Income Tax Rule Changes: 2025 में रिटर्न भरते समय रखें इन बातों का ध्यान, नियमों में हुआ बदलाव

नई टैक्स स्लैब, बढ़ा स्टैंडर्ड डिडक्शन और कैपिटल गेन्स टैक्स के नियमों में बड़े बदलाव! जानें, कैसे ये नए प्रावधान आपकी टैक्स योजना को बदल सकते हैं और ज्यादा बचत का रास्ता खोल सकते हैं।

By Praveen Singh
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Income Tax Rule Changes: 2025 में रिटर्न भरते समय रखें इन बातों का ध्यान, नियमों में हुआ बदलाव
Income Tax Rule Changes

इनकम टैक्स नियम के अंतर्गत सरकार ने कई अहम बदलाव (Income Tax Rule Changes) किए हैं, जो 2025 में ITR फाइलिंग यानी इनकम टैक्स रिटर्न भरने के समय आपकी टैक्स देनदारी पर गहरा असर डाल सकते हैं। इन बदलावों में नए टैक्स स्लैब, स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट, कैपिटल गेन्स टैक्स और टीडीएस से जुड़े नियम शामिल हैं। ये सभी परिवर्तन टैक्सपेयर्स को राहत देने और टैक्स प्रक्रिया को सरल बनाने के उद्देश्य से लागू किए गए हैं।

Income Tax Rule Changes: ज्यादा होगी बचत

2024 के लिए सरकार ने नए टैक्स स्लैब की घोषणा की है, जिसमें आयकर दाताओं को ज्यादा बचत करने का मौका मिलेगा। नई दरें 0% से 30% तक की हैं, जो आपकी आय के विभिन्न स्तरों पर लागू होंगी। उदाहरण के लिए, 3 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं है, जबकि 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30% टैक्स लगेगा। नई टैक्स रिजीम के तहत एक टैक्सपेयर सालाना 17,500 रुपये तक बचत कर सकता है।

Income Tax Rule Changes: स्टैंडर्ड डिडक्शन में बढ़ोतरी

सैलरीड कर्मचारियों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दी गई है। वहीं पारिवारिक पेंशन पाने वालों के लिए यह 15,000 रुपये से बढ़कर 25,000 रुपये हो गई है। इस बदलाव से वेतनभोगी और पेंशनभोगी दोनों वर्गों को नई टैक्स रिजीम के तहत लाभ होगा।

कैपिटल गेन्स टैक्स के नियम और होल्डिंग अवधि में बदलाव

कैपिटल गेन्स टैक्स में किए गए बदलाव निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण हैं। शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन्स पर 20% टैक्स और लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स पर 12.5% टैक्स लागू होगा। इक्विटी से जुड़े लॉन्ग-टर्म गेन्स में 1.25 लाख रुपये तक की छूट जारी रखी गई है। होल्डिंग अवधि को भी लिस्टेड एसेट्स के लिए 12 महीने और गैर-सूचीबद्ध परिसंपत्तियों के लिए 24 महीने किया गया है।

Income Tax Rule Changes: TDS नियम और अन्य प्रावधान

टीडीएस दरों को सरल बनाते हुए कुछ स्रोतों पर कटौती को कम किया गया है। इसके अलावा, अन्य आय पर काटे गए टीडीएस/टीसीएस का क्रेडिट सैलरी पर काटे गए टीडीएस से समायोजित किया जा सकता है। यह सैलरीड कर्मचारियों को बेहतर कैश फ्लो प्रबंधन में मदद करेगा।

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शेयर बायबैक और लग्जरी गुड्स पर नया टैक्स

शेयर बायबैक से मिलने वाली राशि अब व्यक्तिगत आयकर स्लैब के अनुसार टैक्सेबल होगी। वहीं, 10 लाख रुपये से अधिक कीमत के नोटिफाइड लग्जरी गुड्स पर 1 जनवरी 2025 से टीसीएस लागू होगा।

विवाद से विश्वास योजना 2.0

सरकार ने टैक्सपेयर्स और आयकर विभाग के बीच विवादों को हल करने के लिए विवाद से विश्वास योजना 2.0 की शुरुआत की है। यह योजना पेंडिंग मामलों को सुलझाने में मददगार साबित होगी।

FAQs

  1. क्या 2024 के नए टैक्स स्लैब सभी पर लागू होंगे?
    हां, ये स्लैब नई टैक्स रिजीम के तहत सभी टैक्सपेयर्स पर लागू होंगे।
  2. स्टैंडर्ड डिडक्शन में वृद्धि से कौन लाभान्वित होगा?
    वेतनभोगी और पेंशनभोगी दोनों वर्ग इससे लाभान्वित होंगे।
  3. कैपिटल गेन्स टैक्स के बदलाव का क्या मतलब है?
    यह शॉर्ट-टर्म और लॉन्ग-टर्म गेन्स पर लागू टैक्स दरों को स्पष्ट और सरल बनाता है।
  4. क्या लग्जरी गुड्स पर टीसीएस सभी वस्तुओं पर लागू होगा?
    नहीं, केवल 10 लाख रुपये से अधिक कीमत के नोटिफाइड गुड्स पर टीसीएस लागू होगा।

2024 में लागू इनकम टैक्स नियमों के बदलाव टैक्सपेयर्स के लिए अवसर और चुनौतियां दोनों लाते हैं। सही समय पर योजना बनाकर और इन नियमों को समझकर आप अपनी टैक्स देनदारी को कुशलता से प्रबंधित कर सकते हैं।

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