
भारत में Natural Farming का बढ़ता चलन
भारत जैसे कृषि प्रधान देश में लंबे समय तक Chemical Farming का बोलबाला रहा, लेकिन बदलते समय के साथ किसानों का झुकाव प्राकृतिक खेती (Natural Farming) की ओर तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे ही एक प्रेरणादायक उदाहरण हैं गुजरात के नवसारी जिले के किसान कांतीभाई पटेल। 2017 से उन्होंने अपनी 5 बीघा जमीन पर पूरी तरह जैविक खेती शुरू की और आज वे न केवल स्वस्थ फसल उगा रहे हैं, बल्कि इससे शानदार आय भी अर्जित कर रहे हैं।
Gujarat में Organic Farming को बढ़ावा
गुजरात में किसानों के बीच जैविक खेती (Organic Farming) का रुझान तेजी से बढ़ा है। नवसारी जिले के जलालपुर तालुका के कांतीभाई पटेल ने इस दिशा में एक मिसाल कायम की है। उन्होंने रासायनिक खाद और कृत्रिम तरीकों (Chemical fertilizers and artificial methods) को छोड़कर पूरी तरह जैविक खाद और केंचुआ खाद का उपयोग करना शुरू किया। उनकी जमीन पर आज पपीता, केला, चीकू, मिर्च, भिंडी और अन्य फसलें जैविक तरीके से उगाई जाती हैं।
जैविक खेती से बंपर कमाई
कांतीभाई अपने जैविक उत्पादों को नवसारी कृषि विश्वविद्यालय के पास बुधवार को और सूरत में रविवार को बेचते हैं। उनकी इन फसलों से उन्हें प्रतिदिन 10 से 12 हजार रुपये की आय होती है। यह सफलता केवल आर्थिक लाभ तक सीमित नहीं है, बल्कि उनके उत्पादों की गुणवत्ता और मांग ने जैविक खेती के प्रति अन्य किसानों को भी प्रेरित किया है।
जैविक खेती को बढ़ावा देने की पहल
नवसारी में जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए आत्मा प्रोजेक्ट और गुजरात नेचुरल डेवलपमेंट बोर्ड (Gujarat Natural Development Board) द्वारा विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। यहां स्थित प्राकृतिक खेती मॉडल फार्म को अब तक 2,428 किसान देख चुके हैं। इससे यह साफ होता है कि किसान अब Chemical Farming छोड़कर Natural Farming को अपनाने के लिए गंभीर हो रहे हैं।
कांतीभाई का फार्म
कांतीभाई का फार्म जैविक खेती का एक आदर्श उदाहरण बन चुका है। वे पपीता, केला, बैंगन, मिर्च, गालका, आम, हल्दी और भिंडी जैसी फसलें जैविक तरीके से उगाते हैं। उनकी मेहनत और लगन ने यह साबित कर दिया है कि जैविक खेती केवल पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए ही नहीं, बल्कि किसानों की आर्थिक उन्नति के लिए भी जरूरी है।
गुजरात के किसानों की नई उम्मीद
जैविक खेती को लेकर गुजरात के किसानों का उत्साह बढ़ता ही जा रहा है। कांतीभाई पटेल जैसे किसान यह साबित कर रहे हैं कि सही तकनीक और मेहनत से प्राकृतिक खेती न केवल लाभदायक है, बल्कि यह कृषि के लिए एक स्थायी समाधान भी है। नवसारी जिले का यह मॉडल पूरे भारत में किसानों के लिए प्रेरणा बन गया है।