ग्लोबल मार्केट में सोने (Gold) की कीमतों में तेजी दर्ज की गई है, जिसका असर भारतीय बाजार पर भी देखने को मिला। आज, 14 जनवरी 2025, को देश में 24 कैरेट सोने की कीमत 80,080 रुपए प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई है, जबकि 22 कैरेट गोल्ड 73,410 रुपए प्रति 10 ग्राम पर मिल रहा है। चांदी (Silver) की कीमत 94,600 रुपए प्रति किलोग्राम हो चुकी है।
ग्लोबल मार्केट में महंगा हुआ सोना
भारत में सोने का सांस्कृतिक और वित्तीय महत्व अत्यधिक है। यह न केवल निवेश का लोकप्रिय माध्यम है, बल्कि शादियों और त्योहारों में भी अहम भूमिका निभाता है। आज दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता और जयपुर जैसे बड़े शहरों में गोल्ड रेट में तेजी देखी गई है।
दिल्ली में सोने का भाव
दिल्ली में 22 कैरेट सोने का भाव 73,560 रुपए और 24 कैरेट गोल्ड 80,080 रुपए प्रति 10 ग्राम है। देश की राजधानी में सोने की कीमतों में उछाल ने निवेशकों और खरीदारों का ध्यान खींचा है।
मुंबई और अन्य शहरों में कीमतें
मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में आज 22 कैरेट गोल्ड 73,410 रुपए और 24 कैरेट गोल्ड 80,080 रुपए पर कारोबार कर रहा है। वहीं, जयपुर और बंगलुरु में 22 कैरेट सोना 73,560 रुपए तक पहुंच गया है।
MCX और COMEX पर सोने की स्थिति
MCX पर 5 फरवरी 2025 की डिलीवरी वाला सोना 0.06% बढ़कर 78,210 रुपए प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा है। COMEX पर सोने की कीमत 2,683.90 डॉलर प्रति औंस और चांदी 30.27 डॉलर प्रति औंस है। निवेशकों के लिए यह संकेत है कि आने वाले समय में सोने की कीमतें और ऊपर जा सकती हैं।
FAQs
Q1: सोने की कीमतें क्यों बढ़ रही हैं?
ग्लोबल मार्केट में बढ़ती मांग और डॉलर में उतार-चढ़ाव सोने की कीमतों में बढ़ोतरी का मुख्य कारण हैं।
Q2: सोने की कीमतों में वृद्धि का भारतीय बाजार पर क्या प्रभाव पड़ता है?
सोने की कीमतें बढ़ने से ज्वेलरी की मांग प्रभावित होती है, लेकिन निवेशकों को इससे फायदा होता है।
Q3: क्या सोना निवेश के लिए सही विकल्प है?
हां, सोना एक सुरक्षित निवेश माना जाता है, खासकर आर्थिक अस्थिरता के समय।
Q4: चांदी की कीमतें कैसे तय होती हैं?
चांदी की कीमतें मुख्यतः ग्लोबल मार्केट में ट्रेडिंग और औद्योगिक मांग पर निर्भर करती हैं।
भारत में सोने की कीमतों में उछाल का प्रभाव न केवल निवेशकों बल्कि आम खरीदारों पर भी पड़ रहा है। यह बढ़ती कीमतें निवेशकों के लिए सकारात्मक संकेत हैं, लेकिन आम जनता के लिए बजट का दबाव बढ़ा सकती हैं। आने वाले समय में कीमतों में स्थिरता की उम्मीद की जा सकती है।