
Income Tax Bill 2025 में कृषि आय के नियमों में कई बड़े बदलाव किए गए हैं, जो किसानों और कृषि से जुड़ी अन्य गतिविधियों पर सीधा असर डालेंगे। अब खेती से होने वाली आय टैक्स फ्री रहेगी, लेकिन इसके लिए कृषि प्रमाणपत्र और दस्तावेजों की सख्त जरूरत होगी। इसके अलावा, शहरी कृषि भूमि को किराए पर देने से प्राप्त आय पर अब टैक्स लगेगा, जबकि डेयरी, पोल्ट्री और मछली पालन से होने वाली आय को अब नॉन-एग्रीकल्चर इनकम माना जाएगा और यह टैक्सेबल होगी।
Income Tax Bill 2025: क्या बदलाव किए गए हैं?
Income Tax Bill 2025 में कृषि से जुड़ी आय पर नए नियम लागू किए गए हैं। पहले जैसे खेती से होने वाली आय पूरी तरह टैक्स फ्री थी, वैसा अब भी रहेगा, लेकिन इसके लिए प्रमाण देना अनिवार्य होगा। कृषि प्रमाणपत्र और दस्तावेजों के बिना इस छूट का लाभ नहीं मिलेगा। इसके साथ ही, शहरी क्षेत्रों में कृषि भूमि के किराए से हुई आय पर अब टैक्स लगेगा। इसके अलावा, कृषि उत्पादों के प्रोसेसिंग में अतिरिक्त मूल्यवर्धन होने पर उस पर भी टैक्स लगाया जाएगा।
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नर्सरी और कृषि आधारित उद्योगों पर लगेगा टैक्स
पारंपरिक नर्सरी से हुई आय टैक्स फ्री रहेगी, लेकिन व्यावसायिक नर्सरी से हुई आय पर अब टैक्स लगेगा। सबसे बड़ा बदलाव यह है कि डेयरी, पोल्ट्री और मछली पालन से होने वाली आय अब कृषि आय के तहत नहीं आएगी। इससे पहले ये सभी स्रोत कृषि आय के अंतर्गत आते थे और टैक्स फ्री थे, लेकिन अब इन्हें नॉन-एग्रीकल्चर इनकम माना जाएगा और इन पर टैक्स लगेगा।
कृषि आधारित उद्योगों पर भी बदलाव हुआ है। छोटे कृषि उद्योगों को कुछ टैक्स छूट मिलेगी, जबकि बड़े एग्री बिजनेस पर ज्यादा टैक्स लगेगा। इन सभी बदलावों का उद्देश्य इनकम टैक्स कानून को सरल और पारदर्शी बनाना है, ताकि इसे समझना आसान हो सके।
नया और पुराना कानून
Income Tax Bill के तहत, खेती से होने वाली आय पर टैक्स छूट जारी रखी जाएगी, लेकिन कृषि प्रमाणपत्र और दस्तावेजों की सख्ती से जांच की जाएगी। कृषि भूमि से किराया अब शहरी क्षेत्रों में टैक्स योग्य होगा। कृषि उत्पादों का प्रोसेसिंग भी अब टैक्सable होगा अगर उसमें अतिरिक्त वैल्यू एडिशन किया गया हो।
पारंपरिक नर्सरी से आय टैक्स फ्री रहेगी, लेकिन व्यावसायिक नर्सरी से आय पर टैक्स लगेगा। डेयरी, पोल्ट्री और मछली पालन अब नॉन-एग्रीकल्चर इनकम मानी जाएगी और उस पर टैक्स लगेगा। कृषि आधारित उद्योगों पर टैक्स में बदलाव किया गया है, जिसमें छोटे उद्योगों को राहत मिलेगी और बड़े उद्योगों पर ज्यादा टैक्स लगेगा।
बदलाव क्यों किए गए?
सरकार का उद्देश्य Income Tax Bill कानून को सरल और पारदर्शी बनाना है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 13 फरवरी 2025 को Income Tax Bill 2025 पेश किया, जो कि 1961 के इनकम टैक्स एक्ट को बदलने का काम करेगा। इस नए कानून के तहत, पुराने सेक्शन्स में बदलाव किए गए हैं और नए सेक्शन्स जोड़े गए हैं। इस बिल को टेबल फॉर्मेट में पेश किया गया है, ताकि लोग आसानी से समझ सकें कि उनकी आय पर टैक्स लागू होता है या नहीं।
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FAQs
- क्या खेती की आय पर अब टैक्स लगेगा?
खेती से होने वाली आय टैक्स फ्री रहेगी, लेकिन इसके प्रमाण के लिए सख्त दस्तावेजों की आवश्यकता होगी। - क्या शहरी कृषि भूमि से किराया टैक्सेबल होगा?
हां, शहरी क्षेत्रों में कृषि भूमि के किराए पर अब टैक्स लगेगा। - डेयरी और पोल्ट्री से आय पर अब टैक्स क्यों लगेगा?
डेयरी, पोल्ट्री और मछली पालन अब कृषि आय के तहत नहीं आएंगे, इसलिए इन पर टैक्स लगाया जाएगा। - क्या छोटे कृषि उद्योगों को टैक्स में राहत मिलेगी?
हां, छोटे कृषि उद्योगों को कुछ टैक्स छूट मिलेगी, लेकिन बड़े एग्री बिजनेस पर अधिक टैक्स लगेगा।
Income Tax Bill 2025 में कृषि आय के नियमों में बदलाव बड़े प्रभाव डालेंगे, खासकर डेयरी, पोल्ट्री, और मछली पालन से होने वाली आय पर टैक्स लगने के कारण। नए नियमों का उद्देश्य टैक्स प्रणाली को पारदर्शी और समझने में आसान बनाना है। किसानों और कृषि आधारित उद्योगों को अब अपने दस्तावेजों को सही तरीके से प्रस्तुत करना होगा ताकि वे टैक्स छूट का लाभ उठा सकें।