हरियाणा में 126Km लंबी रेलवे लाइन का टेंडर हुआ पास, जिनकी जमीन जायेंगी मिलेंगे करोड़ों, गांव का नाम यहाँ चेक करो

हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर (HORC) परियोजना हरियाणा के पांच प्रमुख जिलों को जोड़ने के लिए 126 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन का निर्माण कर रही है। 5700 करोड़ रुपये की लागत वाली यह परियोजना औद्योगिक कनेक्टिविटी को मजबूत करने और NCR में ट्रैफिक को कम करने में अहम भूमिका निभाएगी।

By Praveen Singh
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हरियाणा में 126Km लंबी रेलवे लाइन का टेंडर हुआ पास, जिनकी जमीन जायेंगी मिलेंगे करोड़ों, गांव का नाम यहाँ चेक करो

हरियाणा में रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के उद्देश्य से हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर (HORC) की शुरुआत की गई है। इस परियोजना के तहत 126 किलोमीटर लंबी नई रेलवे लाइन बिछाई जा रही है, जो पलवल से लेकर सोनीपत तक जाएगी। इस परियोजना पर कुल 5700 करोड़ रुपये की लागत आएगी और यह पलवल, गुरुग्राम, नूंह, झज्जर और सोनीपत जैसे पांच जिलों को सीधा लाभ पहुंचाएगी।

परियोजना का मार्ग और डिजाइन

Haryana New Railway Line का मार्ग पलवल रेलवे स्टेशन से शुरू होकर सोनीपत के हरसाना कलां रेलवे स्टेशन तक विस्तृत होगा। यह लाइन कुंडली-मानेसर-पलवल (KMP) एक्सप्रेसवे के समानांतर विकसित की जा रही है। इस कॉरिडोर में कुल 15 नए रेलवे स्टेशन स्थापित किए जाएंगे, जिनमें सोहना, मानेसर, खरखौदा और न्यू पलवल जैसे प्रमुख स्टेशन शामिल हैं।

इस रेलवे लाइन को ब्रॉड गेज डबल ट्रैक के रूप में बनाया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य मालगाड़ियों के संचालन को आसान बनाना है, ताकि 5 करोड़ टन माल ढुलाई प्रतिदिन संभव हो सके। ट्रेनें 160 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति से चल सकेंगी। इसके साथ ही, 11 मीटर ऊंची दो सुरंगें भी बनाई जाएंगी, जिससे डबल स्टैक कंटेनर का आवागमन सुचारू रूप से हो सके।

आर्थिक और पर्यावरणीय लाभ

हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर का मुख्य लाभ औद्योगिक विकास को मिलेगा। मानेसर और खरखौदा जैसे औद्योगिक क्षेत्रों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलने से व्यापार और उद्योग में बढ़ोतरी होगी। यह रेल परियोजना दिल्ली-एनसीआर में यातायात के बोझ को कम करने में सहायक साबित होगी। साथ ही, ट्रैफिक की समस्या घटने से वायु प्रदूषण में भी कमी आएगी।

औद्योगिक कनेक्टिविटी के अलावा, यह परियोजना यात्रियों के लिए भी एक महत्वपूर्ण समाधान लेकर आएगी। लंबी दूरी की ट्रेनों के आवागमन के लिए यह मार्ग अत्यंत प्रभावी होगा।

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भूमि अधिग्रहण और निर्माण की स्थिति

इस परियोजना के लिए कुल 665.92 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है। निर्माण कार्य तेजी से प्रगति पर है और इसे 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। शुरुआत फर्रुखनगर टोल प्लाजा से हुई है, जो सोहना-रेवाड़ी रोड (NH919) इंटरचेंज के पास स्थित है।

(FAQs)

1. हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर का क्या मुख्य उद्देश्य है?
इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य औद्योगिक कनेक्टिविटी को मजबूत करना और दिल्ली-एनसीआर में यातायात के दबाव को कम करना है।

2. परियोजना की कुल लंबाई कितनी है और इसमें कितने स्टेशन होंगे?
इस परियोजना की कुल लंबाई 126 किलोमीटर है और इसमें कुल 15 नए रेलवे स्टेशन बनाए जाएंगे।

3. इस परियोजना की अनुमानित लागत क्या है?
Haryana New Railway Line परियोजना की अनुमानित लागत 5700 करोड़ रुपये है।

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