अपने नाम के बजाय पत्नी के नाम से FD करने के हैं बहुत फायदे, जानें पूरी जानकारी

क्या आप फिक्स्ड डिपॉजिट पर टीडीएस और टैक्स भरकर परेशान हैं? जानें, कैसे पत्नी के नाम से एफडी कराने पर आप न सिर्फ टैक्स बचा सकते हैं, बल्कि अपनी कमाई को बेहतर तरीके से मैनेज भी कर सकते हैं।

By Praveen Singh
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अपने नाम के बजाय पत्नी के नाम से FD करने के हैं बहुत फायदे, जानें पूरी जानकारी
अपने नाम के बजाय पत्नी के नाम से FD करने के हैं बहुत फायदे

फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) भारतीय निवेशकों के बीच सबसे लोकप्रिय निवेश विकल्पों में से एक है। यह एक पारंपरिक और सुरक्षित निवेश तरीका है, जिसमें जोखिम कम होता है। हालांकि, एफडी से मिलने वाले ब्याज पर टीडीएस (TDS) लगता है, जिससे टैक्स का बोझ बढ़ सकता है। लेकिन अगर आप अपनी पत्नी के नाम से एफडी कराते हैं, तो आप न केवल टीडीएस से बच सकते हैं, बल्कि टैक्स बचत भी कर सकते हैं।

फिक्स्ड डिपॉजिट FD

FD को छोटे-बड़े सभी निवेशक पसंद करते हैं क्योंकि इसमें निवेश की राशि पर निश्चित ब्याज मिलता है। बैंक, एनबीएफसी और कॉर्पोरेट संस्थाएं भी एफडी की सुविधा देती हैं। हालांकि, एफडी में ब्याज दरें अपेक्षाकृत कम होती हैं और लॉन्ग टर्म निवेश के लिए यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि आपका रिटर्न महंगाई दर से अधिक हो।

FD के ब्याज पर टीडीएस का बोझ

एफडी से मिलने वाला ब्याज आपकी कुल आय का हिस्सा बनता है, जिस पर टीडीएस का भुगतान करना पड़ता है। अगर एक वित्तीय वर्ष में एफडी से मिलने वाला ब्याज ₹40,000 से अधिक है, तो बैंक 10% टीडीएस काट लेता है। यह राशि आपकी टैक्स देनदारी को बढ़ा सकती है।

पत्नी के नाम से FD कराने के फायदे

ज्यादातर महिलाएं लोअर टैक्स ब्रैकेट में आती हैं या वे हाउसवाइफ होती हैं, जिनकी इनकम पर कोई टैक्स देनदारी नहीं होती। ऐसे में, पत्नी के नाम से एफडी कराने पर आप टीडीएस से बच सकते हैं। अगर पत्नी की इनकम कम है, तो वे फॉर्म 15G भरकर टीडीएस कटौती से बच सकती हैं। इसके अलावा, यदि आप अपनी पत्नी के साथ जॉइंट एफडी कराते हैं और पत्नी को फर्स्ट होल्डर बनाते हैं, तो भी टीडीएस और अतिरिक्त टैक्स से बचा जा सकता है।

कब कटता है टीडीएस?

अगर एफडी पर मिलने वाला ब्याज ₹40,000 (वरिष्ठ नागरिकों के लिए ₹50,000) से अधिक हो, तो 10% टीडीएस का भुगतान करना पड़ता है। पत्नी की इनकम कम होने की स्थिति में, फॉर्म 15G या वरिष्ठ नागरिकों के लिए फॉर्म 15H का उपयोग कर टीडीएस से बचा जा सकता है।

कॉर्पोरेट एफडी का भी कर सकते हैं लाभ

अगर बैंक की FD से मिलने वाले ब्याज से संतुष्टि नहीं है, तो आप कॉर्पोरेट एफडी का विकल्प चुन सकते हैं। हालांकि, इसमें थोड़ा अधिक जोखिम होता है, लेकिन ब्याज दर अधिक मिल सकती है।

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FAQs

1. क्या पत्नी के नाम से FD कराने पर टैक्स बच सकता है?
हां, पत्नी की इनकम कम होने पर टीडीएस और अतिरिक्त टैक्स से बचा जा सकता है।

2. फॉर्म 15G और फॉर्म 15H में क्या अंतर है?
फॉर्म 15G उन व्यक्तियों द्वारा भरा जाता है जिनकी आय टैक्सेबल लिमिट से कम है। फॉर्म 15H वरिष्ठ नागरिकों के लिए होता है।

3. क्या जॉइंट एफडी कराने से भी टैक्स बचाया जा सकता है?
हां, जॉइंट एफडी में पत्नी को फर्स्ट होल्डर बनाकर टीडीएस और टैक्स बचाया जा सकता है।

4. कॉर्पोरेट एफडी क्या है?
यह कंपनियों द्वारा दी जाने वाली एफडी है, जिसमें ब्याज दर बैंक एफडी से अधिक हो सकती है।

5. क्या एफडी पर मिलने वाला ब्याज टैक्सेबल होता है?
हां, एफडी से मिलने वाला ब्याज आपकी कुल आय में जुड़ता है और टैक्सेबल होता है।

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