![New Rules For House Rent: मकान मालिकों को लगा झटका! किराए पर नहीं दे सकेंगे घर](https://nebio.in/wp-content/uploads/2024/12/featureimage8-ezgif.com-png-to-webp-converter-1-1024x576.webp)
1 नवंबर 2024 से मकान मालिकों के लिए किराए पर घर देना आसान नहीं रह गया है। सरकार ने किराए से होने वाली आय पर टैक्स नियमों को सख्त करते हुए नए प्रावधान लागू किए हैं। इन नियमों का उद्देश्य टैक्स चोरी रोकना और सरकारी खजाने को अधिक मजबूत बनाना है। अब मकान मालिकों को किराए से हुई आय को टैक्स रिटर्न में इनकम फॉम हाउस प्रॉपर्टी के रूप में घोषित करना अनिवार्य होगा। ऐसा न करने पर जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है।
मकान मालिकों के लिए नए नियम
अगर आप भी अपने घर को किराए पर देने की योजना बना रहे हैं तो इन नए नियमों पर ध्यान देना जरूरी है। केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए प्रावधान लैंडलॉर्ड को उनकी आय को पूरी पारदर्शिता के साथ घोषित करने के लिए बाध्य करेंगे। बजट 2024 में इसकी घोषणा की गई थी, और अब इसे वित्तीय वर्ष 2024-2025 से अनिवार्य कर दिया गया है।
पहले, कई मकान मालिक किराए की वास्तविक आय को छुपाकर टैक्स बचाने का प्रयास करते थे। लेकिन अब ऐसा करना संभव नहीं होगा। टैक्स बचाने के लिए रेंट एग्रीमेंट न बनाने जैसी प्रक्रियाओं पर भी रोक लगाई गई है।
टैक्स चोरी पर लगेगी रोक, आय को घोषित करना होगा जरूरी
सरकार ने यह नियम इसलिए लागू किए हैं ताकि लैंडलॉर्ड किराए की आय को छुपा न सकें। इनकम फॉम हाउस प्रॉपर्टी के अंतर्गत मकान मालिकों को उनकी पूरी आय को टैक्स रिटर्न में घोषित करना होगा। अगर मकान मालिक ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है।
इसके साथ ही, सरकार ने लैंडलॉर्ड को टैक्स राहत देने के लिए 30% तक की छूट का प्रावधान किया है। यानी, 30% आय पर मकान मालिकों को टैक्स नहीं देना होगा। यह प्रावधान लैंडलॉर्ड के लिए एक राहत के रूप में काम करेगा।
नए नियमों से मकान मालिकों को कैसे होगा प्रभाव?
नए नियमों से मकान मालिकों को अपनी टैक्स योजना में बड़े बदलाव करने होंगे। पहले, कई मकान मालिक किराए से हुई आय को टैक्स से बचाने के लिए अनौपचारिक समझौतों का सहारा लेते थे। लेकिन अब ऐसा करना संभव नहीं होगा।
सरकार ने इन नियमों को लागू कर यह सुनिश्चित किया है कि लैंडलॉर्ड टैक्स कानून का सही तरीके से पालन करें। मकान मालिकों को अब अपनी किराए की आय को सही ढंग से रिकॉर्ड करना होगा और टैक्स रिटर्न में इसका उल्लेख करना होगा।
वित्तीय वर्ष 2024-2025 से होगा सख्त अनुपालन
यह नया नियम 1 नवंबर 2024 से प्रभावी है। लेकिन मकान मालिकों को 2024-2025 के टैक्स रिटर्न फाइलिंग के दौरान इसका पालन अनिवार्य रूप से करना होगा। अगर कोई मकान मालिक इनकम टैक्स में अपनी आय को गलत तरीके से घोषित करता है या छुपाता है तो उसे दंडित किया जाएगा। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि इन प्रावधानों का पालन करने से टैक्स चोरी के मामलों में कमी आएगी और सरकारी खजाने को फायदा होगा।
इनकम फॉम हाउस प्रॉपर्टी क्या है?
इनकम फॉम हाउस प्रॉपर्टी एक नीति है जिसके तहत मकान मालिकों को अपनी संपत्ति से होने वाली आय पर टैक्स देना पड़ता है। पहले कई मकान मालिक अपनी वास्तविक आय को छुपाकर टैक्स कम देते थे। लेकिन अब सरकार ने सुनिश्चित किया है कि सभी मकान मालिक अपनी संपत्ति से होने वाली आय को सही ढंग से घोषित करें।
यह नियम विशेष रूप से उन लैंडलॉर्ड के लिए लागू किया गया है जो किराए पर संपत्तियों से बड़ी आय अर्जित करते हैं। इसके तहत सरकार ने स्पष्ट किया है कि किराए से होने वाली पूरी आय को टैक्स रिटर्न में दर्ज करना होगा।
मकान मालिकों को दी गई राहतें
सरकार ने इन नियमों को लागू करने के साथ ही लैंडलॉर्ड को कुछ राहतें भी प्रदान की हैं। इनकम टैक्स नियमों के अनुसार, मकान मालिकों को 30% आय पर टैक्स छूट का लाभ मिलेगा। यह छूट लैंडलॉर्ड को उनकी आय का कुछ हिस्सा बचाने का अवसर प्रदान करती है। इसके साथ ही, इन नियमों का पालन करने से न केवल सरकार को लाभ होगा बल्कि टैक्स चोरी की घटनाओं में भी कमी आएगी।
FAQs
Q1: नए टैक्स नियम कब से लागू हुए हैं?
नए टैक्स नियम 1 नवंबर 2024 से लागू हुए हैं। इनका अनुपालन वित्तीय वर्ष 2024-2025 में टैक्स रिटर्न फाइलिंग के दौरान अनिवार्य होगा।
Q2: लैंडलॉर्ड को अपनी आय कैसे घोषित करनी होगी?
लैंडलॉर्ड को अपनी किराए की आय को इनकम फॉम हाउस प्रॉपर्टी के रूप में टैक्स रिटर्न में घोषित करना होगा।
Q3: टैक्स न चुकाने पर क्या कार्रवाई होगी?
अगर लैंडलॉर्ड अपनी आय को घोषित नहीं करते हैं या टैक्स नहीं चुकाते हैं, तो उन्हें भारी जुर्माना भरना पड़ेगा।
Q4: क्या लैंडलॉर्ड को कोई टैक्स छूट मिलेगी?
हां, सरकार ने 30% तक की आय पर टैक्स छूट का प्रावधान किया है। इससे मकान मालिक अपनी आय का एक हिस्सा बचा सकते हैं।
Q5: नए नियमों का मकसद क्या है?
नए नियमों का उद्देश्य टैक्स चोरी रोकना, सरकारी खजाने को मजबूत करना और लैंडलॉर्ड को टैक्स कानून का सही तरीके से पालन करने के लिए प्रेरित करना है।