मुसीबत में बैंक देते हैं लोन, यहाँ मिलता है कर्ज? देखें पूरी जानकारी

क्या आपने कभी सोचा है कि जब बैंक खुद मुश्किल में होते हैं, तो उन्हें कौन देता है कर्ज? RBI, शेयर बाजार या कुछ और? जानिए बैंकिंग जगत के सबसे बड़े राज इस लेख में!

By Praveen Singh
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मुसीबत में बैंक देते हैं लोन, यहाँ मिलता है कर्ज? देखें पूरी जानकारी
यहाँ मिलता है कर्ज?

बैंक आम जनता और संस्थाओं को लोन देने के लिए जाने जाते हैं। घर, गाड़ी, बिजनस या पढ़ाई जैसे लक्ष्यों को पूरा करने के लिए बैंक लोन देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जब बैंकों को खुद कर्ज की आवश्यकता होती है, तो वे यह राशि कहां से जुटाते हैं? बैंकों को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI), इंटरबैंक मार्केट, विदेशी संस्थान, शेयर बाजार, और जनता की जमा राशि से मदद मिलती है।

बैंक को कर्ज देने में RBI की भूमिका

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) बैंकों के लिए सबसे बड़ा सहारा है। जब किसी बैंक को फंड की आवश्यकता होती है, तो वे RBI से अल्पकालिक कर्ज लेते हैं। इसके बदले में वे बॉन्ड या सिक्योरिटीज गिरवी रखते हैं। RBI के इस सहयोग से बैंक अपनी वित्तीय जरूरतें पूरी करते हैं और ग्राहकों को कर्ज देने में सक्षम रहते हैं।

इंटरबैंक मार्केट से मिलती है सहायता

बैंकिंग सिस्टम में एक अनोखी प्रक्रिया होती है जिसे इंटरबैंक मार्केट कहते हैं। इसमें एक बैंक दूसरे बैंक को अल्पकालिक उधार देता है। उदाहरण के तौर पर, अगर किसी बैंक के पास अधिशेष नकदी है और दूसरे को जरूरत है, तो वे इस मार्केट के माध्यम से लेन-देन कर सकते हैं। यह बैंकिंग प्रणाली को स्थिर और मजबूत बनाए रखता है।

अंतरराष्ट्रीय संस्थानों और फॉरेन मार्केट का सहारा

बड़े बैंक अंतरराष्ट्रीय संस्थानों, जैसे विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से सहायता प्राप्त करते हैं। इसके अलावा, फॉरेन बॉन्ड मार्केट में बांड जारी करके भी बैंक फंड जुटाते हैं। यह प्रक्रिया न केवल उनकी वित्तीय स्थिति को मजबूत बनाती है, बल्कि उन्हें वैश्विक स्तर पर अपनी साख बढ़ाने में मदद करती है।

जनता की जमा राशि: बैंकिंग का मूल आधार

बचत खातों, फिक्स्ड डिपॉजिट और अन्य निवेश योजनाओं से बैंक बड़ी मात्रा में फंड्स इकट्ठा करते हैं। यही जमा राशि बैंकों का मुख्य आधार बनती है, जिसे वे लोन के रूप में प्रदान करते हैं।

शेयर बाजार और डिबेंचर की भूमिका

बैंक शेयर बाजार में IPO या डिबेंचर जारी करके भी पूंजी जुटाते हैं। यह तरीका उन्हें निवेशकों से सीधे पैसे जुटाने की सुविधा देता है। इस प्रक्रिया से बैंक न केवल अपनी वित्तीय स्थिति को सुधारते हैं, बल्कि नए निवेश के रास्ते भी खोलते हैं।

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FAQs

1. क्या सभी बैंक RBI से कर्ज ले सकते हैं?
जी हां, सभी बैंक जरूरत पड़ने पर RBI से कर्ज ले सकते हैं, बशर्ते वे इसके लिए बॉन्ड या सिक्योरिटीज गिरवी रखें।

2. इंटरबैंक मार्केट में लेन-देन कितने समय के लिए होता है?
यह अल्पकालिक होता है, जो कुछ दिनों से लेकर कुछ महीनों तक का हो सकता है।

3. क्या विदेशी संस्थानों से कर्ज लेने में कोई जोखिम है?
हां, विदेशी संस्थानों से कर्ज लेने पर मुद्रा विनिमय दरों और वैश्विक आर्थिक परिवर्तनों का असर पड़ सकता है।

बैंकों को अपनी वित्तीय जरूरतें पूरी करने के लिए विभिन्न स्रोतों से फंड्स मिलते हैं। चाहे वह RBI से कर्ज हो, इंटरबैंक मार्केट, अंतरराष्ट्रीय संस्थान, या जनता की जमा राशि—बैंक इन सभी माध्यमों का उपयोग करके अपनी सेवाएं जारी रखते हैं।

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