New vs Old Tax Regime: कौन है आपके लिए फायदेमंद? पुरानी टैक्स व्यवस्था का क्या होगा?

साल 2025 के बाद पुरानी टैक्स व्यवस्था जारी रहेगी या होगी खत्म? किसे चुनना रहेगा ज्यादा फायदेमंद – नई या पुरानी कर व्यवस्था? अगर आप टैक्स बचाने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो यह जानकारी आपके लिए बेहद जरूरी है! जानिए नया सिस्टम आपके लिए सही है या पुराना?

By Praveen Singh
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New vs Old Tax Regime: कौन है आपके लिए फायदेमंद? पुरानी टैक्स व्यवस्था का क्या होगा?
New vs Old Tax Regime

बजट 2025-26 में केंद्र सरकार ने नई टैक्स व्यवस्था (New Tax Regime) के तहत करदाताओं को बड़ी राहत दी है। अब ₹12 लाख से कम वार्षिक आय वालों को किसी तरह का आयकर (Income Tax) नहीं देना होगा। यह छूट पुरानी टैक्स व्यवस्था (Old Tax Regime) में नहीं है, जहां कर राहत पाने के लिए विभिन्न कटौतियों (Deductions) का सहारा लेना पड़ता है।

बजट 2025-26 में करदाताओं के लिए बड़ा ऐलान

पहले से ही यह अटकलें थीं कि सरकार नई कर व्यवस्था को ज्यादा से ज्यादा करदाताओं के लिए अनिवार्य बनाने की दिशा में कदम बढ़ाएगी। राजस्व सचिव तुहिन कांत पांडेय ने इस पर मुहर लगाते हुए कहा कि पुरानी कर व्यवस्था स्वाभाविक रूप से एक-दो साल में समाप्त हो सकती है।

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नई टैक्स व्यवस्था का उद्देश्य

राजस्व सचिव के अनुसार, सरकार का मकसद करदाताओं को कटौतियों (Deductions) और टैक्स सेविंग के जटिल तरीकों से मुक्त करना है। नई कर व्यवस्था में बड़ी छूट देकर यह सुनिश्चित किया गया है कि करदाता अपनी जरूरत और प्राथमिकताओं के अनुसार निवेश करें, न कि केवल टैक्स बचाने के उद्देश्य से।

पहले, पुरानी कर व्यवस्था में धारा 80C, जीवन बीमा (Life Insurance), पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF), होम लोन ब्याज जैसी विभिन्न योजनाओं में निवेश करने से टैक्स में छूट मिलती थी। लेकिन अब नई कर व्यवस्था में यह सभी कटौतियाँ समाप्त कर दी गई हैं।

बचत और निवेश पर प्रभाव

एक महत्वपूर्ण सवाल यह उठता है कि क्या नई कर व्यवस्था के कारण लोगों की बचत और दीर्घकालिक निवेश (Long-Term Savings) पर असर पड़ेगा? इस पर राजस्व सचिव का कहना है कि लोग अभी भी बचत करेंगे, लेकिन सरकार की कर नीति अब उनके फैसलों को प्रभावित नहीं करेगी। पहले कर नीति का उपयोग लोगों को कुछ निश्चित क्षेत्रों में निवेश करने के लिए प्रेरित करने के लिए किया जाता था, लेकिन अब यह फैसला पूरी तरह करदाताओं पर छोड़ दिया गया है।

नया आयकर अधिनियम (New Income Tax Bill)

बजट 2025 में सरकार ने नए आयकर अधिनियम को लाने की योजना बनाई है, जो 1961 के पुराने आयकर कानून की जगह लेगा। सरकार का दावा है कि यह नया कानून ज्यादा सरल और पारदर्शी होगा, जिससे करदाताओं को बेहतर समझ आएगी और कानूनी विवादों में कमी आएगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि यह विधेयक जल्द ही संसद में पेश किया जाएगा।

सरकार के अन्य कर सुधार कदम

सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 14% राजस्व वृद्धि का लक्ष्य रखा है। हालांकि, नई कर व्यवस्था में दी गई छूट के कारण सरकार को लगभग ₹1 लाख करोड़ का राजस्व नुकसान उठाना पड़ सकता है। इस नुकसान की भरपाई के लिए सरकार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), डेटा एनालिटिक्स और अन्य आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर टैक्स कलेक्शन को अधिक प्रभावी बना रही है।

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FAQs

Q1: क्या अब भी मैं पुरानी टैक्स व्यवस्था का विकल्प चुन सकता हूँ?
हाँ, सरकार ने पुरानी कर व्यवस्था को पूरी तरह खत्म नहीं किया है, लेकिन यह अब कम आकर्षक हो गई है। धीरे-धीरे नई कर व्यवस्था मुख्यधारा बन जाएगी।

Q2: नई कर व्यवस्था में कौन-कौन से टैक्स डिडक्शन खत्म कर दिए गए हैं?
नई कर व्यवस्था में धारा 80C, HRA, LTA, होम लोन ब्याज, जीवन बीमा, PPF, मेडिकल इंश्योरेंस (80D) जैसी कटौतियाँ समाप्त कर दी गई हैं।

Q3: क्या नई कर व्यवस्था हर व्यक्ति के लिए सही है?
यह आपकी व्यक्तिगत स्थिति पर निर्भर करता है। अगर आपकी आय ₹12 लाख से कम है, तो नई कर व्यवस्था आपके लिए अधिक लाभदायक हो सकती है।

Q4: क्या सरकार पुरानी कर व्यवस्था को पूरी तरह खत्म कर देगी?
सरकार ने अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में इसे पूरी तरह समाप्त किया जा सकता है।

Q5: नई कर व्यवस्था में निवेश को कैसे प्रभावित करेगा?
चूंकि अब कर बचाने के लिए निवेश की जरूरत नहीं है, लोग स्वतंत्र रूप से अपने वित्तीय लक्ष्यों के अनुसार निवेश कर सकते हैं।

नई कर व्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने इसमें कई आकर्षक बदलाव किए हैं, जिनमें ₹12 लाख तक की आय पर टैक्स छूट शामिल है। यह अब अधिक सरल और कटौती-मुक्त हो गई है, जिससे करदाताओं के लिए कर भरना आसान हो गया है। हालांकि, पुरानी कर व्यवस्था को अभी पूरी तरह समाप्त नहीं किया गया है, लेकिन भविष्य में इसके स्वाभाविक रूप से खत्म होने की संभावना जताई जा रही है। नए आयकर अधिनियम से करदाताओं के लिए चीजें और भी स्पष्ट और पारदर्शी हो जाएंगी।

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