
बाजार में अस्थिरता के इस दौर में फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) एक मजबूत और भरोसेमंद निवेश विकल्प के रूप में उभर रहा है। निवेशक अक्सर ऐसी योजनाओं की तलाश में रहते हैं जो सुरक्षित रिटर्न प्रदान करें और साथ ही टैक्स बचत का लाभ भी दें। हाल ही में सरकार ने बैंक एफडी के लिए टीडीएस (TDS) की सीमा बढ़ाकर निवेशकों को और राहत दी है। अब आम व्यक्तियों के लिए यह सीमा 40 से 50 हजार रुपये कर दी गई है, जबकि वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह सीमा 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दी गई है।
FD क्यों है एक बेहतर विकल्प?
वर्तमान में वैश्विक बाजार में भारी उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। ब्याज दरों में अस्थिरता और भू-राजनीतिक तनाव के कारण निवेशकों को सुरक्षित विकल्पों की तलाश बढ़ गई है। शेयर बाजार में निवेश से जहां उच्च रिटर्न की संभावना रहती है, वहीं जोखिम का स्तर भी उतना ही अधिक होता है। इसके विपरीत, FD में निवेश करने से पूंजी सुरक्षित रहती है और पहले से तय ब्याज दर पर निश्चित रिटर्न प्राप्त होता है।
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सरकार की नई नीति और टैक्स लाभ
FD न केवल निवेशकों को स्थिर रिटर्न देता है बल्कि कर लाभ (Tax Benefits) भी प्रदान करता है। आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत, पांच वर्ष या अधिक अवधि की टैक्स सेविंग FD पर 1.5 लाख रुपये तक की कटौती का लाभ लिया जा सकता है। सरकार द्वारा टीडीएस सीमा बढ़ाए जाने से अब वरिष्ठ नागरिकों को अधिक राहत मिलेगी, क्योंकि वे अधिक ब्याज अर्जित कर सकते हैं और कर कटौती से बच सकते हैं।
एफडी की प्रमुख विशेषताएँ और निवेशकों के लिए फायदे
शेयर बाजार की तुलना में एफडी अधिक स्थिर होता है और पूंजी की सुरक्षा सुनिश्चित करता है। बैंक FD पर लोन की सुविधा भी देते हैं, जिससे निवेशक जरूरत पड़ने पर ओवरड्राफ्ट सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। बैंक शाखाओं या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से एफडी खाता खोलना बेहद सरल है। साथ ही, इसमें ऑटो-रिन्युअल और ऑनलाइन ट्रैकिंग जैसी सुविधाएँ भी मिलती हैं। वरिष्ठ नागरिकों को आमतौर पर उच्च ब्याज दर मिलती है, जिससे उनकी सेवानिवृत्ति योजनाओं को और अधिक लाभ मिलता है।
FD बनाम अन्य निवेश विकल्प
अन्य कर-बचत योजनाएँ जैसे कि ईएलएसएस (ELSS), पीपीएफ (PPF) और यूलिप (ULIP) भी उपलब्ध हैं, लेकिन एफडी अपने सरल स्वरूप और सुनिश्चित रिटर्न के कारण अधिक लोकप्रिय बना हुआ है। ईएलएसएस और यूलिप में बाजार जोखिम जुड़ा रहता है, जबकि पीपीएफ की मैच्योरिटी अवधि लंबी होती है। ऐसे में, एफडी उन निवेशकों के लिए आदर्श है जो बिना किसी जोखिम के अपनी बचत को बढ़ाना चाहते हैं।
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FAQs
- FD में न्यूनतम और अधिकतम निवेश कितना किया जा सकता है?
न्यूनतम निवेश राशि बैंक के अनुसार भिन्न हो सकती है, लेकिन आमतौर पर 1,000 रुपये से एफडी शुरू की जा सकती है। अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं होती। - क्या FD पर टैक्स में छूट मिलती है?
हां, 5 वर्ष या अधिक की टैक्स सेविंग एफडी पर धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक की कटौती का लाभ लिया जा सकता है। - क्या एफडी में निवेश करना जोखिम भरा है
नहीं, एफडी एक सुरक्षित निवेश विकल्प है क्योंकि यह बैंक द्वारा गारंटीड रिटर्न प्रदान करता है और बाजार के उतार-चढ़ाव से प्रभावित नहीं होता। - वरिष्ठ नागरिकों को एफडी पर क्या अतिरिक्त लाभ मिलता है?
वरिष्ठ नागरिकों को एफडी पर आमतौर पर अधिक ब्याज दर मिलती है और सरकार द्वारा टीडीएस की सीमा भी बढ़ा दी गई है, जिससे वे अधिक ब्याज अर्जित कर सकते हैं। - क्या एफडी पर लोन लिया जा सकता है?
हां, बैंक एफडी पर ओवरड्राफ्ट या लोन की सुविधा प्रदान करते हैं, जिससे निवेशकों को जरूरत पड़ने पर अपनी एफडी का उपयोग किए बिना धन की व्यवस्था करने में मदद मिलती है।
वर्तमान आर्थिक परिदृश्य में, एफडी उन निवेशकों के लिए एक शानदार विकल्प है जो स्थिरता, सुरक्षा और कर लाभ चाहते हैं। सरकार द्वारा टीडीएस सीमा बढ़ाए जाने से अब वरिष्ठ नागरिकों सहित सभी निवेशकों को और अधिक लाभ मिलेगा। चाहे आप अपनी बचत को सुरक्षित रखना चाहते हों, नियमित आय चाहते हों या टैक्स बचत का लाभ लेना चाहते हों, एफडी आपकी जरूरतों को पूरा करने के लिए एक आदर्श समाधान है।