डिजिटल युग में क्यूआर कोड (QR Code) पैसा ट्रांसफर करने का सबसे लोकप्रिय और सरल माध्यम बन गया है। चाहे सब्जी खरीदनी हो या कपड़े, गूगल पे, पेटीएम और फोनपे जैसे यूपीआई (UPI) पेमेंट ऐप्स के जरिए QR स्कैन कर तुरंत पेमेंट किया जा सकता है। हालांकि, QR Code का उपयोग जितना आसान है, इसमें धोखाधड़ी का खतरा भी उतना ही बढ़ गया है। नकली QR स्कैम से बचने के लिए सतर्क रहना बेहद जरूरी है।
कैसे काम करता है QR Code और कहां होती है गलती?
QR Code स्कैन करने पर वह सीधे रिसीवर के खाते से लिंक होता है। पेमेंट से पहले स्क्रीन पर रिसीवर का नाम दिखाई देता है, जिसे पुष्टि करना बेहद आवश्यक है। कई बार स्कैमर्स असली QR को नकली कोड से बदल देते हैं, जिससे आपका पैसा उनके अकाउंट में चला जाता है।
नकली QR Code की पहचान करने के आसान तरीके
साउंड बॉक्स एक उपकरण है जो पेमेंट के सत्यापन में मदद करता है। यदि QR नकली होगा, तो साउंड बॉक्स पेमेंट को पहचानने में असमर्थ रहेगा। यह दुकानदारों के लिए सुरक्षा का सबसे प्रभावी तरीका है। QR स्कैन करने के बाद स्क्रीन पर जो नाम दिखाई दे, उसे दुकान के मालिक या व्यक्ति के नाम से मिलाएं। अगर नाम मेल नहीं खाता, तो पेमेंट न करें और तुरंत सतर्क हो जाएं।
यदि QR संदिग्ध लगता है, तो Google Lens की सहायता से स्कैन करें। इससे यह पता लगाया जा सकता है कि URL किसी असुरक्षित साइट पर तो नहीं जा रहा है। यह तरीका धोखाधड़ी से बचने में सहायक है।
FAQs
1. क्या नकली QR Code को पहचानना आसान है?
हां, QR स्कैन करने के बाद स्क्रीन पर नाम और डिटेल्स की पुष्टि करके आप नकली QR Code पहचान सकते हैं।
2. क्या साउंड बॉक्स सुरक्षित है?
जी हां, साउंड बॉक्स से पेमेंट की पुष्टि तुरंत हो जाती है, जिससे नकली QR Code का पता लगाना आसान हो जाता है।
3. क्या Google Lens हर बार सही URL दिखाता है?
Google Lens एक विश्वसनीय उपकरण है, लेकिन URL की पुष्टि करते समय ध्यान रखें कि वह असुरक्षित साइट्स की ओर रीडायरेक्ट न हो।
4. नकली QR का शिकार होने पर क्या करें?
यदि आप स्कैम के शिकार हो गए हैं, तो तुरंत अपनी बैंकिंग सेवा और साइबर सेल से संपर्क करें।
QR से पेमेंट करना सुविधाजनक है, लेकिन इसमें सतर्कता बेहद जरूरी है। पेमेंट से पहले रिसीवर के नाम की पुष्टि करें और शक होने पर Google Lens का इस्तेमाल करें। साउंड बॉक्स का उपयोग भी धोखाधड़ी से बचने का एक प्रभावी तरीका है। डिजिटल युग में सुरक्षित ट्रांजेक्शन के लिए जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है।