उत्तर प्रदेश में एक नया और महत्वाकांक्षी एक्सप्रेसवे बनने जा रहा है, जिसे गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे (Gorakhpur-Shamli Expressway) के नाम से जाना जाएगा। यह एक्सप्रेसवे प्रदेश के सबसे लंबे एक्सप्रेसवे के रूप में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। इस एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई लगभग 700 किलोमीटर है, और यह गोरखपुर से शामली तक फैला होगा। यह महत्वपूर्ण परियोजना उत्तर प्रदेश के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों को जोड़ने के साथ-साथ प्रदेश के 22 जिलों से होकर गुजरेगी, जिससे राज्य में कनेक्टिविटी को मजबूती मिलेगी।
एक्सप्रेसवे की मार्गरेखा
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे (Gorakhpur-Shamli Expressway) गोरखपुर से शुरू होकर प्रदेश के विभिन्न महत्वपूर्ण जिलों से गुजरते हुए शामली तक पहुंचेगा। इसके मार्ग में संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, बहराइच, लखनऊ, सीतापुर, शाहजहांपुर, हरदोई, बदायूं, रामपुर, मुरादाबाद, बरेली, संभल, बिजनौर, अमरोहा, मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और शामली जिलों का समावेश होगा। इसके अलावा, यह एक्सप्रेसवे कुल 37 तहसीलों को जोड़ने वाला है, जो प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
लागत और समयसीमा
इस एक्सप्रेसवे के निर्माण पर लगभग 35,000 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। सरकार की योजना है कि इस परियोजना का काम 2024 के अंत तक शुरू कर दिया जाए। इसके पूरा होने में लगभग 3 से 4 साल का समय लग सकता है। यह परियोजना न केवल उत्तर प्रदेश की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगी, बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी गति देगी।
एक्सप्रेसवे के फायदे
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे के निर्माण से प्रदेश में कई फायदे होंगे। सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि गोरखपुर से शामली के बीच का यात्रा समय जो वर्तमान में लगभग 15 घंटे है, वह घटकर केवल 8 घंटे रह जाएगा। इस एक्सप्रेसवे के बनने से यात्रा का समय और सुगमता दोनों ही बढ़ेंगे।
इसके अलावा, यह एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा, क्योंकि यह पूर्वी उत्तर प्रदेश को पश्चिमी उत्तर प्रदेश से जोड़ने का काम करेगा। इसके परिणामस्वरूप, व्यापारिक गतिविधियाँ और आर्थिक प्रगति में वृद्धि की संभावना है। एक्सप्रेसवे के आसपास के क्षेत्रों में नए उद्योग और व्यापार स्थापित हो सकते हैं, जो स्थानीय रोजगार के अवसर भी उत्पन्न करेंगे।
विशेष सुविधाएं
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे पर कई विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। यह एक्सप्रेसवे 6 लेन (6-lane) का होगा, जिससे यातायात की समस्या को हल किया जा सकेगा। इसके अलावा, एक हवाई पट्टी का भी निर्माण किया जाएगा, जिससे आपातकालीन परिस्थितियों में विमान की लैंडिंग संभव हो सकेगी।
यह एक्सप्रेसवे भारत-नेपाल सीमा के पास से भी होकर गुजरेगा, जो सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। इस एक्सप्रेसवे का निर्माण उत्तर प्रदेश को न केवल एक मजबूत सड़क नेटवर्क प्रदान करेगा, बल्कि सामरिक दृष्टि से भी प्रदेश की स्थिति को सुदृढ़ करेगा।
एक्सप्रेसवे का उत्तर प्रदेश के विकास में योगदान
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे (Gorakhpur-Shamli Expressway) उत्तर प्रदेश के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। यह एक्सप्रेसवे राज्य की यात्रा को आसान बनाएगा और विभिन्न जिलों के बीच सीधा संपर्क स्थापित करेगा। इससे न केवल यात्री बल्कि व्यापारी और किसान भी लाभान्वित होंगे। यह परियोजना प्रदेश को और अधिक समृद्ध और विकसित बनाने की दिशा में एक अहम पहल है। इसके परिणामस्वरूप, उत्तर प्रदेश एक प्रमुख व्यापारिक और आर्थिक केंद्र बन सकता है।
(FAQs)
- गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई कितनी होगी?
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई लगभग 700 किलोमीटर होगी। - इस एक्सप्रेसवे के निर्माण में कितनी लागत आएगी?
इस एक्सप्रेसवे के निर्माण पर लगभग 35,000 करोड़ रुपये की लागत का अनुमान है। - गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे का पूरा होने में कितना समय लगेगा?
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे का निर्माण 3-4 साल में पूरा हो सकता है।