RBI ने घटाया Repo Rate! जानें इसका होम लोन, EMI और आपकी जेब पर असर

क्या आपकी EMI कम होगी? रेपो रेट कटौती से होम लोन सस्ता होगा या नहीं? RBI के इस बड़े फैसले का सीधा असर आपकी जेब पर पड़ेगा। जानें पूरी डिटेल और समझें इसका फाइनेंशियल गणित!

By Praveen Singh
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RBI ने घटाया Repo Rate! जानें इसका होम लोन, EMI और आपकी जेब पर असर
RBI ने घटाया Repo Rate

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) ने हाल ही में रेपो रेट (Repo Rate) में 25 बेसिस पॉइंट्स (bps) की कटौती कर इसे 6.25% कर दिया है। यह निर्णय लंबे समय से अपेक्षित था, क्योंकि मुद्रास्फीति दर और आर्थिक वृद्धि को संतुलित करने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा था।

Repo Rate Cut और ब्याज दरें

Repo Rate, जिसे रीपर्चेज अग्रीमेंट (Repurchase Agreement) भी कहा जाता है, वह दर है जिस पर भारतीय रिजर्व बैंक कमर्शियल बैंकों को ओवरनाइट लोन देता है। इसके बदले में, बैंक अपनी कुछ सरकारी प्रतिभूतियां (Securities) रिजर्व बैंक को सौंपते हैं। जब RBI रेपो रेट घटाता है, तो बैंकों के लिए उधारी सस्ती हो जाती है और वे अपने ग्राहकों को कम ब्याज दर पर लोन दे सकते हैं, जिससे लोन लेने वालों को सीधा फायदा होता है।

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रेपो रेट कटौती से महंगाई पर प्रभाव

Repo Rate में कटौती का सबसे बड़ा असर मुद्रास्फीति (Inflation) को नियंत्रित करने में देखने को मिलता है। यदि मुद्रास्फीति अधिक होती है, तो RBI रेपो रेट बढ़ाता है, जिससे लोन महंगे हो जाते हैं और बाजार में नकदी की मात्रा कम होती है। इसके विपरीत, जब अर्थव्यवस्था में नकदी प्रवाह कम होता है और उपभोग कमजोर होता है, तो RBI रेपो रेट घटाकर लोन सस्ते करता है ताकि निवेश और खर्च को बढ़ावा मिले।

होम लोन और EMI पर असर

RBI के इस फैसले का सीधा असर होम लोन (Home Loan) और EMI (Equated Monthly Installment) पर पड़ता है। आमतौर पर, बैंकों के ब्याज दरें रेपो रेट से जुड़ी होती हैं। जब रेपो रेट कम होता है, तो बैंक भी अपनी उधारी की लागत को कम कर सकते हैं और ग्राहकों को कम ब्याज दरों पर लोन ऑफर करते हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार, मौजूदा समय में होम लोन ब्याज दरें 8.5% से 9% के बीच हैं। अगर रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट्स तक की कटौती होती है, तो यह उधारकर्ताओं के लिए राहत लेकर आएगा। इससे मासिक EMI घट सकती है और लोन की अदायगी आसान हो सकती है।

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रियल एस्टेट और उद्योगों पर असर

Repo Rate में कटौती से रियल एस्टेट सेक्टर को भी लाभ होगा। Signature Global (India) के चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल का मानना है कि सस्ते होम लोन से लोगों की घर खरीदने की क्षमता बढ़ेगी और रियल एस्टेट की मांग में इजाफा होगा।

NAREDCO (National Real Estate Development Council) के अनुसार, ब्याज दरों में 25-30 बेसिस पॉइंट्स की कटौती से हाउसिंग मार्केट को बढ़ावा मिलेगा। यह न केवल होम डिवेलपर्स के लिए फायदेमंद होगा, बल्कि इससे निर्माण, सीमेंट और स्टील जैसी संबंधित इंडस्ट्रीज को भी लाभ मिलेगा।

स्टॉक मार्केट और आर्थिक वृद्धि पर प्रभाव

YES Securities के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अमर अंबानी का मानना है कि RBI का ‘अकॉमोडेटिव’ रुख स्टॉक मार्केट के लिए सकारात्मक संकेत है। ब्याज दरों में कटौती से कंपनियों की उधारी की लागत कम होगी, जिससे उनके मुनाफे में इजाफा होगा और निवेशकों के लिए बाजार अधिक आकर्षक बनेगा।

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FAQs

  1. Repo Rate क्या होता है?
    Repo Rate वह ब्याज दर है जिस पर भारतीय रिजर्व बैंक कमर्शियल बैंकों को ओवरनाइट लोन देता है।
  2. रेपो रेट में कटौती से आम जनता को क्या फायदा होता है?
    जब RBI रेपो रेट कम करता है, तो बैंक भी अपने लोन की ब्याज दरें घटाते हैं, जिससे होम लोन, कार लोन और अन्य लोन सस्ते हो जाते हैं।
  3. क्या रेपो रेट घटने से EMI पर असर पड़ेगा?
    हां, यदि आपका लोन फ्लोटिंग इंटरेस्ट रेट (Floating Interest Rate) पर आधारित है, तो आपकी EMI कम हो सकती है।
  4. रेपो रेट और मुद्रास्फीति का क्या संबंध है?
    जब मुद्रास्फीति बढ़ती है, तो RBI रेपो रेट बढ़ाकर लोन महंगे कर देता है ताकि खर्च कम हो और मुद्रास्फीति नियंत्रित रहे।
  5. इस कटौती का रियल एस्टेट सेक्टर पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
    ब्याज दरें कम होने से होम लोन किफायती होंगे, जिससे रियल एस्टेट की मांग बढ़ेगी और प्रॉपर्टी बाजार को मजबूती मिलेगी।

RBI द्वारा 25 बेसिस पॉइंट्स की रेपो रेट कटौती का सीधा फायदा होम लोन, रियल एस्टेट और इंडस्ट्री को मिलेगा। EMI घटने से आम आदमी को राहत मिलेगी, जबकि सस्ते लोन से उद्योगों और रियल एस्टेट में नई जान फूंकी जाएगी। यह फैसला न केवल बाजार की स्थिरता को बनाए रखने में मदद करेगा, बल्कि आर्थिक विकास को भी गति देगा।

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