
अगर आपने Home Loan या Auto Loan ले रखा है, तो आपके लिए एक बड़ी खुशखबरी है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट्स की कटौती कर दी है, जिससे यह 6.5% से घटकर 6.25% हो गया है। इस फैसले का सीधा असर उन लोनधारकों पर पड़ेगा, जिनका लोन फ्लोटिंग रेट (Floating Rate) पर आधारित है। खासकर अगर आपका Loan रेपो रेट से लिंक है, तो आपकी ईएमआई (EMI) में राहत मिलने की पूरी संभावना है।
रेपो रेट कटौती से कैसे होगा फायदा?
अगर आपने 50 लाख रुपये का Home Loan 8.5% ब्याज दर पर 20 साल के लिए लिया है, तो आपकी मौजूदा ईएमआई 43,391 रुपये होगी। रेपो रेट कटौती के बाद ब्याज दर 8.25% हो जाएगी, जिससे आपकी ईएमआई वही रहेगी, लेकिन आपकी लोन की अवधि 10 महीने कम हो जाएगी। इससे आप कुल 3.5 लाख रुपये की ब्याज बचत कर पाएंगे।
इसी तरह, अगर आपका 10 लाख रुपये का ऑटो लोन 10% ब्याज दर पर 5 साल के लिए है, तो मौजूदा ईएमआई 21,247 रुपये होगी। रेपो रेट कटौती के बाद ब्याज दर 9.75% हो जाएगी, जिससे आपकी लोन की अवधि 3 महीने कम होगी और आपको 15,000 रुपये की ब्याज बचत होगी।
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EMI घटाना सही रहेगा या लोन टेन्योर कम करना?
ज्यादातर बैंक लोनधारकों को यह सुविधा देते हैं कि वे ईएमआई कम करने की बजाय Loan की अवधि घटा सकते हैं। ऐसा करने से कुल ब्याज पर अधिक बचत होती है और आप अपने कर्ज से जल्दी मुक्त हो सकते हैं। वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि ईएमआई वही रखकर लोन की अवधि कम करने से लंबे समय में ज्यादा बचत होती है।
क्या आपको लोन रिफाइनेंस करवाना चाहिए?
अगर आपका Home Loan रेपो-लिंक्ड है और आपने इसे अक्टूबर 2019 के बाद लिया है, तो 25 बेसिस प्वाइंट्स की यह कटौती अपने आप लागू हो जाएगी। लेकिन अगर आपकी ब्याज दर अभी भी 8.30% से ज्यादा है, तो Loan बैलेंस ट्रांसफर (Loan Balance Transfer) या रिफाइनेंसिंग (Refinancing) पर विचार करना फायदेमंद हो सकता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, रिफाइनेंसिंग तभी फायदेमंद होती है जब आपकी लोन अवधि का आधे से ज्यादा हिस्सा बाकी हो और आप रिफाइनेंसिंग की लागत (जो आमतौर पर लोन वैल्यू का 1-2% होती है) कुछ महीनों में रिकवर कर सकें। अगर आपकी क्रेडिट स्कोर 750 से ऊपर है और आय स्थिर है, तो रिफाइनेंसिंग आपके लिए अच्छा विकल्प हो सकता है।
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FAQs
1. रेपो रेट कटौती का सीधा फायदा मुझे कब मिलेगा?
अगर आपका Loan रेपो रेट से लिंक्ड है, तो इसका असर अगले 2-3 महीने में दिखने लगेगा। हालांकि, कुछ बैंकों में यह प्रक्रिया धीमी हो सकती है।
2. क्या मुझे अपनी ईएमआई कम करवानी चाहिए या लोन की अवधि घटानी चाहिए?
ईएमआई कम करवाने की बजाय Loan की अवधि घटाना अधिक फायदेमंद होता है, क्योंकि इससे कुल ब्याज भुगतान में बचत होती है और लोन जल्दी खत्म हो जाता है।
3. होम Loan बैलेंस ट्रांसफर कब करवाना चाहिए?
अगर आपकी ब्याज दर 8.30% से ज्यादा है और आपके पास अच्छा क्रेडिट स्कोर (750+) है, तो बैलेंस ट्रांसफर या रिफाइनेंसिंग पर विचार करें।
4. क्या हर बैंक तुरंत रेपो रेट कटौती का लाभ देता है?
नहीं, कुछ बैंक तुरंत कटौती का लाभ नहीं देते और इसमें कुछ महीने लग सकते हैं।
RBI द्वारा रेपो रेट कटौती के चलते होम Loan और ऑटो Loan लेने वाले ग्राहकों को बड़ा फायदा मिलेगा। लोन की ईएमआई घटाने की बजाय उसकी अवधि कम करना अधिक फायदेमंद रहेगा। अगर आपकी ब्याज दर अभी भी ज्यादा है, तो रिफाइनेंसिंग या बैलेंस ट्रांसफर के बारे में जरूर सोचें। जल्द ही बैंकों द्वारा इस फैसले का असर दिखने लगेगा, जिससे लाखों कर्जदारों को राहत मिलेगी।