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क्या मस्जिद के अंदर जय श्री राम कहना अपराध है? सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई

क्या मस्जिद में ‘जय श्री राम’ का नारा लगाना अपराध है? कर्नाटक हाई कोर्ट ने किया खारिज, अब सुप्रीम कोर्ट देगा ऐतिहासिक फैसला। जानें इस बहस के पीछे की कहानी और कैसे यह मामला भारत के कानून और धार्मिक सहिष्णुता को नई दिशा दे सकता है।

By Praveen Singh
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क्या मस्जिद के अंदर जय श्री राम कहना अपराध है? सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई
क्या मस्जिद के अंदर जय श्री राम कहना अपराध है? सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई

भारत के सुप्रीम कोर्ट में जनवरी 2025 में एक अहम मामले पर सुनवाई होगी, जिसमें यह तय किया जाएगा कि मस्जिद के अंदर ‘जय श्री राम’ का नारा लगाना अपराध माना जाएगा या नहीं। यह मामला कर्नाटक के हाई कोर्ट के उस फैसले के खिलाफ है, जिसमें अदालत ने इसे अपराध मानने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने शिकायतकर्ता के इस दावे पर भरोसा किया कि क्षेत्र में हिंदू-मुस्लिम समुदायों के बीच सौहार्दपूर्ण माहौल है, और इस घटना से कोई तनाव उत्पन्न नहीं हुआ।

हाई कोर्ट का फैसला और मामला

घटना कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले के ऐथुर गांव की है, जहां दो लोगों पर बदरिया जुम्मा मस्जिद में घुसकर ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने और मुस्लिम समुदाय को धमकाने का आरोप है। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 295 ए (धार्मिक भावनाएं आहत करना), धारा 447 (अवैध रूप से प्रवेश) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया था।

कर्नाटक हाई कोर्ट ने 13 सितंबर, 2024 को दिए अपने फैसले में इस केस को खारिज करते हुए कहा था कि ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने से धार्मिक भावनाएं आहत होना समझ से परे है। कोर्ट ने यह भी कहा कि शिकायतकर्ता ने खुद माना है कि इस घटना से इलाके में सांप्रदायिक तनाव की कोई संभावना नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट में मामला पहुंचा

हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर नोटिस जारी करने से इनकार करते हुए याचिकाकर्ता से कहा है कि वह अपनी अर्जी की कॉपी राज्य सरकार को दे। इस मामले पर अब जनवरी 2025 में सुनवाई होगी।

धार्मिक भावनाओं और कानून की व्याख्या

यह मामला धार्मिक भावनाओं और भारतीय कानून की धारा 295 ए की व्याख्या का केंद्र बन गया है। धारा 295 ए के तहत धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से की गई किसी भी कार्रवाई को दंडनीय अपराध माना जाता है। हालांकि, हाई कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि केवल ‘जय श्री राम’ का नारा लगाना पर्याप्त आधार नहीं है कि इसे धार्मिक भावना आहत करने वाला माना जाए।

(FAQs)

1. क्या मस्जिद में ‘जय श्री राम’ का नारा लगाना गैर-कानूनी है?
यह अदालत के विवेक पर निर्भर करता है। कर्नाटक हाई कोर्ट ने इसे गैर-कानूनी नहीं माना, लेकिन सुप्रीम कोर्ट का फैसला अब इस पर स्पष्टता देगा।

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2. इस मामले में किन धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया था?
आरोपियों पर IPC की धारा 295 ए, 447 और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया था।

3. हाई कोर्ट ने अपने फैसले में क्या कहा?
हाई कोर्ट ने कहा कि इस घटना से धार्मिक भावनाएं आहत होने या सांप्रदायिक माहौल बिगड़ने की कोई संभावना नहीं है।

4. सुप्रीम कोर्ट कब सुनवाई करेगा?
सुप्रीम कोर्ट जनवरी 2025 में इस मामले की सुनवाई करेगा।

यह मामला भारतीय कानून, धार्मिक सहिष्णुता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बीच संतुलन का महत्वपूर्ण उदाहरण बन गया है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला यह निर्धारित करेगा कि इस तरह की घटनाओं को भविष्य में किस तरह से देखा जाएगा।

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