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Old Electricity Meter: पुराने बिजली मीटर से सच में कम आएगा बिल? सच जानकारी हैरान हो जाओगे

पुराने बिजली मीटर से जुड़े विवाद और सटीकता पर उठते सवाल: जानें कैसे स्मार्ट मीटर आपके बिल को सही बना सकते हैं और क्यों पुरानी तकनीक हो रही है सवालों के घेरे में। पढ़ें पूरी रिपोर्ट।

By Praveen Singh
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Old Electricity Meter: पुराने बिजली मीटर से सच में कम आएगा बिल? सच जानकारी हैरान हो जाओगे

उत्तर प्रदेश के संभल जिले के समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्र रहमान बर्क पर बिजली चोरी के आरोपों ने चर्चा का विषय बना दिया है। उनके घर का बिजली बिल जीरो आने के बाद, बिजली विभाग की जांच में यह पाया गया कि उनके पुराने बिजली मीटर में छेड़छाड़ की गई थी। इस घटना के बाद यह सवाल उठता है कि क्या पुराने बिजली मीटर से बिजली का बिल कम आता है और क्या इनका इस्तेमाल करना सही है।

क्या पुराने बिजली मीटर से बिजली का बिल कम आता है?

पुराने बिजली मीटर, जो आमतौर पर एनालॉग तकनीक पर आधारित होते हैं, समय के साथ उनकी सटीकता कम हो जाती है। ये मैकेनिकल गियर और डिस्क की मदद से बिजली की खपत को मापते हैं, लेकिन लगातार उपयोग और तकनीकी खामियों के चलते ये सही मापदंड नहीं दे पाते।

तकनीकी खामियां

  • सटीकता की कमी: लंबे समय तक इस्तेमाल होने पर, ये मीटर बिजली की सही खपत नहीं दिखाते।
  • कम रीडिंग का जोखिम: बिजली की ज्यादा खपत के बावजूद, कम रीडिंग दिखाई देती है।

छेड़छाड़ की संभावना

पुराने बिजली मीटर को टेंपर करना आसान है। तकनीकी रूप से छेड़छाड़ करके रीडिंग को प्रभावित किया जा सकता है, जिससे बिजली बिल कम आने की संभावना बढ़ जाती है।

पुराने मीटर का उपयोग: सही या गलत?

यदि आपके क्षेत्र में स्मार्ट मीटर की सुविधा नहीं है, तो पुराने मीटर का उपयोग करना व्यावहारिक हो सकता है। लेकिन यदि बिजली विभाग ने आपके क्षेत्र में स्मार्ट मीटर लगा दिए हैं, तो पुराने मीटर का इस्तेमाल गाइडलाइंस का उल्लंघन माना जा सकता है।

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कब सही है पुराने मीटर का उपयोग?

  • जब आपके क्षेत्र में अभी तक स्मार्ट मीटर की सुविधा नहीं है।
  • जब पुराना मीटर बिजली विभाग द्वारा स्वीकृत और मान्य हो, और उसमें किसी प्रकार की छेड़छाड़ न की गई हो।

स्मार्ट मीटर भविष्य की तकनीक

स्मार्ट मीटर, जो डिजिटल तकनीक पर आधारित हैं, बिजली की खपत को अधिक सटीकता से मापते हैं। ये न केवल पारदर्शिता सुनिश्चित करते हैं बल्कि बिजली चोरी जैसी समस्याओं को भी खत्म करते हैं।

स्मार्ट मीटर के फायदे

  • उपभोक्ता को खपत की सटीक जानकारी मिलती है।
  • यह तकनीक तकनीकी छेड़छाड़ को असंभव बनाती है।
  • बिजली विभाग के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से प्रबंधन में सहूलियत।

पुराने मीटर की खामियां

  • सटीकता की कमी के कारण बिल गलत हो सकता है।
  • पुराने मीटर तकनीकी रूप से असुरक्षित होते हैं।
  • इससे बिजली चोरी और कम बिल की संभावना बढ़ जाती है।

यदि आपके पास अभी भी पुराना मीटर है तो क्या करें?

यदि आपका क्षेत्र पुराने मीटर पर आधारित है और बिजली विभाग ने नए मीटर नहीं लगाए हैं, तो आप स्वयं नए मीटर के लिए आवेदन कर सकते हैं।

आवेदन प्रक्रिया

  • नजदीकी बिजली कार्यालय में संपर्क करें।
  • ऑनलाइन पोर्टल का उपयोग करके आवेदन करें।
  • अपने पुराने मीटर की जांच करवाएं और इसे बदलवाने की प्रक्रिया शुरू करें।

क्या करें यदि मीटर खराब है?

यदि पुराना मीटर खराब हो गया है, तो तुरंत बिजली विभाग में शिकायत दर्ज कराएं। खराब मीटर के कारण आप पर बिजली चोरी का आरोप लग सकता है, इसलिए इसे समय पर बदलवाना आवश्यक है।

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