Cheque Bounce होने पर सुधार दे ये गलती, नहीं तो हो सकता है नुकसान, देखें नियम

क्या आपका चेक बाउंस हो गया है? इस छोटी सी गलती के कारण हो सकती है 2 साल की जेल और भारी जुर्माना! जानें कारण, समाधान और कानून से जुड़ी जरूरी बातें जो आपके पैसे और समय दोनों बचा सकती हैं।

By Praveen Singh
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Cheque Bounce होने पर सुधार दे ये गलती, नहीं तो हो सकता है नुकसान, देखें नियम
Cheque Bounce होने पर सुधार दे ये गलती

बड़े वित्तीय लेन-देन के लिए आज भी चेक का उपयोग बेहद प्रासंगिक है। हालांकि, UPI और नेट बैंकिंग का प्रसार हो चुका है, लेकिन कई कार्य ऐसे हैं, जिनमें चेक की अहमियत बनी हुई है। Cheque Bounce एक गंभीर समस्या है, जिसमें लापरवाही भारी पड़ सकती है। इसका मतलब है कि चेक द्वारा भेजा गया पैसा प्राप्तकर्ता तक नहीं पहुंचा। इससे जुड़ी तकनीकी और कानूनी प्रक्रियाओं को समझना अनिवार्य है।

Cheque Bounce होने पर सुधार दे ये गलती

चेक बाउंस (Cheque Bounce) के मामले में, Negotiable Instrument Act 1881 की धारा 138 के तहत इसे दंडनीय अपराध माना गया है। यदि चेक बाउंस होता है, तो भुगतानकर्ता को 2 साल की सजा या जुर्माना, या दोनों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, बैंक आपको पहले अपनी गलती सुधारने का मौका देते हैं।

चेक बाउंस के प्रमुख कारणों में खाते में पर्याप्त धन का न होना, सिग्नेचर का मेल न खाना, या चेक की समय सीमा समाप्त होना शामिल है। इसके अलावा, तकनीकी त्रुटियां जैसे शब्‍दों में गलती, ओवर राइटिंग या कंपनी की मुहर का न होना भी इसके मुख्य कारण हैं।

Cheque Bounce पर बैंक का जुर्माना और कानूनी प्रावधान

जब चेक बाउंस होता है, तो बैंक जुर्माना वसूलता है। यह जुर्माना 150 रुपये से लेकर 750 रुपये या उससे अधिक हो सकता है, जो बैंक और स्थिति के अनुसार अलग-अलग होता है। यदि भुगतानकर्ता समय पर गलती सुधारने में असफल रहता है, तो लेनदार कानूनी कार्रवाई कर सकता है।

बैंक द्वारा चेक बाउंस की सूचना मिलने के बाद, आपको तीन महीने का समय दिया जाता है, जिसमें आप दूसरा चेक जारी कर सकते हैं। अगर दूसरा चेक भी बाउंस हो जाता है, तो लेनदार को 30 दिनों के भीतर नोटिस भेजने का अधिकार है। अगर नोटिस का जवाब 15 दिनों में नहीं आता, तो लेनदार अदालत में शिकायत दर्ज कर सकता है।

(FAQs)

1. क्या चेक बाउंस पर तुरंत जेल हो सकती है?
नहीं, चेक बाउंस के बाद पहले बैंक और लेनदार द्वारा सुधार का मौका दिया जाता है। लेकिन बार-बार गलती करने पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है।

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2. चेक बाउंस के लिए बैंक कितना जुर्माना लेता है?
बैंक का जुर्माना 150 रुपये से 750 रुपये या अधिक हो सकता है, जो बैंक की नीतियों पर निर्भर करता है।

3. क्या चेक बाउंस पर समाधान संभव है?
जी हां, समय पर भुगतान करके आप कानूनी कार्रवाई से बच सकते हैं।

4. चेक बाउंस के मुख्य कारण क्या हैं?
अकाउंट में बैलेंस की कमी, सिग्नेचर न मिलना, ओवर राइटिंग, या चेक की समय सीमा समाप्त होना इसके मुख्य कारण हैं।

Cheque Bounce की समस्या वित्तीय अनुशासन और जागरूकता से आसानी से टाली जा सकती है। चेक भरते समय सावधानी और नियमों का पालन करना आवश्यक है। अगर चेक बाउंस होता है, तो सही समय पर कदम उठाने से आप कानूनी परेशानियों से बच सकते हैं।

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