यदि आप फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो मां के नाम पर एफडी कराना एक लाभकारी विकल्प हो सकता है। मां के नाम पर एफडी कराने से न केवल अधिक ब्याज मिलता है, बल्कि टैक्स बचत और अन्य आर्थिक लाभ भी हासिल किए जा सकते हैं। मां की उम्र 60 वर्ष या उससे अधिक होने पर सीनियर सिटीजन के लिए उपलब्ध अतिरिक्त ब्याज का फायदा उठाया जा सकता है।
FD में कैसे मिलेगा अधिक मुनाफा?
मां के नाम पर FD कराने से अधिक मुनाफा प्राप्त करने के लिए यह सुनिश्चित करें कि उनकी उम्र 60 साल या उससे अधिक हो। 60 वर्ष से अधिक के व्यक्तियों को आमतौर पर 0.50% अधिक ब्याज दर मिलती है। यदि मां की उम्र 80 वर्ष से अधिक है, तो ब्याज दर और बढ़ जाती है। सुपर सीनियर सिटीजन को 0.75% से 0.80% तक अतिरिक्त ब्याज मिलता है। इस अतिरिक्त ब्याज से आपकी कमाई में अच्छी बढ़ोतरी हो सकती है।
टैक्स लाभ और टीडीएस छूट
मां के नाम पर एफडी कराने का एक और बड़ा फायदा है टैक्स छूट। यदि एफडी पर एक वर्ष में मिलने वाला ब्याज ₹40,000 से अधिक होता है, तो उस पर 10% टीडीएस कटता है। हालांकि, सीनियर सिटीजन के मामले में यह सीमा ₹50,000 होती है। इसके अलावा, यदि मां के पास अन्य कोई आय नहीं है, तो एफडी से होने वाली आय पर टैक्स नहीं लगेगा। इस प्रकार, आप न केवल अधिक ब्याज प्राप्त कर सकते हैं बल्कि अपनी टैक्स देनदारी भी कम कर सकते हैं।
FD के अन्य फायदे
मां के नाम पर FD कराने से आपकी कुल आय में कोई प्रभाव नहीं पड़ता, क्योंकि एफडी से प्राप्त आय उनकी व्यक्तिगत आय मानी जाती है। यदि आप अपने नाम पर एफडी कराते हैं, तो उसकी आय आपकी कुल आय में जोड़ दी जाती है, जिससे टैक्स की देनदारी बढ़ सकती है। इस प्रकार, मां के नाम पर एफडी कराना एक समझदारी भरा निर्णय है जो आर्थिक लाभ के साथ-साथ टैक्स प्रबंधन में भी सहायक होता है।
(FAQs)
1. क्या सुपर सीनियर सिटीजन को हमेशा अधिक ब्याज मिलता है?
हां, 80 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों को सुपर सीनियर सिटीजन के तहत अधिक ब्याज दर दी जाती है।
2. मां के नाम पर FD कराने से टैक्स कैसे बचता है?
यदि मां की अन्य कोई आय नहीं है, तो एफडी से प्राप्त ब्याज पर टैक्स नहीं देना होगा। साथ ही, सीनियर सिटीजन के लिए टीडीएस सीमा ₹50,000 है, जिससे अतिरिक्त लाभ मिलता है।
3. क्या अन्य रिश्तेदारों के नाम पर एफडी कराने से भी यही फायदे मिल सकते हैं?
सुपर सीनियर सिटीजन की श्रेणी में आने वाले किसी भी व्यक्ति के नाम पर एफडी कराने से यह फायदे मिल सकते हैं। हालांकि, टैक्स छूट का लाभ उनकी व्यक्तिगत आय पर निर्भर करता है।
मां के नाम पर फिक्स्ड डिपॉजिट कराना न केवल अधिक ब्याज दरों का लाभ देता है, बल्कि टैक्स छूट और टीडीएस सीमा बढ़ाकर आर्थिक लाभ भी प्रदान करता है। यदि मां की आयु 60 वर्ष या उससे अधिक है, तो यह एक बेहतरीन निवेश विकल्प साबित हो सकता है। सही योजना और समय पर निर्णय लेकर आप अपने वित्तीय उद्देश्यों को बेहतर तरीके से प्राप्त कर सकते हैं।