
इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने के बाद, आयकर विभाग टैक्सपेयर्स की दी गई जानकारी की जांच करता है। इसके तहत, धारा 143(1) के अंतर्गत Income tax notice जारी किया जाता है। यह नोटिस इस बात की पुष्टि करता है कि आपने ITR में दी गई जानकारी सही है या नहीं। अगर आपको भी ऐसा नोटिस मिला है तो घबराने की जरूरत नहीं है। यह समझना महत्वपूर्ण है कि नोटिस मिलने पर आपको क्या कदम उठाने चाहिए और इस स्थिति को कैसे संभालना चाहिए।
आयकर विभाग द्वारा Income tax notice क्यों भेजा जाता है?
आयकर विभाग ITR प्रोसेस करने के दौरान फाइल की गई जानकारी को चेक करता है। इसमें दी गई जानकारी जैसे आय, कटौती, और टैक्स का मिलान फॉर्म 26AS और AIS से किया जाता है। यदि इसमें किसी भी प्रकार की गड़बड़ी मिलती है, तो विभाग की ओर से धारा 143(1) के तहत इंटीमेशन नोटिस भेजा जाता है। इसे लेटर ऑफ इंटीमेशन भी कहते हैं।
नोटिस में निम्नलिखित जानकारी दी जाती है:
- आपकी ITR सही है या नहीं।
- अगर गलत है तो इसमें हुई त्रुटियों का विवरण।
- रिफंड या अतिरिक्त टैक्स भुगतान की स्थिति।
- गलत कटौती के दावे की जानकारी।
रिवाइज्ड रिटर्न भरने की प्रक्रिया
अगर नोटिस में यह बताया गया है कि आपने ITR में गलत जानकारी दी है, तो आपको इसे ठीक करना होगा। इसके लिए आपको रिवाइज्ड रिटर्न फाइल करना होगा। रिवाइज्ड रिटर्न फाइल करने के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाता। आप इसे कितनी भी बार फाइल कर सकते हैं, लेकिन ध्यान रखें कि इसे आखिरी तारीख तक जमा कर दिया जाए। आमतौर पर रिवाइज्ड रिटर्न की अंतिम तिथि 31 दिसंबर होती है, हालांकि, आयकर विभाग समय-समय पर इसे बदल सकता है।
इनकम टैक्स नोटिस में सामान्य त्रुटियां
गलत आय की जानकारी देना। टैक्स बचाने के लिए अनुचित कटौती का दावा करना। एवं फॉर्म 26AS और AIS से डेटा का मेल न खाना।इन त्रुटियों पर Income tax notice प्राप्त हो सकता है। इन त्रुटियों को ठीक करने के लिए नोटिस को ध्यानपूर्वक पढ़ें और रिवाइज्ड रिटर्न दाखिल करें।
इंटीमेशन लेटर न मिलने पर क्या करें?
ITR फाइल करने वाले हर व्यक्ति को ITR प्रोसेसिंग के बाद इंटीमेशन लेटर भेजा जाता है। अगर ITR फाइल करने के एक महीने के भीतर यह लेटर नहीं मिलता है, तो इसकी जानकारी इनकम टैक्स विभाग को ईमेल के माध्यम से दें। इसके अलावा, आप विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर शिकायत भी दर्ज करा सकते हैं।
सरकार के पास आपकी आय का पूरा रिकॉर्ड
फॉर्म 26AS और AIS के रूप में आपकी आय का पूरा लेखा-जोखा सरकार के पास रहता है। ITR फाइल करने के दौरान दी गई जानकारी का मिलान इसी डेटा से किया जाता है। यदि कोई गड़बड़ी पाई जाती है, तो नोटिस भेजकर इसकी जानकारी दी जाती है।
FAQs
1. धारा 143(1) का नोटिस क्या है?
धारा 143(1) के तहत इनकम टैक्स विभाग द्वारा ITR में दी गई जानकारी की जांच के बाद नोटिस भेजा जाता है। इसमें रिफंड, अतिरिक्त टैक्स या किसी त्रुटि की जानकारी दी जाती है।
2. क्या रिवाइज्ड रिटर्न फाइल करने के लिए कोई शुल्क देना होता है?
नहीं, रिवाइज्ड रिटर्न फाइल करने के लिए कोई शुल्क नहीं देना होता। आप इसे किसी भी संख्या में फाइल कर सकते हैं।
3. अगर इंटीमेशन लेटर न मिले तो क्या करें?
ITR फाइल करने के एक महीने के भीतर इंटीमेशन लेटर न मिलने पर आप इनकम टैक्स विभाग को ईमेल करें या वेबसाइट पर शिकायत दर्ज कराएं।
4. रिवाइज्ड रिटर्न फाइल करने की अंतिम तिथि क्या होती है?
आमतौर पर रिवाइज्ड रिटर्न फाइल करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर होती है।
5. अगर आयकर विभाग ने ITR में गलती बताई है तो क्या करना चाहिए?
ITR में गलती की स्थिति में रिवाइज्ड रिटर्न फाइल करें और गलतियों को सुधारें। इससे आप किसी भी अतिरिक्त पेनाल्टी से बच सकते हैं।
इस प्रकार, इनकम टैक्स नोटिस मिलने पर घबराने की जरूरत नहीं है। इसे ध्यान से पढ़ें, आवश्यक सुधार करें, और रिवाइज्ड रिटर्न दाखिल करें। सही जानकारी प्रदान करने से आप किसी भी परेशानी से बच सकते हैं।