
हाल ही में Mustard Oil Price में गिरावट देखी गई है, जो उपभोक्ताओं के लिए राहत की खबर है। खाने-पीने के तेलों की कीमतों में यह गिरावट स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कमजोर मांग और उत्पादन में सुधार के कारण हुई है। इसके साथ ही, सोयाबीन और तिल तेल के दाम में भी बदलाव दर्ज किया गया है।
सरसों का तेल हुआ सस्ता
तेल-तिलहन के बाजार में इस समय मंदी का माहौल है। खासकर सरसों के तेल की कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की गई है। जहां सरसों का तेल उपभोक्ताओं की रसोई का एक अहम हिस्सा है, वहीं सोयाबीन और तिल तेल की कीमतें भी अपनी जगह बनाए हुए हैं। सरसों तेल की कीमतों में यह गिरावट स्थानीय बाजार में कमजोर मांग और अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्थिरता के कारण हुई है। इसके अलावा, सोयाबीन तेल और तिल तेल के दाम में भी हलचल बनी हुई है, जो उपभोक्ताओं को राहत प्रदान कर रही है।
तेल तिलहन की कीमतों में मंदी के कारण
तेल-तिलहन बाजार में मंदी के कई कारण सामने आए हैं। पहले अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कीमतों में उछाल देखने को मिला था, लेकिन अब देश में तेल तिलहन की कीमतों में गिरावट दर्ज की जा रही है। घरेलू बाजार में तेल की मांग कम होने के कारण सरसों और अन्य तेलों के दाम घटे हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेजी के बावजूद, भारत में उत्पादन की स्थिति सुधरी है, जिससे कीमतों में गिरावट आई है। तेल उत्पादन में आई बढ़ोतरी भी कीमतों में गिरावट का मुख्य कारण है।
ताजा भाव: सरसों का तेल, सोयाबीन और तिल तेल
आइए जानते हैं विभिन्न तेलों के ताजा भाव, जो उपभोक्ताओं को जानकारी के लिए महत्वपूर्ण हैं:
- सरसों तिलहन: ₹6,550 से ₹6,610 प्रति क्विंटल।
- मूंगफली तिलहन: ₹6,260 से ₹6,635 प्रति क्विंटल।
- मूंगफली तेल (डिलीवरी): ₹14,501 प्रति क्विंटल (गुजरात)।
- मूंगफली रिफाइंड तेल: ₹2,195 से ₹2,495 प्रति टीन।
- सरसों तेल दादरी: ₹13,660 प्रति क्विंटल।
- सरसों पक्की घानी तेल: ₹2,275 से ₹2,375 प्रति टीन।
- सरसों कच्ची घानी तेल: ₹2,275 से ₹2,395 प्रति टीन।
- तिल तेल (डिलीवरी): ₹18,920 से ₹21,000 प्रति क्विंटल।
- सोयाबीन तेल (डीगम): ₹9,835 प्रति क्विंटल।
- सोयाबीन तेल (डिलीवरी): ₹13,750 प्रति क्विंटल (इंदौर)।
- सीपीओ: ₹13,320 प्रति क्विंटल।
- बिनोला तेल (डिलीवरी): ₹12,755 प्रति क्विंटल।
- पामोलिन आरबीडी (दिल्ली): ₹14,715 प्रति क्विंटल।
- सोयाबीन दान: ₹4,335 से ₹4,350 प्रति क्विंटल।
- सोयाबीन लूज: ₹4,035 से ₹4,075 प्रति क्विंटल।
- मक्का ख़ान: ₹4,115 प्रति क्विंटल।
उपभोक्ताओं पर असर
तेल की कीमतों में गिरावट से उपभोक्ताओं को थोड़ी राहत जरूर मिली है, लेकिन यह लंबे समय तक बनी रहेगी या नहीं, यह बाजार के आगामी रुझान पर निर्भर करता है। सरसों का तेल, जो भारतीय रसोई का मुख्य हिस्सा है, उसकी कीमत में गिरावट से लोगों के बजट पर सकारात्मक असर पड़ेगा। हालांकि, सोयाबीन और तिल तेल के दामों में उतार-चढ़ाव के कारण थोड़ी अनिश्चितता बनी हुई है।
भविष्य में कीमतों का अनुमान
आने वाले समय में तेल की कीमतें उत्पादन, मांग और अंतरराष्ट्रीय बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करेंगी। यदि घरेलू बाजार में मांग बढ़ती है, तो कीमतों में स्थिरता आ सकती है। शिकागो एक्सचेंज जैसे अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म्स पर कीमतों का असर भारतीय बाजार में भी देखा जाएगा।
FAQs
1. क्या सरसों तेल की कीमत में और गिरावट संभव है?
सरसों तेल की कीमत में गिरावट का रुझान बना हुआ है, लेकिन यह उत्पादन और मांग पर निर्भर करेगा।
2. सोयाबीन तेल के भाव में क्या बदलाव हुआ है?
सोयाबीन तेल की कीमत ₹9,835 से ₹13,750 प्रति क्विंटल के बीच है, और इसमें उतार-चढ़ाव जारी है।
3. तिल तेल की कीमत क्या है?
तिल तेल का भाव ₹18,920 से ₹21,000 प्रति क्विंटल के बीच है।
4. क्या मूंगफली तेल के दाम स्थिर हैं?
मूंगफली तेल के दाम स्थिरता की ओर हैं, ₹14,501 प्रति क्विंटल (गुजरात)।
5. भविष्य में तेल की कीमतों का क्या अनुमान है?
तेल की कीमतें बाजार की मांग और उत्पादन के आधार पर तय होंगी। स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय रुझान भी महत्वपूर्ण होंगे।