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सरकारी स्कूलों में बदलेगा छुट्टियों का शेड्यूल, अब DM साहब बताएंगे कब होंगी छुट्टियाँ

हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में छुट्टियों का नया शेड्यूल छात्रों और शिक्षकों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। जिलाधीशों को स्थानीय मौसम के आधार पर छुट्टियां तय करने का अधिकार मिला है, जिससे शेड्यूल अधिक लचीला और प्रभावी हो गया है।

By Praveen Singh
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सरकारी स्कूलों में बदलेगा छुट्टियों का शेड्यूल, अब DM साहब बताएंगे कब होंगी छुट्टियाँ

हिमाचल प्रदेश में स्कूलों की छुट्टियों के शेड्यूल को लेकर इस बार महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। शिक्षा विभाग ने समर और मानसून ब्रेक की नई व्यवस्था के तहत जिलाधीशों को यह अधिकार दिया है कि वे स्थानीय मौसम और परिस्थितियों के अनुसार छुट्टियों का निर्धारण करें। इस बदलाव का उद्देश्य है कि छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों की सुविधा के अनुसार लचीली और प्रासंगिक छुट्टियां निर्धारित की जा सकें।

ग्रीष्मकालीन स्कूलों का शेड्यूल

ग्रीष्मकालीन स्कूलों में इस बार मानसून ब्रेक 40 दिनों का होगा, लेकिन जिलाधीश मौसम के आधार पर इसे 15 से 25 दिन के बीच विभाजित कर सकते हैं। यह नई व्यवस्था सुनिश्चित करती है कि लंबे मानसून ब्रेक के बजाय छात्रों की पढ़ाई पर कम से कम प्रभाव पड़े। इसके अलावा, इन स्कूलों में विंटर ब्रेक केवल 7 दिन का होगा और फेस्टिवल ब्रेक 5 दिन का निर्धारित किया गया है। कुल्लू जिले में दशहरे के लिए विशेष 5 दिन का अवकाश दिया जाएगा।

शीतकालीन स्कूलों का शेड्यूल

शीतकालीन स्कूलों में मानसून ब्रेक सिर्फ 7 दिनों का रहेगा। जिलाधीश यह तय करेंगे कि यह अवकाश कब देना है। शीतकालीन स्कूलों में फेस्टिवल ब्रेक 3 दिन का होगा, जिसमें दिवाली से दो दिन पहले और दिवाली के बाद एक दिन का अवकाश शामिल होगा। सबसे लंबा अवकाश शीतकालीन छुट्टियों के रूप में 42 दिनों का होगा, जो 1 जनवरी से 11 फरवरी तक चलेगा।

52 छुट्टियों की सीमा

नई योजना के तहत हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में सालभर में 52 से ज्यादा छुट्टियां नहीं होंगी। इसके लिए जिला और ब्लॉक स्तर पर हर छुट्टी का रिकॉर्ड रखा जाएगा। यह निर्णय यह सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है कि पढ़ाई पर अनावश्यक रूप से असर न पड़े। जिलाधीश को अधिकार होगा कि किसी भी विशेष परिस्थिति में स्थानीय मौसम को देखते हुए स्कूलों में छुट्टी घोषित कर सकें।

सुझाव और बदलाव का स्वागत

शिक्षा विभाग ने इस संभावित शेड्यूल पर 15 दिनों के भीतर सुझाव और आपत्तियां मांगी हैं। शिक्षक, अभिभावक और छात्र अपने सुझाव विभाग को भेज सकते हैं। इस प्रक्रिया के बाद शेड्यूल में आवश्यकतानुसार बदलाव किए जा सकते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि छुट्टियों की योजना सभी के लिए अनुकूल और प्रभावी हो।

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(FAQs)

1. क्या हर जिले में छुट्टियों का शेड्यूल एक जैसा होगा?
नहीं, हर जिले में मौसम और परिस्थितियों के अनुसार जिलाधीश छुट्टियों का शेड्यूल तय करेंगे।

2. क्या मानसून ब्रेक 40 दिन अनिवार्य रूप से रहेगा?
नहीं, यह मौसम के आधार पर 15 से 25 दिन के बीच विभाजित हो सकता है।

3. शीतकालीन स्कूलों में विंटर ब्रेक की अवधि क्या है?
शीतकालीन स्कूलों में विंटर ब्रेक 42 दिन का रहेगा, जो 1 जनवरी से 11 फरवरी तक होगा।

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