
हाल ही में केंद्र सरकार ने पेंशनभोगियों के लिए 6 नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिनसे पेंशन, GPF, ग्रेच्युटी, और नई पेंशन प्रणाली (NPS) से जुड़ी समस्याओं का समाधान होगा। ये नियम खासकर उन पेंशनभोगियों के लिए राहतभरे हैं जिन्होंने 2006 से पहले सरकारी सेवा समाप्त की थी। नए प्रावधान Pension संशोधन से लेकर ब्याज भुगतान तक कई महत्वपूर्ण बिंदुओं को कवर करते हैं।
पेंशन संशोधन (छठे वेतन आयोग के तहत)
सरकारी पेंशनभोगियों की सबसे बड़ी समस्या यह थी कि उनकी Pension न्यूनतम वेतन बैंड के आधार पर संशोधित नहीं की गई थी। इसके चलते कई पेंशनभोगी आर्थिक नुकसान उठा रहे थे। अब केंद्र सरकार ने पेंशन की गणना के लिए नया तरीका लागू किया है। नए नियम से Pension दो आधारों पर तय की जाएगी, अंतिम वेतन का 50% और न्यूनतम वेतन बैंड + ग्रेड पे का 50%। इससे पेंशनभोगियों को अधिकतम और न्यायसंगत Pension का लाभ मिलेगा और पुरानी विसंगतियां दूर होंगी।
सेवा अवधि और पेंशन पात्रता
पहले, जिन सरकारी कर्मचारियों की सेवा अवधि 10 वर्ष से कम होती थी, उन्हें Pension का लाभ नहीं मिलता था। ऐसे मामलों में Pension भोगियों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता था। नए नियम के अनुसार 9 वर्ष 6 महीने या उससे अधिक की सेवा को 10 वर्ष माना जाएगा। साथ ही इसमें निलंबन या अवैतनिक अवकाश की अवधि को भी सेवा अवधि में शामिल किया जाएगा। इस नए प्रावधान के तहत अल्प सेवा अवधि वाले कर्मचारियों को भी पेंशन का लाभ मिलेगा और उनके अधिकार सुरक्षित होंगे।
विलंबित भुगतान पर ब्याज का प्रावधान
कई पेंशनभोगियों को Pension और ग्रेच्युटी के भुगतान में देरी का सामना करना पड़ता है, जिससे वे आर्थिक संकट में पड़ जाते हैं। नए नियम के अनुसार यदि Pension या ग्रेच्युटी का भुगतान 3 महीने से अधिक देरी से होता है, तो सरकार को 6% ब्याज देना अनिवार्य होगा। इस नियम से पेंशनभोगियों को समय पर Pension और ग्रेच्युटी मिलने का भरोसा मिलेगा।
NPS बनाम OPS का विवाद
नई Pension प्रणाली (NPS) और पुरानी Pension योजना (OPS) को लेकर मृत कर्मचारियों के परिवारों में कई भ्रम बने हुए थे। नए नियम के अनुसार मृत कर्मचारी के परिवार को OPS के तहत Pension का लाभ मिलेगा। एवं NPS के तहत जमा फंड कानूनी उत्तराधिकारी को दिया जाएगा। इस प्रावधान से मृतक कर्मचारियों के परिवारों को समय पर सहायता और कानूनी अधिकार मिल सकेगा।
GPF में अधिकतम सीमा और ब्याज का प्रावधान
सामान्य भविष्य निधि (GPF) में सालाना योगदान की सीमा और अतिरिक्त राशि पर ब्याज को लेकर अक्सर सवाल उठते रहे हैं। नए नियम के अनुसार GPF की सीमा पार होने पर अतिरिक्त कटौती को रोका जाएगा। एवं अतिरिक्त राशि पर मिलने वाला ब्याज कर योग्य होगा। इससे GPF की प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और सरल बनेगी। कर्मचारी अब अपनी बचत योजना में स्पष्टता के साथ काम कर सकेंगे।
ग्रेच्युटी का भुगतान अस्थायी कर्मचारियों को भी मिलेगा
पहले केवल स्थायी कर्मचारियों को ही ग्रेच्युटी का लाभ दिया जाता था, जबकि अस्थायी कर्मचारियों को इससे वंचित रखा जाता था। अब नए नियम में अस्थायी कर्मचारियों को भी उनके सेवा वर्षों के आधार पर ग्रेच्युटी का भुगतान मिलेगा। इससे अस्थायी कर्मचारियों के अधिकार मजबूत होंगे और उन्हें वित्तीय सुरक्षा मिलेगी।
FAQs
Q1: क्या 6% ब्याज का प्रावधान सभी पेंशनभोगियों पर लागू होगा?
हां, यदि Pension या ग्रेच्युटी का भुगतान 3 महीने से अधिक देरी से होता है, तो सभी पेंशनभोगियों को 6% ब्याज का हक मिलेगा।
Q2: NPS और OPS के तहत परिवार को कौन-सा लाभ मिलेगा?
मृत कर्मचारी के परिवार को OPS के तहत Pension और NPS का फंड कानूनी उत्तराधिकारी को मिलेगा।
Q3: 10 वर्ष की सेवा से कम वाले कर्मचारियों को कैसे लाभ मिलेगा?
9 वर्ष 6 महीने की सेवा अवधि को अब 10 वर्ष माना जाएगा, जिससे वे Pension के पात्र होंगे।
Q4: क्या GPF की सीमा पार करने पर अतिरिक्त कटौती रोकी जाएगी?
हां, GPF सीमा पार करने पर अतिरिक्त कटौती नहीं की जाएगी।
Q5: क्या अस्थायी कर्मचारियों को ग्रेच्युटी का लाभ मिलेगा?
हां, अस्थायी कर्मचारियों को उनके सेवा अवधि के आधार पर ग्रेच्युटी का भुगतान किया जाएगा।
केंद्र सरकार के इन 6 नए नियमों से पेंशनभोगियों और कर्मचारियों को बड़ा राहत मिलेगी। लंबे समय से चली आ रही विसंगतियों को दूर करते हुए, सरकार ने एक पारदर्शी और न्यायसंगत प्रणाली की ओर कदम बढ़ाया है।