
Public Provident Fund यानी PPF एक लंबी अवधि की बचत योजना है, जिसे सरकार द्वारा समर्थित किया जाता है। यह निवेश न केवल टैक्स बचत का साधन है बल्कि एक सुरक्षित रिटर्न भी प्रदान करता है। लेकिन बहुत से निवेशक यह नहीं जानते कि PPF खाते से जरूरत पड़ने पर लोन (Loan) और आंशिक निकासी (Partial Withdrawal) भी की जा सकती है। यदि आप भी जानना चाहते हैं कि PPF Account से लोन और आंशिक निकासी कैसे की जाती है, तो यह लेख आपके लिए बेहद उपयोगी होगा। यहां हम सरल भाषा में समझाएंगे कि इन दोनों सुविधाओं का लाभ कैसे लिया जा सकता है और किन शर्तों का पालन जरूरी है।
PPF खाते से लोन कब और कैसे लिया जा सकता है?
PPF स्कीम में निवेश की अवधि कुल 15 साल होती है। लेकिन इसमें लोन लेने की सुविधा पहले कुछ वर्षों में उपलब्ध होती है। आप PPF खाते से तीसरे वित्तीय वर्ष की समाप्ति के बाद और छठे वित्तीय वर्ष की समाप्ति से पहले तक लोन ले सकते हैं। यानी आप दूसरे साल के अंत के बाद से लेकर पांचवें साल के अंत तक लोन लेने के पात्र होते हैं।
लोन की अधिकतम राशि उस समय आपके खाते में मौजूद बैलेंस के 25% तक हो सकती है। उदाहरण के लिए, अगर आपके खाते में दूसरे साल के अंत में ₹1,00,000 की राशि है, तो तीसरे साल आप अधिकतम ₹25,000 तक का लोन ले सकते हैं।
लोन लेने की प्रक्रिया बेहद आसान है। इसके लिए आपको अपने बैंक या पोस्ट ऑफिस में एक एप्लिकेशन फॉर्म भरना होता है, जिसमें PPF अकाउंट नंबर, लोन की रकम और अन्य आवश्यक विवरण दर्ज करना होता है। इसके साथ आधार कार्ड, पैन कार्ड और पासबुक की कॉपी जमा करनी होती है।
लोन की ब्याज दर और भुगतान की शर्तें
PPF से लिए गए लोन पर ब्याज दर सामान्यतः PPF की मौजूदा ब्याज दर से 1% अधिक होती है। उदाहरण के लिए, यदि PPF की ब्याज दर 7.1% है, तो लोन पर ब्याज 8.1% लगेगा। हालांकि सरकार इस ब्याज दर को समय-समय पर संशोधित कर सकती है।
लोन की रकम को 36 महीनों यानी 3 साल के भीतर चुकाना अनिवार्य होता है। अगर तय अवधि में भुगतान नहीं किया गया, तो शेष राशि पर ब्याज दर बढ़कर 6% अधिक हो सकती है। साथ ही यदि आपने पिछला लोन चुकता नहीं किया है, तो आप अगला लोन नहीं ले सकते।
PPF खाते से आंशिक निकासी की सुविधा
PPF अकाउंट होल्डर को 7वें वित्तीय वर्ष के बाद आंशिक निकासी की अनुमति होती है। यानी अगर आपने PPF अकाउंट 1 अप्रैल 2015 को खोला है, तो आप 1 अप्रैल 2021 से आंशिक निकासी कर सकते हैं।
आप अधिकतम उस वर्ष से पहले वाले पांच सालों में आपके खाते में जो भी सबसे कम बैलेंस रहा है, उसका 50% तक निकाल सकते हैं। यह निकासी केवल एक बार हर वित्तीय वर्ष में की जा सकती है।
आंशिक निकासी के लिए आवश्यक दस्तावेज और प्रक्रिया
आंशिक निकासी के लिए फॉर्म C भरना होता है। इस फॉर्म में अकाउंट होल्डर के हस्ताक्षर, निकासी की राशि और कारण देना होता है। साथ में पासबुक और पहचान पत्र की प्रति भी संलग्न करनी होती है। बैंक या पोस्ट ऑफिस में यह फॉर्म जमा करने के बाद आपकी निकासी प्रक्रिया पूरी हो जाती है।
विस्तार से समझें: लोन और आंशिक निकासी के बीच अंतर
लोन और आंशिक निकासी दोनों ही PPF निवेशक को जरूरत के समय सहायता प्रदान करते हैं, लेकिन दोनों की प्रकृति और शर्तें अलग होती हैं। लोन वापस करना होता है और उस पर ब्याज भी देना पड़ता है, जबकि आंशिक निकासी वापस नहीं करनी होती, और उस पर कोई ब्याज भी नहीं लगता। लोन का लाभ केवल 3 से 6 वर्ष के बीच लिया जा सकता है, जबकि आंशिक निकासी 7वें वर्ष से शुरू होती है।
क्यों है PPF स्कीम खास?
PPF अकाउंट में निवेश पर टैक्स छूट (Tax Exemption) मिलती है, और इस पर अर्जित ब्याज भी टैक्स-फ्री होता है। इसे EEE यानी Exempt-Exempt-Exempt कैटेगरी में रखा गया है। इसका मतलब है कि निवेश की गई रकम, ब्याज और मैच्योरिटी पर मिलने वाली राशि—तीनों टैक्स से मुक्त होती हैं। साथ ही यह स्कीम सरकार द्वारा गारंटीकृत है, जिससे इसका जोखिम शून्य के बराबर होता है।
डिजिटल तरीके से भी कर सकते हैं आवेदन
अब अधिकतर बैंक और पोस्ट ऑफिस अपने ग्राहकों को PPF खाते से संबंधित सेवाएं ऑनलाइन प्रदान कर रहे हैं। यदि आपका PPF खाता इंटरनेट बैंकिंग से जुड़ा है, तो आप लोन और आंशिक निकासी के लिए ऑनलाइन भी आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए बैंक की वेबसाइट या मोबाइल ऐप पर लॉग इन करके संबंधित विकल्प का चयन करना होता है।
ध्यान देने योग्य बातें
- लोन समय पर चुकाना अनिवार्य है, अन्यथा ब्याज दर बढ़ सकती है।
- आंशिक निकासी केवल एक बार हर साल की जा सकती है।
- यदि PPF खाता 15 साल बाद एक्सटेंड किया गया है, तो भी आंशिक निकासी की सुविधा जारी रहती है।
- लोन और आंशिक निकासी दोनों एक साथ नहीं ली जा सकतीं।