर्थ रहते हैं, तो बैंक या लेंडर आपके गिरवी रखे गए संपत्ति को जब्त कर सकते हैं.
को-एप्लीकेंट या गारंटर जोड़ें
अगर आपका क्रेडिट स्कोर कम है, तो एक को-एप्लीकेंट (Co-applicant) या गारंटर (Guarantor) को लोन आवेदन में शामिल करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है.
अगर आपके साथ लोन में शामिल व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर अच्छा है, तो बैंक को भरोसा हो जाता है कि लोन की रकम वापस मिल जाएगी. इससे लोन स्वीकृत होने की संभावना बढ़ जाती है. हालांकि, यह याद रखें कि यदि आप लोन चुकाने में असमर्थ रहते हैं, तो गारंटर को बकाया राशि चुकानी होगी.
5. अपने क्रेडिट स्कोर में सुधार करें
अगर आपको तुरंत लोन की जरूरत नहीं है, तो सबसे अच्छा तरीका है कि पहले अपने क्रेडिट स्कोर को सुधारें। समय पर सभी EMI और बिलों का भुगतान करें। क्रेडिट कार्ड की लिमिट पूरी तरह इस्तेमाल करने से बचें। अच्छी क्रेडिट हिस्ट्री बनाए रखने के लिए पुराने क्रेडिट कार्ड को बंद न करें। एक साथ कई लोन के लिए आवेदन करने से बचें। क्रेडिट स्कोर सुधारने में थोड़ा समय लग सकता है, लेकिन यह भविष्य में आपको बेहतर ब्याज दरों पर लोन दिलाने में मदद करेगा।
FAQs
Q1: क्या खराब क्रेडिट स्कोर के बावजूद पर्सनल लोन लेना संभव है?
हाँ, खराब क्रेडिट स्कोर होने पर भी आप सिक्योर्ड लोन, गारंटर जोड़कर या एनबीएफसी से लोन ले सकते हैं.
Q2: क्रेडिट स्कोर कैसे सुधारा जा सकता है?
समय पर EMI भुगतान, क्रेडिट कार्ड लिमिट का सही उपयोग और पुरानी क्रेडिट हिस्ट्री को बनाए रखना मददगार साबित हो सकता है.
Q3: क्या NBFC और डिजिटल लेंडर्स से लोन लेना सुरक्षित है?
हाँ, लेकिन केवल उन NBFC और डिजिटल लेंडर्स से लोन लें जो भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा पंजीकृत हों.
Q4: सिक्योर्ड लोन और अनसिक्योर्ड लोन में क्या अंतर है?
सिक्योर्ड लोन के लिए आपको कोई संपत्ति गिरवी रखनी होती है, जबकि अनसिक्योर्ड लोन बिना किसी गिरवी के दिया जाता है, लेकिन इसकी ब्याज दर अधिक होती है.
Q5: को-एप्लीकेंट जोड़ने से लोन मिलने की संभावना कैसे बढ़ती है?
अगर को-एप्लीकेंट का क्रेडिट स्कोर अच्छा है, तो लेंडर को लोन वापस मिलने की गारंटी मिलती है, जिससे लोन मंजूरी की संभावना बढ़ जाती है.
क्रेडिट स्कोर खराब होने के बावजूद लोन पाना असंभव नहीं है. सही रणनीति अपनाकर और फाइनेंशियल डिसिप्लिन को बनाए रखकर आप अपनी लोन मंजूरी की संभावना बढ़ा सकते हैं. अपने क्रेडिट स्कोर को सुधारना दीर्घकालिक वित्तीय स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है, जिससे आप भविष्य में बेहतर शर्तों पर लोन प्राप्त कर सकें.