
बजट 2025 में बैंक एफडी (Fixed Deposit) पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स (TDS) की सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया है। यह सीमा गैर-वरिष्ठ नागरिकों (Non-Senior Citizens) के लिए 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये प्रति वित्तीय वर्ष कर दी गई है। यह बदलाव 1 अप्रैल 2025 से लागू होगा। इसके अलावा, वित्त मंत्री ने अन्य मामलों में भी टीडीएस सीमा को 5,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये करने का प्रस्ताव दिया है।
TDS क्या होता है और इसका क्या असर पड़ेगा?
टीडीएस यानी टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स एक अग्रिम कर होता है, जिसे स्रोत पर ही काट लिया जाता है। बैंक एफडी (FD) पर मिलने वाला ब्याज जब एक निश्चित सीमा से अधिक हो जाता है, तो बैंक इस पर टीडीएस काटता है।
वर्तमान में गैर-वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह सीमा 40,000 रुपये है, जो अब 50,000 रुपये हो जाएगी। वहीं, अन्य मामलों में यह 5,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये की गई है। यह बदलाव 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होगा। इसका सीधा मतलब यह है कि अब एफडी पर थोड़ा अधिक ब्याज मिलने पर भी टीडीएस नहीं कटेगा, जिससे निवेशकों के हाथ में अधिक पैसा रहेगा।
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TDS कटौती के नियम क्या हैं?
टीडीएस कटौती तब होती है जब ब्याज तय सीमा से अधिक हो, अगर एफडी पर ब्याज एक वित्तीय वर्ष में 50,000 रुपये (गैर-वरिष्ठ नागरिकों के लिए) से अधिक हो जाता है, तो TDS कटेगा। अन्य मामलों में 10,000 रुपये से अधिक ब्याज पर टीडीएस कटेगा। टीडीएस कटौती बैंक या वित्तीय संस्थान द्वारा की जाती है, एफडी जिस बैंक या संस्थान में है, वही टीडीएस काटने के लिए जिम्मेदार होता है।
अगर पैन कार्ड (PAN) उपलब्ध है, तो TDS 10% की दर से कटेगा। अगर पैन कार्ड उपलब्ध नहीं है, तो टीडीएस 20% की दर से काटा जाएगा। अगर एफडी संयुक्त नाम (Joint Name) में है, तो टीडीएस केवल पहले (मुख्य) खाताधारक के लिए काटा जाएगा। यह वित्तीय वर्ष के अंत में कटता है, न कि एफडी की मेच्योरिटी (Maturity) पर।
कैसे होगा निवेशकों को फायदा?
TDS की सीमा बढ़ने से सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि अब निवेशकों के हाथ में अधिक पैसा रहेगा। उदाहरण के लिए, अगर आपका एफडी ब्याज 50,000 रुपये से कम है, तो उस पर कोई टीडीएस नहीं कटेगा। इससे आपके निवेश पर बेहतर रिटर्न मिलेगा।
हालांकि, यह समझना जरूरी है कि टीडीएस सिर्फ एक अग्रिम कर है। आपको अपनी कुल आय के आधार पर इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करना होगा और उसी हिसाब से टैक्स देना होगा। अगर आपकी कुल टैक्स देनदारी (Tax Liability) टीडीएस से कम बनती है, तो आपको रिफंड मिल सकता है। वहीं, अगर आपकी देनदारी टीडीएस से ज्यादा है, तो आपको अतिरिक्त टैक्स भरना होगा।
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FAQs
1. क्या बजट 2025 में टीडीएस की सीमा सभी के लिए बढ़ाई गई है?
नहीं, यह सीमा गैर-वरिष्ठ नागरिकों के लिए 40,000 से 50,000 रुपये और अन्य मामलों में 5,000 से 10,000 रुपये की गई है।
2. यह बदलाव कब से लागू होगा?
बजट 2025 में प्रस्तावित यह संशोधन 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होगा।
3. क्या मुझे अब एफडी पर टैक्स भरना नहीं पड़ेगा?
एफडी पर टीडीएस बढ़ने से तत्काल टैक्स नहीं कटेगा, लेकिन कुल आय पर टैक्स रिटर्न भरना आवश्यक होगा।
4. अगर मेरा पैन कार्ड बैंक में अपडेट नहीं है तो क्या होगा?
अगर बैंक के पास आपका पैन कार्ड अपडेट नहीं है, तो टीडीएस की दर 20% हो जाएगी।
5. क्या मैं टीडीएस रिफंड के लिए दावा कर सकता हूँ?
अगर आपकी कुल टैक्स देनदारी कम है, तो इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करके रिफंड का दावा किया जा सकता है।
बजट 2025 में एफडी पर मिलने वाले ब्याज पर टीडीएस की सीमा बढ़ाने से निवेशकों को राहत मिलेगी। इससे ज्यादा बचत और रिटर्न मिलेगा, खासकर उन लोगों को जिनका ब्याज आय 50,000 रुपये तक है। हालांकि, इनकम टैक्स रिटर्न भरना आवश्यक रहेगा।