
बिजली आज के समय में हर घर की अहम जरूरत बन गई है। घर का हर छोटा-बड़ा उपकरण, चाहे वह फ्रिज हो, वॉशिंग मशीन हो या एयर कंडीशनर, बिजली पर ही निर्भर करता है। बिजली की अनुपस्थिति में न केवल काम रुक जाता है, बल्कि जीवन भी जैसे ठहर सा जाता है। हालांकि, बिजली की यह सुविधा कभी-कभी भारी बिजली बिल के कारण परेशानी का सबब बन सकती है। विशेष रूप से तब जब खपत कम हो, लेकिन बिल ज्यादा आ जाए।
बिजली का बिल कैसे बनता है?
भारत में बिजली के बिल की गणना प्रति यूनिट खपत के आधार पर की जाती है। प्रति यूनिट की दरें हर राज्य और क्षेत्र में अलग होती हैं। आमतौर पर यह ₹7 से ₹10 प्रति यूनिट के बीच होती है। जैसे-जैसे खपत बढ़ती है, वैसे-वैसे स्लैब के अनुसार चार्ज भी बढ़ता जाता है। यही कारण है कि कभी-कभी बिजली की खपत कम होने के बावजूद भारी भरकम बिल देखने को मिलता है।
मीटर की रीडिंग पर उठता सवाल
अगर बिजली की खपत अपेक्षाकृत कम है लेकिन बिल ज्यादा आ रहा है, तो इसके पीछे मीटर की गड़बड़ी एक कारण हो सकता है। इलेक्ट्रिक मीटर आमतौर पर सटीक और भरोसेमंद होते हैं, लेकिन किसी भी मशीन की तरह इनमें भी त्रुटि की संभावना रहती है।
कैसे करें मीटर कीजांच?
अगर आपको मीटर पर संदेह है, तो घर पर ही सरल प्रक्रिया से उसकी जांच की जा सकती है। इसके लिए आपको निम्नलिखित स्टेप्स का पालन करना होगा:
- सबसे पहले, घर के सभी बिजली उपकरण बंद कर दें ताकि मीटर में कोई अनावश्यक खपत दर्ज न हो।
- मीटर की मौजूदा रीडिंग नोट कर लें।
- अब 1,000 वॉट का एक उपकरण, जैसे हीटर या बल्ब, एक घंटे के लिए चालू करें।
- एक घंटे बाद मीटर की नई रीडिंग नोट करें।
- अगर रीडिंग में 1 यूनिट (1 किलोवॉट-घंटा) का अंतर है, तो मीटर सही है। यदि रीडिंग ज्यादा या कम है, तो यह मीटर की त्रुटि का संकेत हो सकता है।
सटीक जांच के लिए सावधानियां
- जांच करते समय समय का सही ध्यान रखें और रीडिंग ठीक एक घंटे के अंतराल पर लें।
- इस प्रक्रिया से सटीक परिणाम नहीं मिलते, लेकिन इससे मीटर की स्थिति का अनुमान जरूर लगाया जा सकता है।
- यदि आपको मीटर में गड़बड़ी का शक है, तो बिजली विभाग से संपर्क करें। वहां से विशेषज्ञ आपकी मीटर जांच कर सकते हैं।
बिजली विभाग से मदद लें
अगर घरेलू जांच के बाद भी आप असमंजस में हैं, तो बिजली विभाग में लिखित शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। विभागीय अधिकारी मीटर की जांच करेंगे और आवश्यकता होने पर मीटर को बदल भी सकते हैं। ध्यान दें कि जांच प्रक्रिया के लिए मामूली शुल्क लिया जा सकता है।
क्या मीटर की गड़बड़ी से बचा जा सकता है?
इलेक्ट्रिक मीटर तकनीकी उपकरण हैं, और नियमित रखरखाव से उनकी कार्यक्षमता बनाए रखी जा सकती है। इसके लिए विभागीय अधिकारियों द्वारा समय-समय पर मीटर का निरीक्षण करवाएं।