
टैक्स सेविंग म्युचुअल फंड्स (Tax Saving Mutual Funds) में निवेश करना एक ऐसा स्मार्ट फाइनेंशियल डिसीजन हो सकता है, जिससे निवेशक न केवल टैक्स बचा सकते हैं बल्कि लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न भी प्राप्त कर सकते हैं।
Equity Linked Savings Scheme-ELSS एक ऐसी निवेश योजना है, जो आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत कर लाभ प्रदान करती है। इसके तहत एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम ₹1.5 लाख तक का निवेश किया जा सकता है, जिससे टैक्स बचत के साथ-साथ संपत्ति निर्माण का भी अवसर मिलता है।
Tax Saving Mutual Funds: ELSS
इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) पारंपरिक म्युचुअल फंड्स की तुलना में अनूठा होता है क्योंकि यह टैक्स लाभ के साथ लंबी अवधि के लिए निवेश को प्रेरित करता है। इस स्कीम में तीन साल की लॉक-इन अवधि होती है, जो इसे अन्य म्युचुअल फंड्स की तुलना में अधिक अनुशासित निवेश विकल्प बनाती है। ELSS फंड्स का निवेश मुख्य रूप से इक्विटी और इक्विटी-लिंक्ड इंस्ट्रूमेंट्स में किया जाता है, जिससे यह निवेशकों को उच्च रिटर्न दिलाने में मदद करता है।
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ELSS में निवेश क्यों करें?
- कर लाभ (Tax Benefit): आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत ELSS में किए गए निवेश पर ₹1.5 लाख तक की कर छूट प्राप्त की जा सकती है।
- तीन साल की लॉक-इन अवधि (Lock-in Period): यह अन्य टैक्स सेविंग विकल्पों जैसे PPF (15 साल) और FD (5 साल) की तुलना में कम होती है।
- बढ़िया रिटर्न (High Returns): चूंकि ELSS फंड्स इक्विटी मार्केट में निवेश करते हैं, इसलिए इनमें लॉन्ग टर्म में अधिक रिटर्न मिलने की संभावना रहती है।
- सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) का विकल्प: निवेशक SIP के माध्यम से भी ELSS में निवेश कर सकते हैं, जिससे वे नियमित रूप से छोटी-छोटी राशि लगाकर बड़ी पूंजी बना सकते हैं।
- डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो: ELSS में निवेश कई सेक्टर्स और कंपनियों में किया जाता है, जिससे जोखिम को संतुलित करने में मदद मिलती है।
सही ELSS फंड का चुनाव कैसे करें?
हमेशा उन फंड्स को चुनें, जिन्होंने पिछले 5-10 वर्षों में अच्छा प्रदर्शन किया है। जिस फंड का प्रदर्शन बेंचमार्क इंडेक्स से बेहतर हो, उसे प्राथमिकता दें। फंड्स में विभिन्न सेक्टर्स और कंपनियों का अच्छा आवंटन होना चाहिए। अगर आप कम जोखिम लेना चाहते हैं, तो लार्ज-कैप ELSS फंड चुनें। वहीं, ज्यादा जोखिम उठाने वाले निवेशक मिड-कैप ELSS में निवेश कर सकते हैं। जिस फंड का मैनेजर अनुभवी और अच्छी रणनीति वाला हो, उसे प्राथमिकता दें।
ELSS में निवेश करने के लिए सही समय
ELSS में निवेश करने के लिए साल का अंत यानी जनवरी-मार्च का समय सबसे ज्यादा लोकप्रिय होता है, क्योंकि इसी समय लोग टैक्स सेविंग के लिए निवेश करने की योजना बनाते हैं। हालांकि, सबसे सही तरीका यह है कि पूरे साल SIP के जरिए निवेश किया जाए, ताकि मार्केट के उतार-चढ़ाव का लाभ लिया जा सके और औसत लागत (Rupee Cost Averaging) कम हो।
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FAQs
1. क्या ELSS में निवेश पूरी तरह टैक्स-फ्री होता है?
नहीं, ELSS पर मिलने वाला रिटर्न लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स के तहत आता है। यदि रिटर्न ₹1 लाख से अधिक होता है, तो उस पर 10% LTCG टैक्स लगता है।
2. क्या SIP के जरिए ELSS में निवेश करना सही रहेगा?
हाँ, SIP के जरिए निवेश करने से जोखिम कम होता है और निवेश का अनुशासन बना रहता है।
3. तीन साल बाद ELSS फंड को रिडीम करना जरूरी है?
नहीं, तीन साल की लॉक-इन अवधि पूरी होने के बाद भी निवेश जारी रखा जा सकता है।
4. क्या ELSS रिटर्न गारंटीड होते हैं?
नहीं, ELSS फंड्स इक्विटी में निवेश करते हैं, इसलिए इनका रिटर्न बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है।
5. कौन से निवेशक ELSS में निवेश कर सकते हैं?
वह सभी निवेशक जो टैक्स बचाने और इक्विटी में निवेश के जरिए लॉन्ग टर्म वेल्थ क्रिएशन करना चाहते हैं, वे ELSS में निवेश कर सकते हैं।
Tax Saving Mutual Funds खासतौर पर ELSS, उन निवेशकों के लिए एक बेहतरीन विकल्प हैं जो टैक्स बचाने के साथ-साथ लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न भी पाना चाहते हैं। तीन साल की लॉक-इन अवधि और उच्च रिटर्न की संभावना इसे अन्य टैक्स सेविंग विकल्पों की तुलना में अधिक आकर्षक बनाती है।