
म्यूचुअल फंड में निवेश करने का सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) एक लोकप्रिय और प्रभावी तरीका बन चुका है। खासकर वेतनभोगी व्यक्तियों और मध्यम वर्गीय निवेशकों के लिए यह एक सुरक्षित और सुविधाजनक विकल्प साबित हो रहा है। एसआईपी निवेश का यह तरीका लंबी अवधि में कंपाउंड ब्याज के लाभ से संपन्न होता है, जिससे छोटे-छोटे निवेश समय के साथ एक बड़े फंड में परिवर्तित हो सकते हैं।
एसआईपी का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें एकमुश्त राशि निवेश करने की आवश्यकता नहीं होती, बल्कि आप अपने बजट के अनुसार मासिक आधार पर छोटी राशि निवेश कर सकते हैं। यह न केवल निवेश के अनुशासन को बढ़ावा देता है बल्कि बाजार के उतार-चढ़ाव का प्रभाव भी न्यूनतम करता है।
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कैसे होता है एसआईपी का कैलकुलेशन?
मान लीजिए कि आप 25 वर्षों तक 2,500 रुपये, 20 वर्षों तक 3,500 रुपये या 15 वर्षों तक 4,500 रुपये मासिक निवेश करते हैं और आपको 12% वार्षिक रिटर्न प्राप्त होता है, तो आपको मिलने वाला लाभ आश्चर्यजनक रूप से बढ़ सकता है।
25 साल के लिए एसआईपी करने पर लाभ
यदि आप 25 सालों तक हर महीने 2,500 रुपये निवेश करते हैं, तो आपको कुल लगभग 47.44 लाख रुपये प्राप्त होंगे। इसमें से 7.5 लाख रुपये आपका कुल निवेश होगा, जबकि 39.94 लाख रुपये कंपाउंड इंटरेस्ट के कारण उत्पन्न हुआ लाभ होगा। यह दिखाता है कि लंबी अवधि में कंपाउंडिंग का प्रभाव कितना शक्तिशाली हो सकता है।
20 साल की अवधि में एसआईपी का प्रभाव
यदि आप 20 वर्षों तक हर महीने 3,500 रुपये निवेश करते हैं, तो आपका कुल फंड लगभग 34.97 लाख रुपये तक बढ़ सकता है। इसमें से 8.4 लाख रुपये आपकी मूल निवेश राशि होगी और 26.57 लाख रुपये ब्याज से अर्जित होंगे। स्पष्ट रूप से, 25 सालों की तुलना में कम अवधि के कारण कुल रिटर्न पर प्रभाव पड़ता है।
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15 साल के लिए निवेश करने का लाभ
अगर आप 15 वर्षों तक हर महीने 4,500 रुपये निवेश करते हैं, तो आपको लगभग 22.71 लाख रुपये प्राप्त होंगे। इसमें आपका मूल निवेश 8.1 लाख रुपये होगा और ब्याज से होने वाला लाभ 14.61 लाख रुपये होगा। यह दर्शाता है कि निवेश की अवधि जितनी छोटी होगी, कंपाउंडिंग का प्रभाव उतना ही कम होगा।
क्यों लंबी अवधि का निवेश फायदेमंद है?
एसआईपी का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह समय के साथ बाजार के उतार-चढ़ाव को संतुलित करता है। कंपाउंडिंग का प्रभाव अधिक समय तक निवेश रहने से और भी मजबूत होता है। यही कारण है कि यदि आप निवेश में लंबी अवधि बनाए रखते हैं, तो आपका रिटर्न तेजी से बढ़ता है।
अक्सर लोग यह मानते हैं कि अधिक मासिक निवेश करने से अधिक लाभ मिलेगा, लेकिन यदि निवेश की अवधि कम होगी तो कंपाउंडिंग का प्रभाव उतना मजबूत नहीं रहेगा। इसलिए, कम राशि के साथ भी लंबी अवधि का निवेश करने पर ज्यादा फायदा हो सकता है।