1 फरवरी 2025 को मोदी सरकार अपने तीसरे चरण का पहला पूर्ण बजट पेश करने जा रही है। इस बजट से जुड़ी एक महत्वपूर्ण खबर ने लाखों निवेशकों का ध्यान खींचा है। अगर बैंकों के सुझावों पर वित्त मंत्रालय अपनी सहमति देता है, तो Fixed Deposit (FD) पर लगने वाले इनकम टैक्स को पूरी तरह खत्म किया जा सकता है। यह फैसला मध्यम वर्ग और छोटे निवेशकों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकता है।
FD पर इनकम टैक्स की मौजूदा स्थिति
वर्तमान में Fixed Deposit पर अर्जित ब्याज आय को इनकम टैक्स के दायरे में रखा जाता है। यह टैक्स उस व्यक्ति के टैक्स स्लैब के अनुसार लगाया जाता है जिसमें वह आता है। उदाहरण के लिए, अगर कोई व्यक्ति 20% के टैक्स स्लैब में है, तो उसे अपनी FD के ब्याज पर 20% टैक्स देना होता है। यह नियम खासकर उन लोगों के लिए चुनौतीपूर्ण है, जो अपनी बचत का एक बड़ा हिस्सा FD में निवेश करते हैं।
2025 का बजट: क्या बदलेगा?
1 फरवरी 2025 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अंतरिम बजट पेश करेंगी। बैंकों की ओर से यह सुझाव दिया गया है कि एफडी पर इनकम टैक्स पूरी तरह से खत्म किया जाए। बैंकों का मानना है कि ऐसा करने से निवेश के प्रति लोगों का रुझान बढ़ेगा और फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करने वाले ग्राहकों को सीधा लाभ मिलेगा।
मध्यम वर्ग और छोटे निवेशकों को फायदा
यह फैसला खासकर मध्यम वर्ग के लिए बेहद लाभकारी होगा, जो अपनी मासिक बचत को सुरक्षित और सुनिश्चित रिटर्न के लिए FD में लगाते हैं। यदि एफडी पर टैक्स को खत्म कर दिया जाता है, तो इन निवेशकों की आय बढ़ेगी और उनका वित्तीय तनाव भी कम होगा। साथ ही, यह कदम भारतीय बैंकिंग प्रणाली में जमा राशि को बढ़ाने में सहायक होगा।
FAQs
- क्या FD पर टैक्स पूरी तरह खत्म किया जाएगा?
इस बारे में अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। बैंकों ने यह सुझाव दिया है, और इसे बजट में शामिल किए जाने की संभावना है। - एफडी पर टैक्स कैसे लगता है?
FD के ब्याज पर टैक्स व्यक्ति के टैक्स स्लैब के अनुसार लगता है। टैक्स स्लैब 5%, 20%, और 30% हो सकते हैं। - इस फैसले से किसे सबसे ज्यादा फायदा होगा?
मध्यम वर्ग, रिटायर्ड व्यक्ति और छोटे निवेशक, जो अपनी बचत का बड़ा हिस्सा FD में रखते हैं, इस फैसले से सबसे ज्यादा लाभान्वित होंगे। - कब से लागू होगा यह नियम?
अगर यह फैसला बजट में पास हो जाता है, तो इसे वित्तीय वर्ष 2025-26 से लागू किया जा सकता है।
अगर एफडी पर इनकम टैक्स को खत्म कर दिया जाता है, तो यह लाखों निवेशकों के लिए राहत की खबर होगी। यह कदम भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में निवेश बढ़ाने और मध्यम वर्ग को वित्तीय मजबूती देने में सहायक साबित होगा।